Cyber Fraud: ज्यादा मुनाफे के चक्कर में पुणे IT पेशेवर 3.66 करोड़ का शिकार, ऑनलाइन शेयर ट्रेडिंग घोटाले का खुलासा

पुणे में एक 52 वर्षीय आईटी पेशेवर ने ऑनलाइन शेयर ट्रेडिंग घोटाले में 3.66 करोड़ रुपये गंवा दिए। पुणे साइबर पुलिस के अनुसार, यह मामला रविवार को दर्ज किया गया, जब पीड़ित ने अपनी शिकायत प्रस्तुत की।मौजूदा जानकारी के अनुसार, यह व्यक्ति हडपसर का रहने वाला है और उसने सोशल मीडिया पर एक निवेश लिंक देखा। उसने जैसे ही लिंक पर क्लिक किया वह एक मैसेजिंग प्लेटफॉर्म के ग्रुप से जुड़ गया, जहाँ सदस्यों ने शेयर ट्रेडिंग से भारी मुनाफे के दावे साझा किए। इस बात से प्रभावित होकर उसने ग्रुप के एडमिन से मार्गदर्शन लिया।बता दें कि एडमिन ने उसे एक ट्रेडिंग एप्लिकेशन डाउनलोड करने का लिंक भेजा और इसके माध्यम से निवेश करने को कहा। पुलिस के अनुसार, यह एप नकली था और धोखेबाजों द्वारा रिमोट कंट्रोल किया जा रहा था। शुरुआत में पीड़ित ने छोटे निवेश किए, लेकिन बाद में प्रीमियम शेयर और आईपीओ में उच्च रिटर्न के वादे पर बड़ी रकम ट्रांसफर करने के लिए राजी कर लिया गया।गौरतलब है कि धोखेबाजों ने कई बैंक खाते दिए और दावा किया कि वे उसके तरफ से ट्रेड करेंगे। एप में दिखाए गए झूठे मुनाफे ने पीड़ित को और अधिक पैसे जमा करने के लिए उकसाया। जब उसने पैसे निकालने का प्रयास किया, तो धोखेबाजों ने लेनदेन ब्लॉक कर दिए और और अधिक धन की मांग की। तब जाकर पीड़ित ने साइबर पुलिस से संपर्क किया।पुलिस ने कहा कि यह मामला ऑनलाइन ट्रेडिंग घोटालों की बढ़ते ट्रेंड को दिखाता है, जो पेशेवरों को तेज़ और ज्यादा लाभ के लालच से निशाना बनाते हैं। गौरतलब है कि इसी महीने पिंपरी क्षेत्र के एक व्यक्ति ने इसी तरह के धोखाधड़ी में 2.10 करोड़ रुपये गंवा दिए थे।मौजूद जानकारी के अनुसार, पुलिस जांच में यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि धोखेबाज किस नेटवर्क के माध्यम से इस घोटाले को अंजाम दे रहे हैं और भविष्य में ऐसे मामलों को रोकने के लिए क्या कदम उठाए जा सकते हैं।

Oct 14, 2025 - 20:04
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पुणे में एक 52 वर्षीय आईटी पेशेवर ने ऑनलाइन शेयर ट्रेडिंग घोटाले में 3.66 करोड़ रुपये गंवा दिए। पुणे साइबर पुलिस के अनुसार, यह मामला रविवार को दर्ज किया गया, जब पीड़ित ने अपनी शिकायत प्रस्तुत की।

मौजूदा जानकारी के अनुसार, यह व्यक्ति हडपसर का रहने वाला है और उसने सोशल मीडिया पर एक निवेश लिंक देखा। उसने जैसे ही लिंक पर क्लिक किया वह एक मैसेजिंग प्लेटफॉर्म के ग्रुप से जुड़ गया, जहाँ सदस्यों ने शेयर ट्रेडिंग से भारी मुनाफे के दावे साझा किए। इस बात से प्रभावित होकर उसने ग्रुप के एडमिन से मार्गदर्शन लिया।

बता दें कि एडमिन ने उसे एक ट्रेडिंग एप्लिकेशन डाउनलोड करने का लिंक भेजा और इसके माध्यम से निवेश करने को कहा। पुलिस के अनुसार, यह एप नकली था और धोखेबाजों द्वारा रिमोट कंट्रोल किया जा रहा था। शुरुआत में पीड़ित ने छोटे निवेश किए, लेकिन बाद में प्रीमियम शेयर और आईपीओ में उच्च रिटर्न के वादे पर बड़ी रकम ट्रांसफर करने के लिए राजी कर लिया गया।

गौरतलब है कि धोखेबाजों ने कई बैंक खाते दिए और दावा किया कि वे उसके तरफ से ट्रेड करेंगे। एप में दिखाए गए झूठे मुनाफे ने पीड़ित को और अधिक पैसे जमा करने के लिए उकसाया। जब उसने पैसे निकालने का प्रयास किया, तो धोखेबाजों ने लेनदेन ब्लॉक कर दिए और और अधिक धन की मांग की। तब जाकर पीड़ित ने साइबर पुलिस से संपर्क किया।

पुलिस ने कहा कि यह मामला ऑनलाइन ट्रेडिंग घोटालों की बढ़ते ट्रेंड को दिखाता है, जो पेशेवरों को तेज़ और ज्यादा लाभ के लालच से निशाना बनाते हैं। गौरतलब है कि इसी महीने पिंपरी क्षेत्र के एक व्यक्ति ने इसी तरह के धोखाधड़ी में 2.10 करोड़ रुपये गंवा दिए थे।

मौजूद जानकारी के अनुसार, पुलिस जांच में यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि धोखेबाज किस नेटवर्क के माध्यम से इस घोटाले को अंजाम दे रहे हैं और भविष्य में ऐसे मामलों को रोकने के लिए क्या कदम उठाए जा सकते हैं।