सहारनपुर में बेरोजगार युवकों को बनाता था क्लर्क शिकार:निगम में करता है काम, ठगे 24 लाख, फर्जी नियुक्ति पत्र दिए, कोर्ट के आदेश पर हुई FIR
सहारनपुर नगर निगम के उद्यान विभाग में तैनात लिपिक विवेक मौर्य पर नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी का गंभीर आरोप लगा है। आरोपी ने बदायूं निवासी एक युवक से विभिन्न विभागों में नौकरी लगवाने का झांसा देकर 24 लाख रुपये की ठगी की। कोर्ट के आदेश पर बदायूं के सिविल लाइंस थाना पुलिस ने आरोपी विवेक मौर्य और एक अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज किया है। बदायूं जिले के उसावां थाना क्षेत्र स्थित गांव सिसौरा निवासी अजय रत्न ने बताया कि वह अपने भाई से मिलने सहारनपुर आया था। उसका भाई नगर निगम में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी है। इसी दौरान उसकी मुलाकात नगर निगम के उद्यान विभाग में लिपिक पद पर कार्यरत विवेक मौर्य से हुई। बातचीत के दौरान विवेक ने खुद को ऊंची पहुंच वाला बताते हुए कहा कि वह बेरोजगार युवकों को नगर निगम समेत विभिन्न विभागों में नौकरी लगवा सकता है। अजय रत्न आरोपी क्लर्क विवेक की बातों में आ गया और खुद के अलावा 11 अन्य बेरोजगार युवकों को भी शामिल कर लिया। उसने कुल 24 लाख रुपए विवेक मौर्य को नौकरी लगवाने के नाम पर दे दिए। ये रकम 31 अक्टूबर 2024 को बदायूं स्थित भाजपा कार्यालय के पास दी गई थी। आरोप है कि विवेक मौर्य ने 15 नवंबर 2024 को सभी युवकों को नियुक्ति पत्र थमा दिए। लेकिन जब ये युवक संबंधित विभागों में पहुंचे तो पता चला कि नियुक्ति पत्र पूरी तरह फर्जी हैं। इसके बाद अजय रत्न ने कई बार विवेक से संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन उसने फोन उठाना बंद कर दिया। करीब एक माह पूर्व अजय रत्न की विवेक से फिर मुलाकात हुई, तब विवेक कुछ अज्ञात लोगों को लेकर बदायूं भाजपा कार्यालय के पास आया और अजय के साथ अभद्र व्यवहार किया। अजय का आरोप है कि शिकायत करने पर विवेक ने उसे झूठे मुकदमों में फंसाने और उसके भाई की नौकरी छीनने की धमकी भी दी। पीड़ित अजय रत्न ने पहले सिविल लाइंस थाने में तहरीर दी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसके बाद उसने 22 फरवरी को डाक के माध्यम से एसएसपी को शिकायत भेजी। वहां से भी कोई जवाब नहीं आया। बाद में पीड़ित अजय ने कोर्ट की शरण ली, जहां से आदेश मिलने के बाद पुलिस ने अब आरोपी क्लर्क विवेक मौर्य और एक अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। पुलिस का कहना है कि कोर्ट के आदेश पर केस दर्ज कर विवेचना शुरू कर दी गई है। आरोपी की भूमिका और फर्जी नियुक्ति पत्रों से संबंधित दस्तावेज खंगाले जा रहे हैं। जल्द ही सख्त कार्रवाई की जाएगी।
