हिसार के दो किसान पीएम मोदी से मिले:साथ में किया भोजन, दलहनी फसलों को बढ़ावा देने पर अनुभव साझा किए
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नई दिल्ली में देश के 20 प्रगतिशील किसानों से मुलाकात की। इस कार्यक्रम में हिसार जिले के दो किसान भी शामिल रहे। इन किसानों को दलहनी फसलों को बढ़ावा देने के लिए चुना गया था। प्रधानमंत्री ने इन चुनिंदा किसानों के साथ उनके अनुभव, समस्याओं और सुविधाओं पर चर्चा की। इस दौरान किसानों ने प्रधानमंत्री के साथ दोपहर का भोजन भी किया। हिसार के रावलवास खुर्द निवासी कृष्ण कुमार और खारिया निवासी शशि कुमार बैनीवाल को यह अवसर मिला। गांव खारिया निवासी 35 वर्षीय शशि कुमार बैनीवाल दसवीं पास हैं। उन्होंने बताया कि यह पहली बार है जब उन्हें किसी सम्मान के लिए चुना गया है। शशि कुमार ने कहा कि एक साधारण किसान के लिए प्रधानमंत्री से मिलना सौभाग्य की बात है। उन्होंने बताया कि उनके गांव में चने की खेती का रकबा काफी कम हो गया था। 2013 में एक एकड़ से शुरू की चने की खेती वर्ष 2013 में उन्होंने एक एकड़ से चने की खेती शुरू की, जिसे बाद में 13 एकड़ तक बढ़ाया। शशि कुमार मूंग, मक्का और बाजरा की खेती भी करते हैं। वे अपनी तीन एकड़ जमीन के अलावा 14 एकड़ जमीन किराए पर लेकर खेती करते हैं। दलहनी फसलों में वे कीटनाशकों और कृत्रिम खादों का उपयोग नहीं करते। गांव रावलवास खुर्द निवासी किसान कृष्ण कुमार भी दसवीं पास हैं। कृष्ण कुमार ने बताया कि वे चने की खेती करते हैं। उन्होंने कहा कि यदि किसान सही तरीके से जैविक खेती करें, तो अच्छी आय प्राप्त कर सकते हैं। इसके लिए उन्हें मंडी या बाजार की आवश्यकता नहीं होगी, क्योंकि लोग सीधे उनके खेत से उत्पाद खरीदेंगे और उन्हें मनचाहे दाम मिलेंगे। आर्गेनिक खेती करने का फैसला लिया : कृष्ण गांव रावलवास खुर्द निवासी कृष्ण कुमार ने बताया कि उन्होंने अखबारों में पढ़ा था कि लोग जहरीला खाना खा रहे हैं। कीटनाशकों व कृत्रिम खाद का उपयोग कर केमिकल वाले अनाज व फल-सब्जियां खाने को मजबूर हैं। तब मैंने आर्गेनिक खेती की ओर जाने का फैसला लिया। उन्होंने बताया कि वह गेंहू, चना, आलू, गाजर, मूली, घीया, टींडा, तौरी आदि उगाते हैं। मेरे खेत से ही आर्गेनिक 306 किस्म गेंहू 6000 रुपये क्विंटल बिक जाता है। मुझे कभी मंडी जाने की जरूरत नहीं पड़ती। मैं चने की खेती करता हूं। एक एकड़ में 1 लाख से ज्यादा की आय होती है। मोदी ने जाना फायदा मिला या नहीं कृष्ण बताते हैं कि कार्यक्रम में किसानों से पीएम नरेंद्र मोदी ने करीब 30 मिनट तक बात की। इस दौरान सिर्फ किसान साथ रहे सिक्योरिटी अन्य लोग हमारे साथ नहीं थे। पीएम ने पूछा क्या फसल बुआई करते हैं। किन- किन समस्याओं से जूझना पड़ा और आज क्या लाभ मिल रहा है। पीएम ने अन्य किसानों को प्रेरणा लेने सहित अन्य को प्रोत्साहित करने का भी सुझाव दिया। साथ ही नरेंद्र मोदी ने हमसे सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं के बारे में भी जानकारी ली। मोदी ने जाना कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, पीएम किसान निधि सहित अन्य योजनाओं का लाभ आमजन तक पहुंच रहा है या नहीं। खारिया निवासी किसान से चने के बारे में पूछा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्रत्येक किसान से बातचीत करते रहे। उन्होंने किसानों से बारी- बारी बातचीत की। किसान शशि बैनीवाल से भी नरेंद्र मोदी ने उनकी प्राकृतिक खेती के बारे में जानकारी ली। शशि से पूछा आप कौनसी खेती करते है और क्या लाभ मिला। आपको बता दे कि शशि चने की खेती करते हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नई दिल्ली में देश के 20 प्रगतिशील किसानों से मुलाकात की। इस कार्यक्रम में हिसार जिले के दो किसान भी शामिल रहे। इन किसानों को दलहनी फसलों को बढ़ावा देने के लिए चुना गया था। प्रधानमंत्री ने इन चुनिंदा किसानों के साथ उनके अनुभव, समस्याओं और सुविधाओं पर चर्चा की। इस दौरान किसानों ने प्रधानमंत्री के साथ दोपहर का भोजन भी किया। हिसार के रावलवास खुर्द निवासी कृष्ण कुमार और खारिया निवासी शशि कुमार बैनीवाल को यह अवसर मिला। गांव खारिया निवासी 35 वर्षीय शशि कुमार बैनीवाल दसवीं पास हैं। उन्होंने बताया कि यह पहली बार है जब उन्हें किसी सम्मान के लिए चुना गया है। शशि कुमार ने कहा कि एक साधारण किसान के लिए प्रधानमंत्री से मिलना सौभाग्य की बात है। उन्होंने बताया कि उनके गांव में चने की खेती का रकबा काफी कम हो गया था। 2013 में एक एकड़ से शुरू की चने की खेती वर्ष 2013 में उन्होंने एक एकड़ से चने की खेती शुरू की, जिसे बाद में 13 एकड़ तक बढ़ाया। शशि कुमार मूंग, मक्का और बाजरा की खेती भी करते हैं। वे अपनी तीन एकड़ जमीन के अलावा 14 एकड़ जमीन किराए पर लेकर खेती करते हैं। दलहनी फसलों में वे कीटनाशकों और कृत्रिम खादों का उपयोग नहीं करते। गांव रावलवास खुर्द निवासी किसान कृष्ण कुमार भी दसवीं पास हैं। कृष्ण कुमार ने बताया कि वे चने की खेती करते हैं। उन्होंने कहा कि यदि किसान सही तरीके से जैविक खेती करें, तो अच्छी आय प्राप्त कर सकते हैं। इसके लिए उन्हें मंडी या बाजार की आवश्यकता नहीं होगी, क्योंकि लोग सीधे उनके खेत से उत्पाद खरीदेंगे और उन्हें मनचाहे दाम मिलेंगे। आर्गेनिक खेती करने का फैसला लिया : कृष्ण गांव रावलवास खुर्द निवासी कृष्ण कुमार ने बताया कि उन्होंने अखबारों में पढ़ा था कि लोग जहरीला खाना खा रहे हैं। कीटनाशकों व कृत्रिम खाद का उपयोग कर केमिकल वाले अनाज व फल-सब्जियां खाने को मजबूर हैं। तब मैंने आर्गेनिक खेती की ओर जाने का फैसला लिया। उन्होंने बताया कि वह गेंहू, चना, आलू, गाजर, मूली, घीया, टींडा, तौरी आदि उगाते हैं। मेरे खेत से ही आर्गेनिक 306 किस्म गेंहू 6000 रुपये क्विंटल बिक जाता है। मुझे कभी मंडी जाने की जरूरत नहीं पड़ती। मैं चने की खेती करता हूं। एक एकड़ में 1 लाख से ज्यादा की आय होती है। मोदी ने जाना फायदा मिला या नहीं कृष्ण बताते हैं कि कार्यक्रम में किसानों से पीएम नरेंद्र मोदी ने करीब 30 मिनट तक बात की। इस दौरान सिर्फ किसान साथ रहे सिक्योरिटी अन्य लोग हमारे साथ नहीं थे। पीएम ने पूछा क्या फसल बुआई करते हैं। किन- किन समस्याओं से जूझना पड़ा और आज क्या लाभ मिल रहा है। पीएम ने अन्य किसानों को प्रेरणा लेने सहित अन्य को प्रोत्साहित करने का भी सुझाव दिया। साथ ही नरेंद्र मोदी ने हमसे सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं के बारे में भी जानकारी ली। मोदी ने जाना कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, पीएम किसान निधि सहित अन्य योजनाओं का लाभ आमजन तक पहुंच रहा है या नहीं। खारिया निवासी किसान से चने के बारे में पूछा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्रत्येक किसान से बातचीत करते रहे। उन्होंने किसानों से बारी- बारी बातचीत की। किसान शशि बैनीवाल से भी नरेंद्र मोदी ने उनकी प्राकृतिक खेती के बारे में जानकारी ली। शशि से पूछा आप कौनसी खेती करते है और क्या लाभ मिला। आपको बता दे कि शशि चने की खेती करते हैं।