अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने डोनाल्ड ट्रंप के देशद्रोह के आरोपों को निराधार बताकर खारिज किया है। ट्रंप अक्सर ओबामा पर नाम लेकर हमला करते हैं, लेकिन दोबारा राष्ट्रपति बनने के बाद पहली बार ओबामा पर आपराधिक कार्रवाई के आरोपों के साथ उंगली उठाई है। पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा के प्रवक्ता ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के आरोपों पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि ट्रम्प ने ओबामा और उनके प्रशासन के शीर्ष अधिकारियों पर 2016 के चुनाव में जीत के बाद उन्हें रूस से झूठा संबंध जोड़ने के लिए राजद्रोह की साजिश रचने का आरोप लगाया था। ओबामा के प्रवक्ता पैट्रिक रोडेनबुश ने कहा कि ये विचित्र आरोप हास्यास्पद हैं और ध्यान भटकाने का एक कमजोर प्रयास है।
ट्रंप ने क्या आरोप लगाया था
इससे पहले राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ओबामा और उनके शीर्ष सहयोगियों पर 2016 के चुनाव में जीत के बाद ट्रंप-रूस जांच शुरू करने में उनकी भूमिका के ज़रिए देशद्रोह"करने का आरोप लगाकर तनाव बढ़ा दिया था। ट्रंप की यह टिप्पणी राष्ट्रीय खुफिया निदेशक तुलसी गबार्ड द्वारा सार्वजनिक किए गए दस्तावेज़ों को जारी करने के बाद आई है, जिसमें उन्होंने ओबामा काल के दौरान राजनीतिक रूप से प्रेरित खुफिया हेरफेर की ओर इशारा किया था। ओवल ऑफिस से बोलते हुए, ट्रंप ने घोषणा करते हुए कहा कि यह साफ़ है, वह दोषी है। यह देशद्रोह था। उन्होंने चुनाव चुराने की कोशिश की, उन्होंने चुनाव को उलझाने की कोशिश की। उन्होंने ऐसे काम किए जिनकी किसी ने कभी कल्पना भी नहीं की थी, यहाँ तक कि दूसरे देशों में भी नहीं।
गबार्ड ने आपराधिक मामला दर्ज कराया
यह विवाद गबार्ड द्वारा सार्वजनिक किए गए दस्तावेज़ों से उपजा है। सार्वजनिक दस्तावेजों में पूर्व डीएनआई जेम्स क्लैपर, सीआईए निदेशक जॉन ब्रेनन, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार सुसान राइस, विदेश मंत्री जॉन केरी, अटॉर्नी जनरल लोरेटा लिंच और एफबीआई के उप निदेशक एंड्रयू मैककेब जैसे कई वरिष्ठ अधिकारियों के नाम हैं । ये कथित तौर पर ट्रम्प को रूस से जोड़ने वाली कहानी गढ़ने में शामिल थे। गबार्ड ने न्याय विभाग को एक आपराधिक रेफरल भेजा, जिसमें उन्होंने ओबामा प्रशासन द्वारा खुफिया जानकारी के राजनीतिकरण और संघीय शक्ति के दुरुपयोग के मामले की जांच का आग्रह किया।