श्रीकृष्ण जन्मस्थान में गोपाष्टमी पर्व मनाया गया:गौशाला में गोचारण लीला, भक्तों ने की गोमाता की पूजा
मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मस्थान स्थित गौशाला परिसर में गुरुवार को गोपाष्टमी पर्व श्रद्धापूर्वक मनाया गया। इस अवसर पर सैकड़ों गायों का विधिवत पूजन, आरती और सेवा की गई। श्रद्धालुओं ने गायों को फूल, गुड़ और हरी घास अर्पित कर आशीर्वाद प्राप्त किया। कार्यक्रम के दौरान भक्तों ने गौमाता के चरणों में नतमस्तक होकर अपने परिवार की सुख-समृद्धि की कामना की। जन्मस्थान परिसर में भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी और "जय गोमाता" व "राधे-राधे" के स्वर गूंजते रहे। गो सेवक गोपेश्वर नाथ चतुर्वेदी ने इस अवसर पर गोमाता की महिमा का वर्णन किया। उन्होंने कहा कि गोमाता में 33 करोड़ देवताओं का वास होता है और गो सेवा करने से सभी देवताओं की पूजा का फल प्राप्त होता है। उन्होंने श्रद्धालुओं से गो सेवा को जीवन का अभिन्न हिस्सा बनाने का आह्वान किया। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, द्वापर युग में इसी दिन भगवान श्रीकृष्ण ने अपने बड़े भाई बलराम के साथ पहली बार गाय चराने के लिए प्रस्थान किया था। इसी स्मृति में यह पर्व गोपाष्टमी के रूप में पूरे ब्रज क्षेत्र में उत्साह से मनाया जाता है। श्रीकृष्ण जन्मस्थान की गौशाला में गोपाष्टमी के अवसर पर भजन-कीर्तन और गोचारण लीला का आयोजन किया गया। भक्तों ने "राधे-कृष्ण" के जयकारों से वातावरण को भक्तिमय बना दिया।



