मैं तालिबानी हूं...America में बैठकर भारत पर झूठ बोलते रहे युनूस, लगाए कई गंभीर इल्जाम
बांग्लादेश ने एक बार फिर से भारत के खिलाफ बड़ा बयान दिया है। बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार मोहम्मद युनूस ने भारत पर निशाना साधते हुए कहा कि अभी भारत की हमारे साथ समस्याएं हैं क्योंकि उन्होंने पसंद नहीं आया जो यहां छात्रों ने किया। भारत ने शेख हसीना को अपने देश में रखा है, जिन्होंने समस्याएं पैदा की। जिससे भारत और बांग्लादेश के बीच तनाव पैदा हुआ। युनूस इतने पर ही नहीं रुके। युनूस ने इशारों-इशारों में बहुत सारी झूठी खबरें फैलाने का आरोप लगाया। युनूस ने ये भी कहा कि हर तरह का प्रोपोगैंडा फैलाया जा रहा है, ये सब बहुत बुरा है। अमेरिका में बैठकर युनूस ने भारत के खिलाफ जमकर जहर उगला। यूनूस ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री जिन्होंने ये सारी समस्याएं खड़ी की और कई युवाओं की जान ली और इसने भारत और बांग्लादेश के बीच काफी तनाव पैदा कर दिया। इसे भी पढ़ें: H1B Visa पर आई बड़ी खबर ! ट्रंप के रुबियो से आज बात करेंगे मोदी के जयदूसरी तरफ से बहुत सारी झूठी खबरें सामने आ रही हैं। हर तरह का प्रोपोगैंडा फैलाया जा रहा है। ये सब बहुत बुरा है। युनूस ने कहा कि इसे इस्लामिक आंदोलन बताया जा रहा है और कहा जा रहा है कि ये वही तालिबान है जिसने बांग्लादेश वगैरह छीन लिया है और इन्हे ये करने की ट्रेनिंग दी गई है। वो तो यहां तक कहते हैं कि मैं खुद तालिबानी हूं। मैं तो कहता हूं कि मेरी ढाढ़ी नहीं है। लेकिन वो इस तरह की बातें फैलाते हैं। इसलिए मुझे अपना चेहरा दिखाना पड़ता है। वो कहते हैं कि देखो ये वहीं आदमी है तालिबानी चीफ, यही तरीका है उनका। इसे भी पढ़ें: UN में किससे भिड़ गए ट्रंप, चीन भी देखता रह गया, जीत गया बलूचिस्तान, संयुक्त राष्ट्र में क्या-क्या हुआ?यूनुस ने सार्क को पुनर्जीवित करने और दक्षिण एशिया को आसियान से जोड़ने के अपने दृष्टिकोण का खुलासा किया, जिसमें बांग्लादेश क्षेत्रीय व्यापार और समुद्री पहुँच के लिए एक महत्वपूर्ण सेतु के रूप में कार्य करेगा। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि उनकी अंतरिम सरकार फरवरी 2025 में स्वतंत्र, निष्पक्ष और विश्वसनीय चुनाव कराने के लिए दृढ़ संकल्पित है, जिससे 15 वर्षों से बिना किसी वास्तविक लोकतांत्रिक प्रक्रिया के 12.6 करोड़ बांग्लादेशी मतदाताओं को आशा की किरण दिखाई देगी। यूनुस के शब्द एक तीखे कूटनीतिक मोड़ का संकेत देते हैं, जहाँ भारत-बांग्लादेश संबंधों में स्पष्ट तनाव देखा जा रहा है, जिससे हसीना के प्रति नई दिल्ली के समर्थन और क्षेत्रीय सहयोग के भविष्य पर सवाल उठ रहे हैं।

बांग्लादेश ने एक बार फिर से भारत के खिलाफ बड़ा बयान दिया है। बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार मोहम्मद युनूस ने भारत पर निशाना साधते हुए कहा कि अभी भारत की हमारे साथ समस्याएं हैं क्योंकि उन्होंने पसंद नहीं आया जो यहां छात्रों ने किया। भारत ने शेख हसीना को अपने देश में रखा है, जिन्होंने समस्याएं पैदा की। जिससे भारत और बांग्लादेश के बीच तनाव पैदा हुआ। युनूस इतने पर ही नहीं रुके। युनूस ने इशारों-इशारों में बहुत सारी झूठी खबरें फैलाने का आरोप लगाया। युनूस ने ये भी कहा कि हर तरह का प्रोपोगैंडा फैलाया जा रहा है, ये सब बहुत बुरा है। अमेरिका में बैठकर युनूस ने भारत के खिलाफ जमकर जहर उगला। यूनूस ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री जिन्होंने ये सारी समस्याएं खड़ी की और कई युवाओं की जान ली और इसने भारत और बांग्लादेश के बीच काफी तनाव पैदा कर दिया।
इसे भी पढ़ें: H1B Visa पर आई बड़ी खबर ! ट्रंप के रुबियो से आज बात करेंगे मोदी के जय
दूसरी तरफ से बहुत सारी झूठी खबरें सामने आ रही हैं। हर तरह का प्रोपोगैंडा फैलाया जा रहा है। ये सब बहुत बुरा है। युनूस ने कहा कि इसे इस्लामिक आंदोलन बताया जा रहा है और कहा जा रहा है कि ये वही तालिबान है जिसने बांग्लादेश वगैरह छीन लिया है और इन्हे ये करने की ट्रेनिंग दी गई है। वो तो यहां तक कहते हैं कि मैं खुद तालिबानी हूं। मैं तो कहता हूं कि मेरी ढाढ़ी नहीं है। लेकिन वो इस तरह की बातें फैलाते हैं। इसलिए मुझे अपना चेहरा दिखाना पड़ता है। वो कहते हैं कि देखो ये वहीं आदमी है तालिबानी चीफ, यही तरीका है उनका।
इसे भी पढ़ें: UN में किससे भिड़ गए ट्रंप, चीन भी देखता रह गया, जीत गया बलूचिस्तान, संयुक्त राष्ट्र में क्या-क्या हुआ?
यूनुस ने सार्क को पुनर्जीवित करने और दक्षिण एशिया को आसियान से जोड़ने के अपने दृष्टिकोण का खुलासा किया, जिसमें बांग्लादेश क्षेत्रीय व्यापार और समुद्री पहुँच के लिए एक महत्वपूर्ण सेतु के रूप में कार्य करेगा। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि उनकी अंतरिम सरकार फरवरी 2025 में स्वतंत्र, निष्पक्ष और विश्वसनीय चुनाव कराने के लिए दृढ़ संकल्पित है, जिससे 15 वर्षों से बिना किसी वास्तविक लोकतांत्रिक प्रक्रिया के 12.6 करोड़ बांग्लादेशी मतदाताओं को आशा की किरण दिखाई देगी। यूनुस के शब्द एक तीखे कूटनीतिक मोड़ का संकेत देते हैं, जहाँ भारत-बांग्लादेश संबंधों में स्पष्ट तनाव देखा जा रहा है, जिससे हसीना के प्रति नई दिल्ली के समर्थन और क्षेत्रीय सहयोग के भविष्य पर सवाल उठ रहे हैं।