संभल में चाइनीज मांझे से सफाई कर्मचारी की गर्दन कटी:सीएम दौरे की तैयारी से लौटते समय हुआ हादसा, हालत गंभीर

सम्भल में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के संभावित दौरे की तैयारियों के लिए बुधवार शाम बहजोई में एक प्रशासनिक बैठक आयोजित की गई थी। इसी बैठक में शामिल होकर वापस लौट रहे एक सफाई कर्मचारी के साथ रास्ते में हादसा हो गया। चौधरी सराय चौराहे के पास हवा में लटके प्रतिबंधित चाइनीज़ मांझे ने बाइक सवार कर्मचारी की गर्दन को काट दिया। घायल व्यक्ति की पहचान दयाराम सिंह के रूप में हुई है। वह मुरादाबाद के शंकरपुर, थाना छजलैट के निवासी हैं और असमोली ब्लॉक में सफाई कर्मचारी के पद पर कार्यरत हैं। बुधवार को दयाराम अपने भाई रामोतार के साथ मोटरसाइकिल से बहजोई में आयोजित बैठक में भाग लेकर वापस आ रहे थे। शाम करीब साढ़े छह बजे जब वे चौधरी सराय चौराहे के पास पहुंचे, तो हवा में लटका चाइनीज़ मांझा उनकी गर्दन में फंस गया। मांझे की तेज़ धार ने उनकी गर्दन की दो नसों को काट डाला। हादसे के तुरंत बाद उनके भाई ने बाइक रोकी और घायल दयाराम को तुरंत निजी अस्पताल पहुँचाया। चिकित्सकों के अनुसार, यदि कुछ ही मिनटों की देरी होती, तो जान भी जा सकती थी। फिलहाल दयाराम की हालत स्थिर बताई जा रही है।

Aug 6, 2025 - 23:15
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संभल में चाइनीज मांझे से सफाई कर्मचारी की गर्दन कटी:सीएम दौरे की तैयारी से लौटते समय हुआ हादसा, हालत गंभीर
सम्भल में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के संभावित दौरे की तैयारियों के लिए बुधवार शाम बहजोई में एक प्रशासनिक बैठक आयोजित की गई थी। इसी बैठक में शामिल होकर वापस लौट रहे एक सफाई कर्मचारी के साथ रास्ते में हादसा हो गया। चौधरी सराय चौराहे के पास हवा में लटके प्रतिबंधित चाइनीज़ मांझे ने बाइक सवार कर्मचारी की गर्दन को काट दिया। घायल व्यक्ति की पहचान दयाराम सिंह के रूप में हुई है। वह मुरादाबाद के शंकरपुर, थाना छजलैट के निवासी हैं और असमोली ब्लॉक में सफाई कर्मचारी के पद पर कार्यरत हैं। बुधवार को दयाराम अपने भाई रामोतार के साथ मोटरसाइकिल से बहजोई में आयोजित बैठक में भाग लेकर वापस आ रहे थे। शाम करीब साढ़े छह बजे जब वे चौधरी सराय चौराहे के पास पहुंचे, तो हवा में लटका चाइनीज़ मांझा उनकी गर्दन में फंस गया। मांझे की तेज़ धार ने उनकी गर्दन की दो नसों को काट डाला। हादसे के तुरंत बाद उनके भाई ने बाइक रोकी और घायल दयाराम को तुरंत निजी अस्पताल पहुँचाया। चिकित्सकों के अनुसार, यदि कुछ ही मिनटों की देरी होती, तो जान भी जा सकती थी। फिलहाल दयाराम की हालत स्थिर बताई जा रही है।