BSA संभल को हाई कोर्ट ने जारी किया जमानती वारंट:अवमानना के एक मामले में उन्हें खुद पेश होना था लेकिन कोर्ट में नहीं उपस्थित हुईं BSA
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने BSA( जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी) संभल, अल्का शर्मा के खिलाफ जमानती वारंट जारी किया है। अदालत ने यह कदम तब उठाया जब अवमानना के एक मामले में उन्हें व्यक्तिगत रूप से या हलफनामा दाखिल करके पेश होना था। लेकिन वह उपस्थित नहीं हुईं। यह आदेश न्यायमूर्ति नीरज तिवारी की एकल पीठ ने चरण सिंह और 84 अन्य की अवमानना अर्जी पर दिया है। इससे पहले 29 जुलाई, 2025 को कोर्ट ने प्रतिवादी को नोटिस जारी कर यह बताने के लिए कहा था कि क्यों न उनके खिलाफ अदालत के आदेश की अवहेलना के लिए अवमानना की कार्यवाही शुरू की जाए। आदेश की एक प्रति संभल सीजेएम को तत्काल भेजें कार्यालय की रिपोर्ट के अनुसार, बीएसए अल्का शर्मा को नोटिस तामील हो चुका था। इसके बावजूद 12 सितंबर, 2025 को जब मामले की सुनवाई हुई, तो वह न तो अदालत में मौजूद थीं और न ही उन्होंने कोई हलफनामा दाखिल किया। इस पर कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट संभल के माध्यम से उनके खिलाफ जमानती वारंट जारी करने का आदेश दिया, ताकि अगली सुनवाई में उनकी उपस्थिति सुनिश्चित की जा सके। कोर्ट ने रजिस्ट्रार (अनुपालन) को यह भी निर्देश दिया है कि वे इस आदेश की एक प्रति 24 घंटे के भीतर सीजेएम, संभल को भेजें ताकि इसका कड़ाई से अनुपालन हो सके। मामले की अगली सुनवाई 7 अक्टूबर, 2025 को होगी।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने BSA( जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी) संभल, अल्का शर्मा के खिलाफ जमानती वारंट जारी किया है। अदालत ने यह कदम तब उठाया जब अवमानना के एक मामले में उन्हें व्यक्तिगत रूप से या हलफनामा दाखिल करके पेश होना था। लेकिन वह उपस्थित नहीं हुईं। यह आदेश न्यायमूर्ति नीरज तिवारी की एकल पीठ ने चरण सिंह और 84 अन्य की अवमानना अर्जी पर दिया है। इससे पहले 29 जुलाई, 2025 को कोर्ट ने प्रतिवादी को नोटिस जारी कर यह बताने के लिए कहा था कि क्यों न उनके खिलाफ अदालत के आदेश की अवहेलना के लिए अवमानना की कार्यवाही शुरू की जाए। आदेश की एक प्रति संभल सीजेएम को तत्काल भेजें कार्यालय की रिपोर्ट के अनुसार, बीएसए अल्का शर्मा को नोटिस तामील हो चुका था। इसके बावजूद 12 सितंबर, 2025 को जब मामले की सुनवाई हुई, तो वह न तो अदालत में मौजूद थीं और न ही उन्होंने कोई हलफनामा दाखिल किया। इस पर कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट संभल के माध्यम से उनके खिलाफ जमानती वारंट जारी करने का आदेश दिया, ताकि अगली सुनवाई में उनकी उपस्थिति सुनिश्चित की जा सके। कोर्ट ने रजिस्ट्रार (अनुपालन) को यह भी निर्देश दिया है कि वे इस आदेश की एक प्रति 24 घंटे के भीतर सीजेएम, संभल को भेजें ताकि इसका कड़ाई से अनुपालन हो सके। मामले की अगली सुनवाई 7 अक्टूबर, 2025 को होगी।