सेवानिवृत्त सूबेदार ने शुरू की ड्रैगन फ्रूट की खेती:कपिल शर्मा के शो में देखा अजूबा फल, अब खगड़िया के किसानों के बीच चर्चा का विषय

खगड़िया के कबेला पंचायत डुमरिया खुर्द निवासी थलसेना से सेवानिवृत्त सूबेदार निलेश कुमार ने विदेशी ड्रैगन फ्रूट की खेती शुरू की है। यह खेती अब स्थानीय किसानों के बीच चर्चा का विषय बन गई है। ड्रैगन फ्रूट एक विदेशी फल है जो देखने में काफी सुंदर होता है। इसका स्वाद भी विशेष होता है। इस फल के पौधे में फल एक साल में तैयार होता है। बाजारों में इस फल की मांग काफी अधिक है। यह फल दक्षिणी मैक्सिको और मध्य अमेरिका का मूल निवासी है। अब यह दुनिया भर में उगाया जाता है। ड्रैगन फल का स्वाद हल्का मीठा होता है। इसे अक्सर कीवी और नाशपाती के मिश्रण के रूप में वर्णित किया जाता है। ड्रैगन फल विटामिन, एंटीऑक्सिडेंट और फाइबर से भरपूर होता है। इसके स्वास्थ्य लाभों में इम्यूनिटी बढ़ाना, पाचन में सुधार करना और हृदय स्वास्थ्य में सुधार करना शामिल है। यह ब्लड शुगर लेवल को भी नियंत्रित करता है। इस फल को ताजा खाया जा सकता है। साथ ही जूस, जैम या आइसक्रीम में भी इस्तेमाल किया जा सकता है। निलेश कुमार ने बताया कि वे जनवरी 2023 में थल सेना के सूबेदार पद से सेवानिवृत्त हुए। उसके बाद उन्हें खेती करने की इच्छा हुई। एक बार वे टेलीविजन पर कपिल शर्मा का शो देख रहे थे। शो के दौरान एक टेबल पर अन्य फलों के साथ ड्रैगन फ्रूट रखा था। सेलिब्रिटी इसे देखकर पूछ रहे थे कि यह कौन सा फल है। उसी समय से उन्हें इस फल को अपनी मिट्टी में उगाने की प्रेरणा मिली। सोशल साइट यूट्यूब पर इसकी खेती संबंधित जानकारी प्राप्त कर आसनसोल से 900 पौधा 2024 के मार्च में लाया और खेतों में लगाया हर पोल पर चार पौधा कूल 800 पोल है क्योंकि ड्रैगन फूड्स का पौधा खुद खड़ा नहीं होता है उसे सहारा देने की आवश्यकता होती है ड्रैगन फ्रूट्स की खेती करने में आठ लाख रुपए से अधिक खर्च अभी तक हो चुका है और इस वर्ष प्रथम बार फल बाजारों में भेजने की तैयारी है एक बार लगाओ 20-25 साल फल पाओ किसान निलेश कुमार ने बताया कि ड्रैगन फ्रूट्स की पौधा को यदि सही समय पर ऑर्गेनिक विधि से सुरक्षा प्रदान किया जाए तो एक बार पौधा लगाने से 20 से 25 साल तक फल देता रहेगा ड्रैगन फ्रूट्स फुट के पौधे में फ्लावर वड लगने के 45 दिनों में वह फल का रूप धारण कर लेता है। कब इसके पौधे में सबसे ज्यादा ग्रोथ होता है जून से नवंबर माह के बीच फलों में अत्यधिक ग्रोथ होता है बाजार में ड्रैगन फूड्स 150 से ₹200 किलो बिकता है ड्रैगन फ्रूट्स के पौधे को फंगस के अलावा अत्यधिक ठंड एवं गर्मी से ड्रैगन फ्रूट्स को बचाना अत्यंत आवश्यक है किसान ने कहा कि सरकार द्वारा अभी तक कोई भी अनुदान नहीं मिला है यह खेती ऑर्गेनिक विधि से ही किया जाता है कोई भी किसान ड्रैगन फूड्स की खेती करना चाहते हैं तो उन्हें मदद करेंगे ड्रैगन फ्रूट्स की बागबानी हमारे जीवन में एक नई उर्जा प्रदान कर रही है तथा इनसे दोस्ताना रिश्ता बन गया है। खेती की सुरक्षा के लिए किसान ने खेतों में लगाया है सीसीटीवी निलेश कुमार ने फसल की सुरक्षा के लिए सबसे पहले खेत को चारों तरफ बार से घेर दिया है साथ ही खेत के हर एक कोने पर सीसीटीवी लगा रखा है चुकी अधिक लागत के बाद यह पूरा फल तैयार होता है अगर चोरी की घटना होती है तो निलेश कुमार ने कहा कि हमें घाटा हो जाएगा और अपनी फसल की अच्छी तरह देख रख के लिए भी हमने सी सी टी वी लगा रखा है। बिहार सरकार ने चलाया है ड्रैगन फ्रूट विकास योजना बिहार कृषि विभाग की ओर से यह बताया गया है कि ड्रैगन फ्रूट विकास योजना सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना है जिसके तहत किसानों को ड्रैगन फ्रूट की खेती करने के लिए बढ़ावा दिया जा रहा है क्योंकि बाजार में इस फल की मांग लगातार बढ़ रही है जिससे अगर किसान इस फल की खेती करते हैं तो उसकी आर्थिक स्थिति सुधारने में सरकार को मदद मिलेगी। ड्रैगन फ्रूट की खेती पर सरकार क्या देती है सब्सिडी बिहार सरकार इस योजना के तहत किसानों को प्रति हेक्टेयर 6 लाख 75 हजार रुपये की लागत का 40 फीसदी यानी 2 लाख 70 हजार रुपये की सब्सिडी दे रही है इसमें किसान पौधा रोपने के सामान की व्यवस्था खुद कर सकते हैं सब्सिडी की राशि किसानों को दो किस्तों में दी जाती है जिसमें पहले साल यानी 2025-26 में कुल सब्सिडी का 60 फीसदी यानी 1 लाख 62 हजार रुपये जबकि दूसरे साल 2026-27 की किस्त में सब्सिडी राशि का 40 फीसदी यानी 1 लाख 8 हजार रुपये दे रही है इस योजना का लाभ उठाकर किसान ड्रैगन फ्रूट की खेती कर सकते हैं। किसान क्यों हो गए थे परेशान ड्रैगन फ्रूट की खेती कर रहे किसान निलेश कुमार ने बताया हमने जब खेती कर ली और जब हमारा फल टूटने लगा और उसे लेकर हम जब बाजार गए तो लोगों ने इस फल को पहचानने से इनकार कर दिया कोई फल ले नहीं रहा था लेकिन हमने हिम्मत नहीं हारी और दुकानदारों को इस फल का स्वाद चखाया इसकी खासियत बताई अब आलम यह है कि हम बाजार में इसकी मांग पूरी नहीं कर पा रहे हैं। किसान की आगे की क्या तैयारी है किसान निलेश कुमार ने बताया कि हमने अभी मात्र 8 कट्ठा में ड्रैगन फ्रूट लगाया है जिसमें मुझे काफी फायदा हुआ है अब हम इसे बड़े स्तर पर लगाने की तैयारी कर रहे हैं क्योंकि अब जाकर हमें पता चला है कि सरकार इसमें अच्छा खासा सब्सिडी दे रही है अब हमें वित्तीय भार भी नहीं लगेगा और हम आसानी से बाजार की मांग पूरी कर पाएंगे।

Jul 31, 2025 - 22:06
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सेवानिवृत्त सूबेदार ने शुरू की ड्रैगन फ्रूट की खेती:कपिल शर्मा के शो में देखा अजूबा फल, अब खगड़िया के किसानों के बीच चर्चा का विषय
खगड़िया के कबेला पंचायत डुमरिया खुर्द निवासी थलसेना से सेवानिवृत्त सूबेदार निलेश कुमार ने विदेशी ड्रैगन फ्रूट की खेती शुरू की है। यह खेती अब स्थानीय किसानों के बीच चर्चा का विषय बन गई है। ड्रैगन फ्रूट एक विदेशी फल है जो देखने में काफी सुंदर होता है। इसका स्वाद भी विशेष होता है। इस फल के पौधे में फल एक साल में तैयार होता है। बाजारों में इस फल की मांग काफी अधिक है। यह फल दक्षिणी मैक्सिको और मध्य अमेरिका का मूल निवासी है। अब यह दुनिया भर में उगाया जाता है। ड्रैगन फल का स्वाद हल्का मीठा होता है। इसे अक्सर कीवी और नाशपाती के मिश्रण के रूप में वर्णित किया जाता है। ड्रैगन फल विटामिन, एंटीऑक्सिडेंट और फाइबर से भरपूर होता है। इसके स्वास्थ्य लाभों में इम्यूनिटी बढ़ाना, पाचन में सुधार करना और हृदय स्वास्थ्य में सुधार करना शामिल है। यह ब्लड शुगर लेवल को भी नियंत्रित करता है। इस फल को ताजा खाया जा सकता है। साथ ही जूस, जैम या आइसक्रीम में भी इस्तेमाल किया जा सकता है। निलेश कुमार ने बताया कि वे जनवरी 2023 में थल सेना के सूबेदार पद से सेवानिवृत्त हुए। उसके बाद उन्हें खेती करने की इच्छा हुई। एक बार वे टेलीविजन पर कपिल शर्मा का शो देख रहे थे। शो के दौरान एक टेबल पर अन्य फलों के साथ ड्रैगन फ्रूट रखा था। सेलिब्रिटी इसे देखकर पूछ रहे थे कि यह कौन सा फल है। उसी समय से उन्हें इस फल को अपनी मिट्टी में उगाने की प्रेरणा मिली। सोशल साइट यूट्यूब पर इसकी खेती संबंधित जानकारी प्राप्त कर आसनसोल से 900 पौधा 2024 के मार्च में लाया और खेतों में लगाया हर पोल पर चार पौधा कूल 800 पोल है क्योंकि ड्रैगन फूड्स का पौधा खुद खड़ा नहीं होता है उसे सहारा देने की आवश्यकता होती है ड्रैगन फ्रूट्स की खेती करने में आठ लाख रुपए से अधिक खर्च अभी तक हो चुका है और इस वर्ष प्रथम बार फल बाजारों में भेजने की तैयारी है एक बार लगाओ 20-25 साल फल पाओ किसान निलेश कुमार ने बताया कि ड्रैगन फ्रूट्स की पौधा को यदि सही समय पर ऑर्गेनिक विधि से सुरक्षा प्रदान किया जाए तो एक बार पौधा लगाने से 20 से 25 साल तक फल देता रहेगा ड्रैगन फ्रूट्स फुट के पौधे में फ्लावर वड लगने के 45 दिनों में वह फल का रूप धारण कर लेता है। कब इसके पौधे में सबसे ज्यादा ग्रोथ होता है जून से नवंबर माह के बीच फलों में अत्यधिक ग्रोथ होता है बाजार में ड्रैगन फूड्स 150 से ₹200 किलो बिकता है ड्रैगन फ्रूट्स के पौधे को फंगस के अलावा अत्यधिक ठंड एवं गर्मी से ड्रैगन फ्रूट्स को बचाना अत्यंत आवश्यक है किसान ने कहा कि सरकार द्वारा अभी तक कोई भी अनुदान नहीं मिला है यह खेती ऑर्गेनिक विधि से ही किया जाता है कोई भी किसान ड्रैगन फूड्स की खेती करना चाहते हैं तो उन्हें मदद करेंगे ड्रैगन फ्रूट्स की बागबानी हमारे जीवन में एक नई उर्जा प्रदान कर रही है तथा इनसे दोस्ताना रिश्ता बन गया है। खेती की सुरक्षा के लिए किसान ने खेतों में लगाया है सीसीटीवी निलेश कुमार ने फसल की सुरक्षा के लिए सबसे पहले खेत को चारों तरफ बार से घेर दिया है साथ ही खेत के हर एक कोने पर सीसीटीवी लगा रखा है चुकी अधिक लागत के बाद यह पूरा फल तैयार होता है अगर चोरी की घटना होती है तो निलेश कुमार ने कहा कि हमें घाटा हो जाएगा और अपनी फसल की अच्छी तरह देख रख के लिए भी हमने सी सी टी वी लगा रखा है। बिहार सरकार ने चलाया है ड्रैगन फ्रूट विकास योजना बिहार कृषि विभाग की ओर से यह बताया गया है कि ड्रैगन फ्रूट विकास योजना सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना है जिसके तहत किसानों को ड्रैगन फ्रूट की खेती करने के लिए बढ़ावा दिया जा रहा है क्योंकि बाजार में इस फल की मांग लगातार बढ़ रही है जिससे अगर किसान इस फल की खेती करते हैं तो उसकी आर्थिक स्थिति सुधारने में सरकार को मदद मिलेगी। ड्रैगन फ्रूट की खेती पर सरकार क्या देती है सब्सिडी बिहार सरकार इस योजना के तहत किसानों को प्रति हेक्टेयर 6 लाख 75 हजार रुपये की लागत का 40 फीसदी यानी 2 लाख 70 हजार रुपये की सब्सिडी दे रही है इसमें किसान पौधा रोपने के सामान की व्यवस्था खुद कर सकते हैं सब्सिडी की राशि किसानों को दो किस्तों में दी जाती है जिसमें पहले साल यानी 2025-26 में कुल सब्सिडी का 60 फीसदी यानी 1 लाख 62 हजार रुपये जबकि दूसरे साल 2026-27 की किस्त में सब्सिडी राशि का 40 फीसदी यानी 1 लाख 8 हजार रुपये दे रही है इस योजना का लाभ उठाकर किसान ड्रैगन फ्रूट की खेती कर सकते हैं। किसान क्यों हो गए थे परेशान ड्रैगन फ्रूट की खेती कर रहे किसान निलेश कुमार ने बताया हमने जब खेती कर ली और जब हमारा फल टूटने लगा और उसे लेकर हम जब बाजार गए तो लोगों ने इस फल को पहचानने से इनकार कर दिया कोई फल ले नहीं रहा था लेकिन हमने हिम्मत नहीं हारी और दुकानदारों को इस फल का स्वाद चखाया इसकी खासियत बताई अब आलम यह है कि हम बाजार में इसकी मांग पूरी नहीं कर पा रहे हैं। किसान की आगे की क्या तैयारी है किसान निलेश कुमार ने बताया कि हमने अभी मात्र 8 कट्ठा में ड्रैगन फ्रूट लगाया है जिसमें मुझे काफी फायदा हुआ है अब हम इसे बड़े स्तर पर लगाने की तैयारी कर रहे हैं क्योंकि अब जाकर हमें पता चला है कि सरकार इसमें अच्छा खासा सब्सिडी दे रही है अब हमें वित्तीय भार भी नहीं लगेगा और हम आसानी से बाजार की मांग पूरी कर पाएंगे।