राजसमंद में शरद पूर्णिमा पर रास महोत्सव:सखियां ग्रुप ने जमकर किया नृत्य, माहेश्वरी मोहल्ले में हुई सत्यनारायण कथा

राजसमंद में शरद पूर्णिमा के पावन अवसर पर माहेश्वरी मोहल्ला में सखियां ग्रुप द्वारा रास महोत्सव में धार्मिक उत्साह का अद्भुत संगम दिखाई दिया। रास की धुनों पर भक्तिमय वातावरण ने समूचे मोहल्ले को आध्यात्मिक रंग में रंग दिया। दोनों ही कार्यक्रम की व्यवस्थाएं व संचालन मातृ शक्ति द्वारा ही किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत नाथद्वारा की प्रसिद्ध कथावाचक दीदी नीना शर्मा द्वारा भावपूर्ण अंदाज में सत्यनारायण भगवान की कथा से हुई। कथा के दौरान उन्होंने प्रसंगों के माध्यम से बताया कि कलयुग में कल्याण कैसे संभव है, निर्धन को धन कैसे प्राप्त होता है, संतान प्राप्ति और बंधन मुक्ति के उपाय क्या हैं। उनके वचनों ने श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। कथा के दौरान भजनों की स्वर लहरियों पर श्रोता अपने आप को थिरकने से रोक नही पाए। इसके बाद रास महोत्सव की शुरुआत हुई, जिसमें सखियां ग्रुप की महिलाओं ने पारंपरिक परिधानों में रास लीला के भाव से नृत्य किया। रास की मधुर धुनों पर महिलाओं ने पारंपरिक गरबा शैली में नृत्य किया और चाँदनी रात में वातावरण भक्ति भाव से गूंज उठा। कार्यक्रम के अंत में सत्यनारायण भगवान की महाआरती की गई ओर पूर्णिमा की चांदनी में खीर प्रसाद, फल व कसार का भोग लगाकर श्रद्धालुओं में वितरण किया गया। आयोजन के दौरान भक्ति, आनंद और समर्पण की अनूठी झलक देखने को मिली।

Oct 7, 2025 - 16:48
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राजसमंद में शरद पूर्णिमा पर रास महोत्सव:सखियां ग्रुप ने जमकर किया नृत्य, माहेश्वरी मोहल्ले में हुई सत्यनारायण कथा
राजसमंद में शरद पूर्णिमा के पावन अवसर पर माहेश्वरी मोहल्ला में सखियां ग्रुप द्वारा रास महोत्सव में धार्मिक उत्साह का अद्भुत संगम दिखाई दिया। रास की धुनों पर भक्तिमय वातावरण ने समूचे मोहल्ले को आध्यात्मिक रंग में रंग दिया। दोनों ही कार्यक्रम की व्यवस्थाएं व संचालन मातृ शक्ति द्वारा ही किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत नाथद्वारा की प्रसिद्ध कथावाचक दीदी नीना शर्मा द्वारा भावपूर्ण अंदाज में सत्यनारायण भगवान की कथा से हुई। कथा के दौरान उन्होंने प्रसंगों के माध्यम से बताया कि कलयुग में कल्याण कैसे संभव है, निर्धन को धन कैसे प्राप्त होता है, संतान प्राप्ति और बंधन मुक्ति के उपाय क्या हैं। उनके वचनों ने श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। कथा के दौरान भजनों की स्वर लहरियों पर श्रोता अपने आप को थिरकने से रोक नही पाए। इसके बाद रास महोत्सव की शुरुआत हुई, जिसमें सखियां ग्रुप की महिलाओं ने पारंपरिक परिधानों में रास लीला के भाव से नृत्य किया। रास की मधुर धुनों पर महिलाओं ने पारंपरिक गरबा शैली में नृत्य किया और चाँदनी रात में वातावरण भक्ति भाव से गूंज उठा। कार्यक्रम के अंत में सत्यनारायण भगवान की महाआरती की गई ओर पूर्णिमा की चांदनी में खीर प्रसाद, फल व कसार का भोग लगाकर श्रद्धालुओं में वितरण किया गया। आयोजन के दौरान भक्ति, आनंद और समर्पण की अनूठी झलक देखने को मिली।