सीतापुर में हमले के बाद बाघ का कोई सुराग नहीं:दुधवा के विशेषज्ञ मचान से करेंगे निगरानी, पिंजरे में बकरी बांधकर पकड़ने की तैयारी
सीतापुर में शुक्रवार की देर शाम बाघ के हमले में किसान की हुई मौत मामले के बाद दुधवा से पहुंची बाघ पकड़ने की एक्सपर्ट टीम और वन विभाग की टीम लगातार बाघ की तलाश में जुटी हुई है लेकिन दो दिन बीत जाने के बाद भी बाघ की कोई लोकेशन और नए पगचिह्न बरामद नहीं हुए है। वारदात की जगह पर वन विभाग ने पिंजरा लगाकर उसमें बकरी बांधकर बाघ को ट्रेंकुलाइज करने की योजना तैयार की गई है। इसके साथ प्रभावित इलाके में 10 ट्रैप कैमरे से भी बाघ की चहलकदमी की सुरागरसी करने में जुटी हुई है। महोली कोतवाली का नरनी गांव इस समय वन विभाग का हॉटस्पॉट बना हुआ है। पीएचसी को वन विभाग ने कंट्रोल रूम बनाया हुआ है। खेतों में सुबह और शाम बाघ की लोकेशन के लिए कांबिंग की जाती है साथ ही ट्रैप कैमरे की भी तस्वीरें देखी जाती है लेकिन अभी तक वन विभाग को कोई सफलता हाथ नहीं लगी है। डीएफओ नवीन खंडेवाल ने बताया कि आज सोमवार को खेतों में मचान बनाकर उसके नीचे मवेशी बांधकर उसके ऊपर वनकर्मी बैठकर निगरानी करेंगे। हालांकि ग्रामीण घरों में दुबकने को मजबूर है। ग्रामीणों के निशाने पर मीडिया और प्रशासन दोनों पर नाराजगी है। 3 तस्वीरें देखें... वन विभाग की टीम लगातार रात में कांबिंग कर रही है लेकिन अभी तक कोई सुराग न मिलने में ग्रामीणों हताशा है। डीएफओ का कहना है कि नदी का किनारा होने के चलते बाघ को पकड़ने में काफी एहतियात बरतना पड़ रहा है। बाघ का यहां कोई स्थाई ठिकाना नहीं है यह बाघ मोहम्मदी खीरी और दुधवा से विचरण करते हुए पहुंचते है।
