झज्जर में प्लाट खरीदकर न फंसे नागरिक:बादली क्षेत्र में चिन्हित किए अवैध कॉलोनियों के खसरा नंबर, नियम तोड़ने वालों पर होगी कार्रवाई
झज्जर जिला प्रशासन ने एक बार फिर नागरिकों को चेतावनी दी है कि वे अवैध कालोनियों में प्लाट खरीदने से बचें, क्योंकि इन पर किसी प्रकार की वैध स्वीकृति नहीं है और ऐसी कालोनियों को प्रशासन द्वारा किसी भी समय ध्वस्त किया जा सकता है। उपायुक्त स्वप्निल रविंद्र पाटिल ने कहा कि जिले के कुछ क्षेत्रों में अवैध रूप से कॉलोनियां काटे जाने की सूचनाएं प्राप्त हुई हैं। प्रशासन ने इस पर कड़ा संज्ञान लेते हुए संबंधित अधिकारियों को कार्रवाई के निर्देश जारी कर दिए हैं। डीसी ने बताया कि बादली तहसील के अंतर्गत आने वाले क्षेत्रों में कुछ व्यक्तियों द्वारा भूमि का अवैध रूप से प्लॉटिंग कार्य किया जा रहा है। उन्होंने स्पष्ट कहा कि ऐसी अवैध गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी और नागरिकों को भी अपनी मेहनत की गाढ़ी कमाई ऐसे फर्जी सौदों में लगाने से बचना चाहिए। चिह्नित किए गए खसरा नंबर जिला नगर योजनाकार (DTP) झज्जर ने बताया कि बादली उपमंडल के गांव बाढ़सा, बादली और दरियापुर में कुछ भूमि खसरा नंबरों पर अवैध कॉलोनियों के निर्माण की जानकारी मिली है।
इन खसरा नंबरों को अवैध प्लॉटिंग के लिए प्रशासन द्वारा चिह्नित किया गया है। गांव बाढ़सा : 97//3, 4, 8, 12/5, 13, 18/2, 19/1 गांव बादली : 176//16, 25, 185//5, 6/1, 7 गांव दरियापुर : 14//9/1, 9/2, 12 डीटीपी ने बताया कि इन खसरा नंबरों की भूमि पर किसी प्रकार की CLU या NOC जारी नहीं की गई है। इसलिए यहां पर कोई भी कॉलोनी या प्लॉटिंग पूरी तरह अवैध मानी जाएगी। बिजली व रजिस्ट्री पर रोक डीसी स्वप्निल रविंद्र पाटिल ने एसडीएम बादली, जिला राजस्व अधिकारी झज्जर और तहसीलदार बादली को निर्देश दिए हैं कि चिह्नित खसरा नंबरों में किसी भी प्रकार की रजिस्ट्री या इंतकाल न किया जाए।
इसके अलावा, उन्होंने बिजली निगम के अधिकारियों को भी सख्त निर्देश दिए हैं कि अवैध कॉलोनियों वाले क्षेत्रों में कोई नया बिजली कनेक्शन जारी नहीं किया जाए। डीसी पाटिल ने नागरिकों से आह्वान किया है कि वे किसी भी भूमि या प्लॉट को खरीदने से पहले उसकी वैधता की जांच जिला नगर योजनाकार कार्यालय से अवश्य कर लें। उन्होंने कहा, अवैध कॉलोनियों में निवेश करना अपने भविष्य को खतरे में डालने के समान है। प्रशासन ऐसे मामलों में बिल्कुल शून्य सहनशीलता की नीति पर काम कर रहा है। उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा जारी नगर नियोजन एवं विकास नियमों के तहत केवल वही कॉलोनियां वैध हैं, जिन्हें विभागीय स्वीकृति (CLU, NOC, और Layout Plan Approval) प्राप्त हो। बिना स्वीकृति के की गई किसी भी प्रकार की प्लॉटिंग या बिक्री को पूर्णतः गैरकानूनी माना जाएगा।
झज्जर जिला प्रशासन ने एक बार फिर नागरिकों को चेतावनी दी है कि वे अवैध कालोनियों में प्लाट खरीदने से बचें, क्योंकि इन पर किसी प्रकार की वैध स्वीकृति नहीं है और ऐसी कालोनियों को प्रशासन द्वारा किसी भी समय ध्वस्त किया जा सकता है। उपायुक्त स्वप्निल रविंद्र पाटिल ने कहा कि जिले के कुछ क्षेत्रों में अवैध रूप से कॉलोनियां काटे जाने की सूचनाएं प्राप्त हुई हैं। प्रशासन ने इस पर कड़ा संज्ञान लेते हुए संबंधित अधिकारियों को कार्रवाई के निर्देश जारी कर दिए हैं। डीसी ने बताया कि बादली तहसील के अंतर्गत आने वाले क्षेत्रों में कुछ व्यक्तियों द्वारा भूमि का अवैध रूप से प्लॉटिंग कार्य किया जा रहा है। उन्होंने स्पष्ट कहा कि ऐसी अवैध गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी और नागरिकों को भी अपनी मेहनत की गाढ़ी कमाई ऐसे फर्जी सौदों में लगाने से बचना चाहिए। चिह्नित किए गए खसरा नंबर जिला नगर योजनाकार (DTP) झज्जर ने बताया कि बादली उपमंडल के गांव बाढ़सा, बादली और दरियापुर में कुछ भूमि खसरा नंबरों पर अवैध कॉलोनियों के निर्माण की जानकारी मिली है।
इन खसरा नंबरों को अवैध प्लॉटिंग के लिए प्रशासन द्वारा चिह्नित किया गया है। गांव बाढ़सा : 97//3, 4, 8, 12/5, 13, 18/2, 19/1 गांव बादली : 176//16, 25, 185//5, 6/1, 7 गांव दरियापुर : 14//9/1, 9/2, 12 डीटीपी ने बताया कि इन खसरा नंबरों की भूमि पर किसी प्रकार की CLU या NOC जारी नहीं की गई है। इसलिए यहां पर कोई भी कॉलोनी या प्लॉटिंग पूरी तरह अवैध मानी जाएगी। बिजली व रजिस्ट्री पर रोक डीसी स्वप्निल रविंद्र पाटिल ने एसडीएम बादली, जिला राजस्व अधिकारी झज्जर और तहसीलदार बादली को निर्देश दिए हैं कि चिह्नित खसरा नंबरों में किसी भी प्रकार की रजिस्ट्री या इंतकाल न किया जाए।
इसके अलावा, उन्होंने बिजली निगम के अधिकारियों को भी सख्त निर्देश दिए हैं कि अवैध कॉलोनियों वाले क्षेत्रों में कोई नया बिजली कनेक्शन जारी नहीं किया जाए। डीसी पाटिल ने नागरिकों से आह्वान किया है कि वे किसी भी भूमि या प्लॉट को खरीदने से पहले उसकी वैधता की जांच जिला नगर योजनाकार कार्यालय से अवश्य कर लें। उन्होंने कहा, अवैध कॉलोनियों में निवेश करना अपने भविष्य को खतरे में डालने के समान है। प्रशासन ऐसे मामलों में बिल्कुल शून्य सहनशीलता की नीति पर काम कर रहा है। उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा जारी नगर नियोजन एवं विकास नियमों के तहत केवल वही कॉलोनियां वैध हैं, जिन्हें विभागीय स्वीकृति (CLU, NOC, और Layout Plan Approval) प्राप्त हो। बिना स्वीकृति के की गई किसी भी प्रकार की प्लॉटिंग या बिक्री को पूर्णतः गैरकानूनी माना जाएगा।