गोरखपुर में सड़कों पर लगा लंबा जाम:गोलघर से असुरन तक रेंगते रहे वाहन, ट्रैफिक व्यवस्था चरमराई; लोग परेशान रहे
गोरखपुर में गुरुवार शाम शहर की सड़कों पर ट्रैफिक व्यवस्था पूरी तरह लड़खड़ा गई। गोलघर चौराहे से लेकर काली मंदिर और असुरन मेडिकल रोड तक वाहनों की लंबी कतारें लग गईं। ऑफिस टाइम का वक्त होने से ट्रैफिक का दबाव अचानक बढ़ गया। सड़कों पर गाड़ियों की रफ्तार रेंगने लगी और शहर जाम में जकड़ गया। ट्रैफिक जाम का असर इतना ज्यादा था कि सामान्यतः 15 मिनट में तय होने वाली दूरी को पार करने में लोगों को 30 से 40 मिनट तक का समय लग गया। दोपहिया वाहन चालकों को जगह-जगह रुकना पड़ा, जबकि कार चालकों को घंटों लाइन में फंसे रहना पड़ा। कई लोग बारिश के बाद निकले, जिससे सड़कों पर भीड़ दोगुनी हो गई। मुख्य चौराहों पर रेंगते रहे वाहन, एम्बुलेंस भी फंसी गोलघर, काली मंदिर और असुरन रोड पर वाहनों की स्थिति ऐसी रही कि एम्बुलेंस, बसें और ऑटो तक जाम में फंसे रहे। ट्रैफिक का दबाव इतना ज्यादा था कि कुछ जगह लोग अपनी गाड़ियां बीच सड़क पर छोड़कर उतर गए। कई ड्राइवर वैकल्पिक रास्तों से जाने की कोशिश करते रहे, लेकिन वहां भी स्थिति समान रही। ट्रैफिक व्यवस्था नाकाम, कर्मी मौके पर नदारद ट्रैफिक पुलिस की मौजूदगी के बावजूद जाम पर कोई काबू नहीं पाया जा सका। कई चौराहों पर कर्मी नदारद रहे, जबकि कुछ जगह मौजूद कर्मी भी भीड़ के आगे बेबस दिखे। गलत दिशा में वाहन चलाने और अव्यवस्थित पार्किंग ने हालात को और बिगाड़ दिया। स्थानीय लोगों की नाराजगी स्थानीय निवासियों और दुकानदारों ने कहा कि हल्की बारिश के बाद भी ट्रैफिक पूरी तरह ठप हो जाता है। प्रशासन की तरफ से कोई ठोस योजना नहीं बन रही। लोगों ने कहा कि गोलघर से असुरन मार्ग शहर के सबसे व्यस्त रूट्स में शामिल है, फिर भी यहां पर्याप्त ट्रैफिक कर्मी नहीं लगाए जाते। लोगों ने मांग की है कि बारिश के दिनों में और शाम के पीक टाइम पर ट्रैफिक नियंत्रण के लिए अतिरिक्त पुलिसकर्मी तैनात किए जाएं। साथ ही सड़कों पर गलत दिशा में जाने वाले वाहनों और अवैध पार्किंग पर सख्ती से कार्रवाई की जाए ताकि रोजाना लगने वाले जाम से राहत मिल सके।
गोरखपुर में गुरुवार शाम शहर की सड़कों पर ट्रैफिक व्यवस्था पूरी तरह लड़खड़ा गई। गोलघर चौराहे से लेकर काली मंदिर और असुरन मेडिकल रोड तक वाहनों की लंबी कतारें लग गईं। ऑफिस टाइम का वक्त होने से ट्रैफिक का दबाव अचानक बढ़ गया। सड़कों पर गाड़ियों की रफ्तार रेंगने लगी और शहर जाम में जकड़ गया। ट्रैफिक जाम का असर इतना ज्यादा था कि सामान्यतः 15 मिनट में तय होने वाली दूरी को पार करने में लोगों को 30 से 40 मिनट तक का समय लग गया। दोपहिया वाहन चालकों को जगह-जगह रुकना पड़ा, जबकि कार चालकों को घंटों लाइन में फंसे रहना पड़ा। कई लोग बारिश के बाद निकले, जिससे सड़कों पर भीड़ दोगुनी हो गई। मुख्य चौराहों पर रेंगते रहे वाहन, एम्बुलेंस भी फंसी गोलघर, काली मंदिर और असुरन रोड पर वाहनों की स्थिति ऐसी रही कि एम्बुलेंस, बसें और ऑटो तक जाम में फंसे रहे। ट्रैफिक का दबाव इतना ज्यादा था कि कुछ जगह लोग अपनी गाड़ियां बीच सड़क पर छोड़कर उतर गए। कई ड्राइवर वैकल्पिक रास्तों से जाने की कोशिश करते रहे, लेकिन वहां भी स्थिति समान रही। ट्रैफिक व्यवस्था नाकाम, कर्मी मौके पर नदारद ट्रैफिक पुलिस की मौजूदगी के बावजूद जाम पर कोई काबू नहीं पाया जा सका। कई चौराहों पर कर्मी नदारद रहे, जबकि कुछ जगह मौजूद कर्मी भी भीड़ के आगे बेबस दिखे। गलत दिशा में वाहन चलाने और अव्यवस्थित पार्किंग ने हालात को और बिगाड़ दिया। स्थानीय लोगों की नाराजगी स्थानीय निवासियों और दुकानदारों ने कहा कि हल्की बारिश के बाद भी ट्रैफिक पूरी तरह ठप हो जाता है। प्रशासन की तरफ से कोई ठोस योजना नहीं बन रही। लोगों ने कहा कि गोलघर से असुरन मार्ग शहर के सबसे व्यस्त रूट्स में शामिल है, फिर भी यहां पर्याप्त ट्रैफिक कर्मी नहीं लगाए जाते। लोगों ने मांग की है कि बारिश के दिनों में और शाम के पीक टाइम पर ट्रैफिक नियंत्रण के लिए अतिरिक्त पुलिसकर्मी तैनात किए जाएं। साथ ही सड़कों पर गलत दिशा में जाने वाले वाहनों और अवैध पार्किंग पर सख्ती से कार्रवाई की जाए ताकि रोजाना लगने वाले जाम से राहत मिल सके।