बिहार में वोटर वेरिफिकेशन पर JDU में ही टकराव:सांसद-विधायक बोले- ये तुगलकी फरमान, कई लोगों के नाम कट गए; SIR के लिए समय देना चाहिए
वोटर लिस्ट वेरिफिकेशन को लेकर महागठबंधन लगातार सरकार को घेर रहा है। JDU के विधायक और सांसद ने भी अब इसे लेकर मोर्चा खोल दिया है। JDU सांसद गिरधारी यादव ने इसे तुगलकी फरमान बताया है। उन्होंने कहा कि 'चुनाव आयोग को बिहार के बारे में कुछ नहीं पता है। वो कुछ भी फैसले लेते रहते हैं।' इधर, JDU विधायक डॉ. संजीव कुमार ने भी SIR पर सवाल खड़े कर दिए हैं। उन्होंने कहा कि 'मेरे विधानसभा में बहुत सारे लोगों के नाम कट चुके हैं। चुनाव आयोग को वोटर वेरिफिकेशन के लिए समय देना चाहिए।' JDU सांसद ने बताया EC का तुगलकी फरमान JDU सांसद गिरधारी यादव ने कहा कि 'चुनाव आयोग को व्यावहारिक ज्ञान नहीं है। वो बिहार का इतिहास भूगोल नहीं जानते हैं। बारिश के दिनों में जब खेती का दिन चल रहा है, ऐसे में कोई कैसे पेपर ढूंढेगा। मेरा बेटा अमेरिका में रहता है। वो कैसे साइन करेगा, एक महीने में। कराना था तो 6 महीने का समय देना चाहिए था। ये तुगलकी फरमान है। ये पार्टी का नहीं मेरा व्यक्तिगत बयान है। मैं सच्चाई बोलूंगा आप चाहे जिसका बयान समझिए।' JDU विधायक बोले- कई लोगों के नाम कट चुके हैं विधानसभा पहुंचे JDU विधायक डॉ. संजीव ने कहा है कि 'मेरे विधानसभा क्षेत्र में जो मजदूर तबके के लोग हैं उनका नाम वोटर लिस्ट से कटा है, जो बेहद दुखद है। बड़ी संख्या में लोग दूसरे प्रदेशों में काम कर रहे हैं। बड़ी संख्या में ऐसे लोग हैं, जिनसे संपर्क नहीं हो पा रहा है।' पोल में हिस्सा लेकर अपनी राय जरूरी दीजिए तेजस्वी बोले- सरकार ने 50-80 लाख से अधिक वोटर के नाम सूची से हटवाया तेजस्वी यादव ने SIR (विशेष गहन समीक्षा) पर कहा, 'हमने आज सदन में SIR को लेकर बात रखी, लेकिन इस दौरान उपमुख्यमंत्री द्वारा इतनी हल्की राजनीति करना उन्हें शोभा नहीं देता। सदन में अगर विपक्ष का नेता नहीं बोलेगा तो बोलेगा कौन?' 'सदन में जब हम बोल रहे थे तो बीच में सीएम उठे, लेकिन शायद उन्हें पता ही नहीं था कि किस विषय में चर्चा हो रही है। सदन में सबको विषय पता है कि चर्चा किस पर हो रही है, लेकिन मुख्यमंत्री को नहीं पता, वह अपनी मनमर्जी बोलते हैं।' 'सीएम की स्थिति अब बिहार चलाने लायक नहीं रही। राज्य को रिमोट कंट्रोल से दिल्ली से चलाया जा रहा है। इन्होंने 50-80 लाख से अधिक वोटर के नाम सूची से हटवाया है।' डिप्टी सीएम बोले- SIR पर लोगों को बरगलाने का काम कर रहा विपक्ष वहीं बिहार के डिप्टी सीएम विजय कुमार सिन्हा ने कहा, 'सदन में विपक्ष नेता को बोलने का मौका मिला और लंबे समय तक वो बोले। लेकिन उनमें भी एक नेता भाई वीरेंद्र ने कहा कि ये सदन किसी के पाप का नहीं है।' 'इस तरह से वह सदन के अंदर गुंडाराज स्थापित करना चाहते हैं। ये भूल गए हैं कि ये 90 का दशक नहीं है। SIR पर लोगों को बरगलाने का ये काम कर रहे है। भाई वीरेंद्र को हमने कहा कि आप माफी मांगें।' -------------- ये भी पढ़ें... बिहार में वोटर वेरिफिकेशन- खुफिया कैमरे पर 50 BLO:बोले- पाकिस्तानी, बांग्लादेशी जो हो, हमें पेपर से मतलब, फर्जीवाड़ा जांचना हमारा काम नहीं हमारे पास किसी भी वोटर का डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन करने की कोई व्यवस्था नहीं है। न ही हम किसी प्रकार के कागज की जांच करते हैं। जो मिला, वो फीड कर देते हैं। अब ये असली हैं या फर्जी, हम क्या जानें। हां, ये जरूर है कि जो कागज मिल रहे हैं, वही अंतिम हैं। ये बातें 50 से ज्यादा बूथ लेवल ऑफिसर (BLO) ने भास्कर के खुफिया कैमरे पर कहीं। अब बड़ा सवाल यह है कि जो सपोर्टिंग डॉक्यूमेंट दिए जा रहे हैं, उनकी जांच कौन करेगा? अगर कोई बांग्लादेशी और रोहिंग्या पहले से जाली डॉक्यूमेंट बनवाकर वोटर लिस्ट में अपडेट करा चुका है तो उसे कैसे पकड़ा जाएगा। पूरी खबर पढ़िए
वोटर लिस्ट वेरिफिकेशन को लेकर महागठबंधन लगातार सरकार को घेर रहा है। JDU के विधायक और सांसद ने भी अब इसे लेकर मोर्चा खोल दिया है। JDU सांसद गिरधारी यादव ने इसे तुगलकी फरमान बताया है। उन्होंने कहा कि 'चुनाव आयोग को बिहार के बारे में कुछ नहीं पता है। वो कुछ भी फैसले लेते रहते हैं।' इधर, JDU विधायक डॉ. संजीव कुमार ने भी SIR पर सवाल खड़े कर दिए हैं। उन्होंने कहा कि 'मेरे विधानसभा में बहुत सारे लोगों के नाम कट चुके हैं। चुनाव आयोग को वोटर वेरिफिकेशन के लिए समय देना चाहिए।' JDU सांसद ने बताया EC का तुगलकी फरमान JDU सांसद गिरधारी यादव ने कहा कि 'चुनाव आयोग को व्यावहारिक ज्ञान नहीं है। वो बिहार का इतिहास भूगोल नहीं जानते हैं। बारिश के दिनों में जब खेती का दिन चल रहा है, ऐसे में कोई कैसे पेपर ढूंढेगा। मेरा बेटा अमेरिका में रहता है। वो कैसे साइन करेगा, एक महीने में। कराना था तो 6 महीने का समय देना चाहिए था। ये तुगलकी फरमान है। ये पार्टी का नहीं मेरा व्यक्तिगत बयान है। मैं सच्चाई बोलूंगा आप चाहे जिसका बयान समझिए।' JDU विधायक बोले- कई लोगों के नाम कट चुके हैं विधानसभा पहुंचे JDU विधायक डॉ. संजीव ने कहा है कि 'मेरे विधानसभा क्षेत्र में जो मजदूर तबके के लोग हैं उनका नाम वोटर लिस्ट से कटा है, जो बेहद दुखद है। बड़ी संख्या में लोग दूसरे प्रदेशों में काम कर रहे हैं। बड़ी संख्या में ऐसे लोग हैं, जिनसे संपर्क नहीं हो पा रहा है।' पोल में हिस्सा लेकर अपनी राय जरूरी दीजिए तेजस्वी बोले- सरकार ने 50-80 लाख से अधिक वोटर के नाम सूची से हटवाया तेजस्वी यादव ने SIR (विशेष गहन समीक्षा) पर कहा, 'हमने आज सदन में SIR को लेकर बात रखी, लेकिन इस दौरान उपमुख्यमंत्री द्वारा इतनी हल्की राजनीति करना उन्हें शोभा नहीं देता। सदन में अगर विपक्ष का नेता नहीं बोलेगा तो बोलेगा कौन?' 'सदन में जब हम बोल रहे थे तो बीच में सीएम उठे, लेकिन शायद उन्हें पता ही नहीं था कि किस विषय में चर्चा हो रही है। सदन में सबको विषय पता है कि चर्चा किस पर हो रही है, लेकिन मुख्यमंत्री को नहीं पता, वह अपनी मनमर्जी बोलते हैं।' 'सीएम की स्थिति अब बिहार चलाने लायक नहीं रही। राज्य को रिमोट कंट्रोल से दिल्ली से चलाया जा रहा है। इन्होंने 50-80 लाख से अधिक वोटर के नाम सूची से हटवाया है।' डिप्टी सीएम बोले- SIR पर लोगों को बरगलाने का काम कर रहा विपक्ष वहीं बिहार के डिप्टी सीएम विजय कुमार सिन्हा ने कहा, 'सदन में विपक्ष नेता को बोलने का मौका मिला और लंबे समय तक वो बोले। लेकिन उनमें भी एक नेता भाई वीरेंद्र ने कहा कि ये सदन किसी के पाप का नहीं है।' 'इस तरह से वह सदन के अंदर गुंडाराज स्थापित करना चाहते हैं। ये भूल गए हैं कि ये 90 का दशक नहीं है। SIR पर लोगों को बरगलाने का ये काम कर रहे है। भाई वीरेंद्र को हमने कहा कि आप माफी मांगें।' -------------- ये भी पढ़ें... बिहार में वोटर वेरिफिकेशन- खुफिया कैमरे पर 50 BLO:बोले- पाकिस्तानी, बांग्लादेशी जो हो, हमें पेपर से मतलब, फर्जीवाड़ा जांचना हमारा काम नहीं हमारे पास किसी भी वोटर का डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन करने की कोई व्यवस्था नहीं है। न ही हम किसी प्रकार के कागज की जांच करते हैं। जो मिला, वो फीड कर देते हैं। अब ये असली हैं या फर्जी, हम क्या जानें। हां, ये जरूर है कि जो कागज मिल रहे हैं, वही अंतिम हैं। ये बातें 50 से ज्यादा बूथ लेवल ऑफिसर (BLO) ने भास्कर के खुफिया कैमरे पर कहीं। अब बड़ा सवाल यह है कि जो सपोर्टिंग डॉक्यूमेंट दिए जा रहे हैं, उनकी जांच कौन करेगा? अगर कोई बांग्लादेशी और रोहिंग्या पहले से जाली डॉक्यूमेंट बनवाकर वोटर लिस्ट में अपडेट करा चुका है तो उसे कैसे पकड़ा जाएगा। पूरी खबर पढ़िए