पापड़ी ओवरब्रिज पर आठ लेन के वाहनों का भार:रोज लगता है लंबा जाम, छह महीने में ही खराब हुई सड़क

दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस वे का आठ लेन का भारी यातायात दो लेन के पापड़ी ओवरब्रिज से गुजर रहा है। यह ओवरब्रिज दिल्ली-मुंबई रेलवे लाइन पर स्थित है। रेलवे और सार्वजनिक निर्माण विभाग ने इसका निर्माण रेलवे समपार फाटक पर लगने वाले जाम से निजात दिलाने के लिए किया था। पुल का डिजाइन स्टेट मेगा हाईवे के सीमित यातायात को ध्यान में रखकर बनाया गया था। विभागीय लापरवाही के चलते दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस वे को जल्दबाजी में चालू कर दिया गया। इससे पूरी स्थिति बदल गई। कोटा की ओर जाने और वहां से दिल्ली की ओर आने वाले वाहन भी इसी पुल का उपयोग करते हैं। अत्यधिक यातायात के कारण मात्र छह महीने में ही पुल की स्थिति खराब हो गई है। कई जगहों से डामर उखड़ गया है। दोनों तरफ की एप्रोच रोड में गहरे गड्ढे बन गए हैं। विभाग मरम्मत का काम करवा रहा है, लेकिन यह समस्या का स्थायी समाधान नहीं है। पुल अपनी क्षमता से दस गुना अधिक यातायात का भार वहन कर रहा है। इससे यह अपनी निर्धारित आयु से पहले ही क्षतिग्रस्त हो रहा है। रेलवे कोटा खण्ड एक्सईएन राजेश यादव ने कहा कि पापड़ी ओवरब्रिज का निर्माण रेलवे व सार्वजनिक निर्माण विभाग ने मिलकर किया था। जो समपार फाटक पर जाम से मुक्ति के लिये किया गया था। पुल के क्षतिग्रस्त हिस्से की मरम्मत कर दी गई है और स्थिति से उच्चाधिकारियों को अवगत करवा दिया गया है। ग्रामीणों और वाहन चालकों का रोष ग्रामीणों का कहना है कि यदि अधूरे एक्सप्रेस वे को बिना पूर्ण तैयारी के चालू नहीं किया जाता, तो यह समस्या ही उत्पन्न नहीं होती। सरकार ने जल्दबाजी में अधूरा एक्सप्रेस वे शुरू किया और अब उसका सारा बोझ हमारे इलाके पर डाल दिया है। जिससे पुल पर दिन–रात जाम रहता है, हादसों का डर हर समय बना रहता है। ग्रामीणों का कहना है कि केवल पुल की मरम्मत से काम नहीं चलेगा, या तो पुल का चौड़ीकरण हो या फिर ट्रैफिक डायवर्ट किया जाए। ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि समय रहते समाधान नहीं किया गया तो आये ही वाहन चालक हादसे के शिकार होंगे। प्रशासन पर सवाल स्थानीय लोगों का कहना है कि प्रशासन ने बिना दूरगामी योजना बनाए अधूरे एक्सप्रेस वे पर लबान से कोटा तक यातायात शुरू कर दिया जिससे भारी लोडिंग वाहन आबादी व इस ओवरब्रिज से होकर गुजर रहे है यह एक तरह से गंभीर लापरवाही है। अब इसकी कीमत हजारों वाहन चालकों और ग्रामीणों को रोजाना जाम और खतरे के रूप में चुकानी पड़ रही है। स्थिति से उच्चाधिकारियों को अवगत कराया लाखेरी एक्सईएन एस के सिंघल ने कहा कि ओवरब्रिज का निर्माण स्टेट मेगा हाईवे के दो लेन के संभावित वाहन दबाव के मापदंडों के अनुरूप किया गया था, लेकिन अब एक्सप्रेस वे आठ लेन के वाहन इस पुल पर मात्र दो लेन से गुजर रहे जो इसकी क्षमता से करीब दस गुना अधिक है। ऐसे एक्सप्रेस के यातायात को डायवर्ड करने की आवश्यकता है। क्षतिग्रस्त ओवरब्रिज का मरम्मत कार्य युद्ध स्तर पर गुणवत्तापूर्ण किया जा रहा है। स्थायी समाधान एक्सप्रेस के लबान से कुश्तला तक खण्ड के शुरू होने पर ही होगा। स्थिति से जिला कलेक्टर समेत उच्चाधिकारियों को अवगत करवा दिया गया है।

Sep 21, 2025 - 19:13
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पापड़ी ओवरब्रिज पर आठ लेन के वाहनों का भार:रोज लगता है लंबा जाम, छह महीने में ही खराब हुई सड़क
दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस वे का आठ लेन का भारी यातायात दो लेन के पापड़ी ओवरब्रिज से गुजर रहा है। यह ओवरब्रिज दिल्ली-मुंबई रेलवे लाइन पर स्थित है। रेलवे और सार्वजनिक निर्माण विभाग ने इसका निर्माण रेलवे समपार फाटक पर लगने वाले जाम से निजात दिलाने के लिए किया था। पुल का डिजाइन स्टेट मेगा हाईवे के सीमित यातायात को ध्यान में रखकर बनाया गया था। विभागीय लापरवाही के चलते दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस वे को जल्दबाजी में चालू कर दिया गया। इससे पूरी स्थिति बदल गई। कोटा की ओर जाने और वहां से दिल्ली की ओर आने वाले वाहन भी इसी पुल का उपयोग करते हैं। अत्यधिक यातायात के कारण मात्र छह महीने में ही पुल की स्थिति खराब हो गई है। कई जगहों से डामर उखड़ गया है। दोनों तरफ की एप्रोच रोड में गहरे गड्ढे बन गए हैं। विभाग मरम्मत का काम करवा रहा है, लेकिन यह समस्या का स्थायी समाधान नहीं है। पुल अपनी क्षमता से दस गुना अधिक यातायात का भार वहन कर रहा है। इससे यह अपनी निर्धारित आयु से पहले ही क्षतिग्रस्त हो रहा है। रेलवे कोटा खण्ड एक्सईएन राजेश यादव ने कहा कि पापड़ी ओवरब्रिज का निर्माण रेलवे व सार्वजनिक निर्माण विभाग ने मिलकर किया था। जो समपार फाटक पर जाम से मुक्ति के लिये किया गया था। पुल के क्षतिग्रस्त हिस्से की मरम्मत कर दी गई है और स्थिति से उच्चाधिकारियों को अवगत करवा दिया गया है। ग्रामीणों और वाहन चालकों का रोष ग्रामीणों का कहना है कि यदि अधूरे एक्सप्रेस वे को बिना पूर्ण तैयारी के चालू नहीं किया जाता, तो यह समस्या ही उत्पन्न नहीं होती। सरकार ने जल्दबाजी में अधूरा एक्सप्रेस वे शुरू किया और अब उसका सारा बोझ हमारे इलाके पर डाल दिया है। जिससे पुल पर दिन–रात जाम रहता है, हादसों का डर हर समय बना रहता है। ग्रामीणों का कहना है कि केवल पुल की मरम्मत से काम नहीं चलेगा, या तो पुल का चौड़ीकरण हो या फिर ट्रैफिक डायवर्ट किया जाए। ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि समय रहते समाधान नहीं किया गया तो आये ही वाहन चालक हादसे के शिकार होंगे। प्रशासन पर सवाल स्थानीय लोगों का कहना है कि प्रशासन ने बिना दूरगामी योजना बनाए अधूरे एक्सप्रेस वे पर लबान से कोटा तक यातायात शुरू कर दिया जिससे भारी लोडिंग वाहन आबादी व इस ओवरब्रिज से होकर गुजर रहे है यह एक तरह से गंभीर लापरवाही है। अब इसकी कीमत हजारों वाहन चालकों और ग्रामीणों को रोजाना जाम और खतरे के रूप में चुकानी पड़ रही है। स्थिति से उच्चाधिकारियों को अवगत कराया लाखेरी एक्सईएन एस के सिंघल ने कहा कि ओवरब्रिज का निर्माण स्टेट मेगा हाईवे के दो लेन के संभावित वाहन दबाव के मापदंडों के अनुरूप किया गया था, लेकिन अब एक्सप्रेस वे आठ लेन के वाहन इस पुल पर मात्र दो लेन से गुजर रहे जो इसकी क्षमता से करीब दस गुना अधिक है। ऐसे एक्सप्रेस के यातायात को डायवर्ड करने की आवश्यकता है। क्षतिग्रस्त ओवरब्रिज का मरम्मत कार्य युद्ध स्तर पर गुणवत्तापूर्ण किया जा रहा है। स्थायी समाधान एक्सप्रेस के लबान से कुश्तला तक खण्ड के शुरू होने पर ही होगा। स्थिति से जिला कलेक्टर समेत उच्चाधिकारियों को अवगत करवा दिया गया है।