लखनऊ के डेंटल कॉलेज में गीता पर विशेष सत्र:इस्कॉन के विशेषज्ञों ने युवा डॉक्टरों को दिए जीवन जीने के गुर

लखनऊ के सरदार पटेल पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ डेंटल एंड मेडिकल साइंसेज में सोमवार को एक विशेष प्रश्नोत्तर सत्र हुआ। इस सत्र का विषय था 'श्रीमद भगवद गीता : आध्यात्मिकता के साथ-साथ भौतिक जीवन के लिए भी अत्यन्त उपयोगी'। श्री श्री राधा रमण बिहारी मंदिर (इस्कॉन) लखनऊ के अध्यक्ष अपरिमेय श्याम प्रभु और इस्कॉन गर्ल्स फोरम की निदेशक अचिंत्य रुपिणी माताजी ने सत्र में भाग लिया। युवा डॉक्टरों और छात्रों ने करियर, रिश्तों, तनाव और जीवन के उद्देश्य से जुड़े सवाल पूछे। युवाओं को आंतरिक शांति और आत्मचिंतन पर ध्यान देने की सलाह दी विशेषज्ञों ने बताया कि गीता केवल धार्मिक ग्रंथ नहीं, बल्कि जीवन का मार्गदर्शक है। अपरिमेय श्याम प्रभु ने युवाओं को आंतरिक शांति और आत्मचिंतन पर ध्यान देने की सलाह दी। अचिंत्य रुपिणी माताजी ने तनावमुक्त रहने के लिए गीता का अध्ययन और हरे कृष्ण महामंत्र के जप का सुझाव दिया। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में युवा डॉक्टरों ने भाग लिया। संस्थान ने भविष्य में भी ऐसे कार्यक्रम आयोजित करने की योजना बनाई है। सत्र के अंत में अपरिमेय श्याम प्रभु ने सभी से प्रतिदिन गीता पढ़ने और नामजप को जीवन का हिस्सा बनाने का आग्रह किया।

Sep 23, 2025 - 23:21
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लखनऊ के डेंटल कॉलेज में गीता पर विशेष सत्र:इस्कॉन के विशेषज्ञों ने युवा डॉक्टरों को दिए जीवन जीने के गुर
लखनऊ के सरदार पटेल पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ डेंटल एंड मेडिकल साइंसेज में सोमवार को एक विशेष प्रश्नोत्तर सत्र हुआ। इस सत्र का विषय था 'श्रीमद भगवद गीता : आध्यात्मिकता के साथ-साथ भौतिक जीवन के लिए भी अत्यन्त उपयोगी'। श्री श्री राधा रमण बिहारी मंदिर (इस्कॉन) लखनऊ के अध्यक्ष अपरिमेय श्याम प्रभु और इस्कॉन गर्ल्स फोरम की निदेशक अचिंत्य रुपिणी माताजी ने सत्र में भाग लिया। युवा डॉक्टरों और छात्रों ने करियर, रिश्तों, तनाव और जीवन के उद्देश्य से जुड़े सवाल पूछे। युवाओं को आंतरिक शांति और आत्मचिंतन पर ध्यान देने की सलाह दी विशेषज्ञों ने बताया कि गीता केवल धार्मिक ग्रंथ नहीं, बल्कि जीवन का मार्गदर्शक है। अपरिमेय श्याम प्रभु ने युवाओं को आंतरिक शांति और आत्मचिंतन पर ध्यान देने की सलाह दी। अचिंत्य रुपिणी माताजी ने तनावमुक्त रहने के लिए गीता का अध्ययन और हरे कृष्ण महामंत्र के जप का सुझाव दिया। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में युवा डॉक्टरों ने भाग लिया। संस्थान ने भविष्य में भी ऐसे कार्यक्रम आयोजित करने की योजना बनाई है। सत्र के अंत में अपरिमेय श्याम प्रभु ने सभी से प्रतिदिन गीता पढ़ने और नामजप को जीवन का हिस्सा बनाने का आग्रह किया।