पिछले कुछ वर्षों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) ने हमारे जीवन के हर क्षेत्र में तेजी से प्रवेश किया है और यह शिक्षा, मनोरंजन, व्यवसाय और विज्ञान तक में अपनी अहम भूमिका निभा रहा है। बता दें कि इस तेजी ने तकनीकी कंपनियों और निवेशकों के बीच भारी उत्साह और करोड़ों डॉलर के निवेश को भी जन्म दिया है।
मौजूदा जानकारी के अनुसार, Meta के सीईओ मार्क ज़करबर्ग और OpenAI के सीईओ सैम ऑल्टमैन ने हाल ही में इस क्षेत्र में निवेश और उत्साह को लेकर सतर्कता जताई है। दोनों का मानना है कि AI में निवेश और उम्मीदों का स्तर अत्यधिक बढ़ गया है और यह लंबे समय में असंतुलन पैदा कर सकता है। सैम ऑल्टमैन ने इसे 1990 के दशक के इंटरनेट बूम से जोड़कर समझाया। उनका कहना है कि तकनीक वास्तविक है और इसके फायदे महत्वपूर्ण हैं, लेकिन लोगों का अति उत्साह और अनियंत्रित निवेश जोखिम बढ़ा सकते हैं।
ज़करबर्ग भी इसी चिंता को साझा करते हैं। उनका मानना है कि पिछले बड़े तकनीकी और आर्थिक उभारों की तरह, AI क्षेत्र में भी किसी तरह का “टेक बबल” बनने की संभावना है। हालांकि, उन्होंने कहा कि इसका मतलब यह नहीं है कि AI पूरी तरह से टूट जाएगा। बल्कि यह संकेत है कि आर्थिक उत्साह और वास्तविक तकनीकी प्रगति के बीच संतुलन बनाए रखना आवश्यक है। यदि मांग और तकनीकी क्षमता साथ-साथ बढ़ती रही, तो AI का वास्तविक विकास सुनिश्चित किया जा सकता है।
गौरतलब है कि विशेषज्ञों के अनुसार, वर्तमान स्थिति में कई कंपनियां बड़ी उम्मीदों और निवेश के साथ AI में कदम रख रही हैं, जबकि उनके पास ठोस व्यवसाय मॉडल नहीं है। यदि तकनीकी प्रगति और निवेश की गति में तालमेल नहीं बना, तो डॉट-कॉम बबल जैसी स्थिति उत्पन्न हो सकती है। इसमें AI पूरी तरह खत्म नहीं होगा, लेकिन बिना मजबूत आधार वाली कंपनियों को बड़े नुकसान का सामना करना पड़ सकता है। वहीं, जो कंपनियां वास्तविक तकनीक और स्थायी मॉडल पर काम कर रही हैं, वे जीवित रहेंगी।
मौजूदा जानकारी के अनुसार, न तो ज़करबर्ग और न ही ऑल्टमैन AI के खिलाफ हैं। दोनों ही इस क्षेत्र के अग्रणी नेताओं में से हैं। उनका उद्देश्य केवल इस “अंधे उत्साह” को कम करना और यह याद दिलाना है कि हर तकनीकी क्रांति स्थिर होने से पहले अपने मूल्यांकन में अतिवृद्धि का सामना कर सकती है। विशेषज्ञों का कहना है कि AI का यह विकास अभी सिर्फ शुरुआती चरण में है और आने वाले समय में इसके प्रभाव और दिशा को ध्यान से देखना आवश्यक है।
AI में निवेश और तकनीकी प्रगति के बीच संतुलन बनाए रखना अब सबसे बड़ी चुनौती बन चुका है और यह तय करेगा कि भविष्य में यह क्षेत्र स्थायी रूप से विकसित होगा या कुछ कंपनियों को पीछे हटना पड़ेगा।