मुंबई में फर्जी वैज्ञानिक गिरफ्तार:भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर में घुसा, परमाणु डेटा, तीन पासपोर्ट और 14 नक्शे बरामद

मुंबई पुलिस ने वर्सोवा से 60 साल के फर्जी वैज्ञानिक अख्तर कुतुबुद्दीन हुसैनी को गिरफ्तार किया। वह खुद को भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर (BARC) का अधिकारी बताता था और BARC में भी घुस चुका है। अख्तर के पास से 14 मैप, परमाणु ब्लूप्रिंट और तीन पासपोर्ट बरामद हुए हैं, जिनका इस्तेमाल उसने कई बार विदेश यात्राओं के लिए किया था। शक है कि ये यात्राएं जासूसी या गोपनीय जानकारी के लेन-देन से जुड़ी हैं। अख्तर को अधिकारी पिछले दो साल से ट्रैक कर रहे थे। क्राइम ब्रांच ने उसे NIA और IB की सूचना पर पकड़ा। घर की तलाशी के दौरान पुलिस को फर्जी पासपोर्ट, आधार, पैन कार्ड और BARC के नकली ID कार्ड मिले हैं। एक पहचान पत्र पर नाम अली रजा हुसैन, तो दूसरे पर अलेक्जेंडर पामर लिखा था। पुलिस जांच में पता चला है कि हुसैनी ने पिछले कुछ महीनों में कई अंतरराष्ट्रीय कॉल्स किए थे। शक है कि उसका संपर्क विदेशी नेटवर्क से था, जो बरामद संदिग्ध परमाणु डेटा से जुड़े हो सकते हैं और वह संवेदनशील दस्तावेज उन्हें बेचने की कोशिश कर रहा था। फर्जी नामों से पहचान छिपाता था हुसैनी कई सालों से अलग-अलग नाम और पहचान बनाकर रह रहा था। साल 2004 में उसे दुबई से इसलिए डिपोर्ट किया गया था क्योंकि उसने खुद को 'गोपनीय दस्तावेजों वाला वैज्ञानिक' बताकर अधिकारियों को गुमराह किया था। इसके बाद भी उसने फर्जी पासपोर्ट बनवाकर दुबई, तेहरान और कई देशों की यात्राएं कीं। उसकी हर यात्रा और संपर्क की जांच हो रही है। अख्तर हुसैनी के खिलाफ मेरठ में यूपी सरकार के खिलाफ दंगा भड़काने और असंतोष फैलाने का मामला भी दर्ज है। पासपोर्ट में 30 साल पुराने घर का पता जमशेदपुर निवासी हुसैनी ने 1996 में अपनी पुश्तैनी संपत्ति बेच दी थी, लेकिन पुराने संपर्कों के जरिए उसी पते पर फर्जी दस्तावेज बनवाता रहा। उसके भाई आदिल ने उसकी मुलाकात झारखंड के मुन्नजिल खान से कराई थी, जिसने दो फर्जी पासपोर्ट तैयार किए।एक हुसैनी मोहम्मद आदिल के नाम पर और दूसरा नसीमुद्दीन सैयद आदिल हुसैनी के नाम पर। दोनों में जमशेदपुर के उस घर का पता था जिसे हुसैनी परिवार ने करीब 30 साल पहले बेच दिया था। दिल्ली पुलिस ने हाल ही में आदिल हुसैनी को गिरफ्तार किया था। पूछताछ में अख्तर ने पुलिस को गुमराह करने के लिए कहा कि उसका भाई मर चुका है। मुन्नजिल खान का भाई इलियास खान भी इस नेटवर्क में शामिल है और फरार है। इलियास पर अख्तर को फर्जी एजुकेशनल सर्टिफिकेट, और कॉलेज की डिग्रियां उपलब्ध कराने का आरोप है।

Oct 30, 2025 - 21:41
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मुंबई में फर्जी वैज्ञानिक गिरफ्तार:भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर में घुसा, परमाणु डेटा, तीन पासपोर्ट और 14 नक्शे बरामद
मुंबई पुलिस ने वर्सोवा से 60 साल के फर्जी वैज्ञानिक अख्तर कुतुबुद्दीन हुसैनी को गिरफ्तार किया। वह खुद को भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर (BARC) का अधिकारी बताता था और BARC में भी घुस चुका है। अख्तर के पास से 14 मैप, परमाणु ब्लूप्रिंट और तीन पासपोर्ट बरामद हुए हैं, जिनका इस्तेमाल उसने कई बार विदेश यात्राओं के लिए किया था। शक है कि ये यात्राएं जासूसी या गोपनीय जानकारी के लेन-देन से जुड़ी हैं। अख्तर को अधिकारी पिछले दो साल से ट्रैक कर रहे थे। क्राइम ब्रांच ने उसे NIA और IB की सूचना पर पकड़ा। घर की तलाशी के दौरान पुलिस को फर्जी पासपोर्ट, आधार, पैन कार्ड और BARC के नकली ID कार्ड मिले हैं। एक पहचान पत्र पर नाम अली रजा हुसैन, तो दूसरे पर अलेक्जेंडर पामर लिखा था। पुलिस जांच में पता चला है कि हुसैनी ने पिछले कुछ महीनों में कई अंतरराष्ट्रीय कॉल्स किए थे। शक है कि उसका संपर्क विदेशी नेटवर्क से था, जो बरामद संदिग्ध परमाणु डेटा से जुड़े हो सकते हैं और वह संवेदनशील दस्तावेज उन्हें बेचने की कोशिश कर रहा था। फर्जी नामों से पहचान छिपाता था हुसैनी कई सालों से अलग-अलग नाम और पहचान बनाकर रह रहा था। साल 2004 में उसे दुबई से इसलिए डिपोर्ट किया गया था क्योंकि उसने खुद को 'गोपनीय दस्तावेजों वाला वैज्ञानिक' बताकर अधिकारियों को गुमराह किया था। इसके बाद भी उसने फर्जी पासपोर्ट बनवाकर दुबई, तेहरान और कई देशों की यात्राएं कीं। उसकी हर यात्रा और संपर्क की जांच हो रही है। अख्तर हुसैनी के खिलाफ मेरठ में यूपी सरकार के खिलाफ दंगा भड़काने और असंतोष फैलाने का मामला भी दर्ज है। पासपोर्ट में 30 साल पुराने घर का पता जमशेदपुर निवासी हुसैनी ने 1996 में अपनी पुश्तैनी संपत्ति बेच दी थी, लेकिन पुराने संपर्कों के जरिए उसी पते पर फर्जी दस्तावेज बनवाता रहा। उसके भाई आदिल ने उसकी मुलाकात झारखंड के मुन्नजिल खान से कराई थी, जिसने दो फर्जी पासपोर्ट तैयार किए।एक हुसैनी मोहम्मद आदिल के नाम पर और दूसरा नसीमुद्दीन सैयद आदिल हुसैनी के नाम पर। दोनों में जमशेदपुर के उस घर का पता था जिसे हुसैनी परिवार ने करीब 30 साल पहले बेच दिया था। दिल्ली पुलिस ने हाल ही में आदिल हुसैनी को गिरफ्तार किया था। पूछताछ में अख्तर ने पुलिस को गुमराह करने के लिए कहा कि उसका भाई मर चुका है। मुन्नजिल खान का भाई इलियास खान भी इस नेटवर्क में शामिल है और फरार है। इलियास पर अख्तर को फर्जी एजुकेशनल सर्टिफिकेट, और कॉलेज की डिग्रियां उपलब्ध कराने का आरोप है।