UNGA से भारत का कड़ा संदेश, यूक्रेन-गाजा में युद्ध रोकें, Jaishankar ने समृद्ध देशों के पाखंड को घेरा

भारत ने शनिवार को यूक्रेन और गाजा में जारी शत्रुता को तुरंत समाप्त करने का आह्वान किया और शांति बहाल करने में सहायक किसी भी पहल का समर्थन करने की बात दोहराई। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के 80वें सत्र की आम बहस को संबोधित करते हुए यह बात कही।जयशंकर ने कहा, 'हममें से प्रत्येक के पास शांति और समृद्धि में योगदान देने का अवसर है। संघर्षों के मामले में, विशेष रूप से यूक्रेन और गाजा में, जो सीधे तौर पर शामिल नहीं हैं, उन्होंने भी इसका प्रभाव महसूस किया है।'समाधानों के लिए आगे आएं सक्षम देशजयशंकर ने प्रतिष्ठित संयुक्त राष्ट्र महासभा हॉल से विश्व नेताओं को संबोधित करते हुए कहा कि जो देश सभी पक्षों को शामिल कर सकते हैं, उन्हें 'समाधानों की तलाश में आगे आना चाहिए'। उन्होंने स्पष्ट किया, 'भारत शत्रुता समाप्त करने का आह्वान करता है और शांति बहाल करने में मददगार किसी भी पहल का समर्थन करेगा।' इसे भी पढ़ें: एपस्टीन फाइलों में Elon Musk का नाम, क्या सच में Private Island गए थे अरबपति?खाद्य और ऊर्जा सुरक्षा पर संघर्षों का प्रभावविदेश मंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि यूक्रेन और पश्चिम एशिया में चल रहे दो बड़े संघर्षों के अलावा, कई अन्य महत्वपूर्ण मुद्दे तो खबरों में भी नहीं आ पाते। उन्होंने संघर्षों के वैश्विक प्रभावों को रेखांकित करते हुए कहा, 'ऊर्जा और खाद्य सुरक्षा, खासकर 2022 के बाद से, संघर्ष और व्यवधानों की पहली शिकार रही हैं।'उन्होंने आरोप लगाया कि समृद्ध समाजों ने पहले पहल करके खुद को सुरक्षित कर लिया, जबकि संसाधनों की कमी से जूझ रहे समाजों ने जीवित रहने के लिए संघर्ष किया, और उसके बाद उन्हें केवल पाखंडी भाषण सुनने पड़े।

Sep 29, 2025 - 12:18
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UNGA से भारत का कड़ा संदेश, यूक्रेन-गाजा में युद्ध रोकें, Jaishankar ने समृद्ध देशों के पाखंड को घेरा
भारत ने शनिवार को यूक्रेन और गाजा में जारी शत्रुता को तुरंत समाप्त करने का आह्वान किया और शांति बहाल करने में सहायक किसी भी पहल का समर्थन करने की बात दोहराई। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के 80वें सत्र की आम बहस को संबोधित करते हुए यह बात कही।

जयशंकर ने कहा, 'हममें से प्रत्येक के पास शांति और समृद्धि में योगदान देने का अवसर है। संघर्षों के मामले में, विशेष रूप से यूक्रेन और गाजा में, जो सीधे तौर पर शामिल नहीं हैं, उन्होंने भी इसका प्रभाव महसूस किया है।'

समाधानों के लिए आगे आएं सक्षम देश

जयशंकर ने प्रतिष्ठित संयुक्त राष्ट्र महासभा हॉल से विश्व नेताओं को संबोधित करते हुए कहा कि जो देश सभी पक्षों को शामिल कर सकते हैं, उन्हें 'समाधानों की तलाश में आगे आना चाहिए'। उन्होंने स्पष्ट किया, 'भारत शत्रुता समाप्त करने का आह्वान करता है और शांति बहाल करने में मददगार किसी भी पहल का समर्थन करेगा।'
 

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खाद्य और ऊर्जा सुरक्षा पर संघर्षों का प्रभाव

विदेश मंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि यूक्रेन और पश्चिम एशिया में चल रहे दो बड़े संघर्षों के अलावा, कई अन्य महत्वपूर्ण मुद्दे तो खबरों में भी नहीं आ पाते। उन्होंने संघर्षों के वैश्विक प्रभावों को रेखांकित करते हुए कहा, 'ऊर्जा और खाद्य सुरक्षा, खासकर 2022 के बाद से, संघर्ष और व्यवधानों की पहली शिकार रही हैं।'

उन्होंने आरोप लगाया कि समृद्ध समाजों ने पहले पहल करके खुद को सुरक्षित कर लिया, जबकि संसाधनों की कमी से जूझ रहे समाजों ने जीवित रहने के लिए संघर्ष किया, और उसके बाद उन्हें केवल पाखंडी भाषण सुनने पड़े।