गर्भवती को जमुई सदर अस्पताल में नहीं मिला स्ट्रेचर:पति को गोद में उठाकर ले जाना पड़ा, रक्तस्राव से गर्भ में बच्चे की मौत

जमुई सदर अस्पताल में बुधवार को स्वास्थ्य व्यवस्था की बदहाली एक बार फिर सामने आई। सोनो प्रखंड के जागीजोर निवासी मुन्ना कुमार अपनी गर्भवती पत्नी अंजली कुमारी को गंभीर हालत में अस्पताल लाए। अधिक रक्तस्राव के चलते महिला की हालत खराब हो रही थी। अस्पताल परिसर में महिला को स्ट्रेचर की व्यवस्था भी नहीं मिली और न ही वार्ड कर्मी मिले। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, मुन्ना कुमार अस्पताल के बाहर करीब 10 मिनट तक स्ट्रेचर और मदद का इंतजार करते रहे। लेकिन न तो कोई वार्ड बॉय आया और न ही स्ट्रेचर ही मिला। अंत में पति ने खुद ही पत्नी को गोद में उठाकर प्रसव कक्ष पहुंचाया। गर्भ में ही शिशु की मौत वार्ड में पहुंचने के बाद चिकित्सकों ने जांच कर बताया कि गर्भ में ही शिशु की मौत हो चुकी है। यह खबर सुनकर परिजनों में कोहराम मच गया। इस घटना ने अस्पताल प्रबंधन और राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। जीविका कर्मी ने निजी क्लिनिक भेजा, दलाली का आरोप जानकारी के अनुसार, 1 जुलाई से सदर अस्पताल की स्वास्थ्य व्यवस्था में सुधार के लिए जीविका समूह को जिम्मेदारी दी गई है। इसके तहत निजी एजेंसी के वार्ड बॉय और स्टाफ हटा दिए गए हैं। लेकिन सुधार की जगह हालात और बिगड़ते दिख रहे हैं। जीविका की कर्मचारी रेड्डी कुमारी पर आरोप है कि उन्होंने गंभीर स्थिति में पहुंची गर्भवती को सरकारी इलाज की बजाय निजी क्लिनिक भेजने की कोशिश की। सूत्रों के अनुसार, ऐसे मामलों में प्राइवेट क्लिनिक पहुंचाने पर दलालों को 4 से 5 हजार रुपए तक की रकम मिलती है। यही वजह है कि दलालों के साथ अब जीविका कर्मी भी इस नेटवर्क में शामिल बताए जा रहे हैं। अस्पताल प्रबंधक बोले- जांच होगी इस घटना के बाद अस्पताल प्रशासन पूरी तरह बचाव की मुद्रा में नजर आया। अस्पताल प्रबंधक रमेश पांडेय, जो उस समय पटना में मीटिंग में शामिल थे, ने कहा कि, “मुझे मामले की जानकारी मिली है। पूरी जांच कर रिपोर्ट वरीय अधिकारियों को सौंपी जाएगी।” ग्रामीणों और सामाजिक संगठनों ने मामले की उच्चस्तरीय जांच की मांग की है और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है।

Jul 23, 2025 - 17:46
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गर्भवती को जमुई सदर अस्पताल में नहीं मिला स्ट्रेचर:पति को गोद में उठाकर ले जाना पड़ा, रक्तस्राव से गर्भ में बच्चे की मौत
जमुई सदर अस्पताल में बुधवार को स्वास्थ्य व्यवस्था की बदहाली एक बार फिर सामने आई। सोनो प्रखंड के जागीजोर निवासी मुन्ना कुमार अपनी गर्भवती पत्नी अंजली कुमारी को गंभीर हालत में अस्पताल लाए। अधिक रक्तस्राव के चलते महिला की हालत खराब हो रही थी। अस्पताल परिसर में महिला को स्ट्रेचर की व्यवस्था भी नहीं मिली और न ही वार्ड कर्मी मिले। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, मुन्ना कुमार अस्पताल के बाहर करीब 10 मिनट तक स्ट्रेचर और मदद का इंतजार करते रहे। लेकिन न तो कोई वार्ड बॉय आया और न ही स्ट्रेचर ही मिला। अंत में पति ने खुद ही पत्नी को गोद में उठाकर प्रसव कक्ष पहुंचाया। गर्भ में ही शिशु की मौत वार्ड में पहुंचने के बाद चिकित्सकों ने जांच कर बताया कि गर्भ में ही शिशु की मौत हो चुकी है। यह खबर सुनकर परिजनों में कोहराम मच गया। इस घटना ने अस्पताल प्रबंधन और राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। जीविका कर्मी ने निजी क्लिनिक भेजा, दलाली का आरोप जानकारी के अनुसार, 1 जुलाई से सदर अस्पताल की स्वास्थ्य व्यवस्था में सुधार के लिए जीविका समूह को जिम्मेदारी दी गई है। इसके तहत निजी एजेंसी के वार्ड बॉय और स्टाफ हटा दिए गए हैं। लेकिन सुधार की जगह हालात और बिगड़ते दिख रहे हैं। जीविका की कर्मचारी रेड्डी कुमारी पर आरोप है कि उन्होंने गंभीर स्थिति में पहुंची गर्भवती को सरकारी इलाज की बजाय निजी क्लिनिक भेजने की कोशिश की। सूत्रों के अनुसार, ऐसे मामलों में प्राइवेट क्लिनिक पहुंचाने पर दलालों को 4 से 5 हजार रुपए तक की रकम मिलती है। यही वजह है कि दलालों के साथ अब जीविका कर्मी भी इस नेटवर्क में शामिल बताए जा रहे हैं। अस्पताल प्रबंधक बोले- जांच होगी इस घटना के बाद अस्पताल प्रशासन पूरी तरह बचाव की मुद्रा में नजर आया। अस्पताल प्रबंधक रमेश पांडेय, जो उस समय पटना में मीटिंग में शामिल थे, ने कहा कि, “मुझे मामले की जानकारी मिली है। पूरी जांच कर रिपोर्ट वरीय अधिकारियों को सौंपी जाएगी।” ग्रामीणों और सामाजिक संगठनों ने मामले की उच्चस्तरीय जांच की मांग की है और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है।