ओआरएस के नाम पर बेचे जा रहे महंगे फ्रूट ड्रिंक:फूड विभाग ने की बड़ी कार्रवाई,22 हजार एमएल जब्त

कोटा में फूड विभाग ने बड़ी कार्रवाई की जिसके चलते आमजन को सेहत के नाम पर गुमराह किया जा रहा बाजार में ओआरएस (ओरल रिहाइड्रेशन सॉल्ट्स) जैसे नामों से फ्रूट ड्रिंक और पेय पदार्थ बेचे जा रहे हैं। ये उत्पाद दिखने और नाम से ओआरएस जैसे लगते हैं, लेकिन वास्तव में ये दवा नहीं बल्कि सिर्फ फ्लेवर्ड ड्रिंक हैं। दस रुपए के असली ओआरएस पैकेट की जगह लोगों को 45 से 50 रुपए का पेय पदार्थ दे दिया जाता है। जो दस्त जैसी बीमारियों में किसी भी तरह का लाभ नहीं देता। खाद्य सुरक्षा एवं औषधि नियंत्रण आयुक्त डॉक्टर टी. शुभमंगला के निर्देश पर, सीएमएचओ कोटा डॉक्टर नरेंद्र नागर के नेतृत्व में खाद्य सुरक्षा दल ने न्यू अर्जुन विहार प्रथम स्थित एक फार्मेसी फर्म पर बड़ी कार्रवाई की। जांच में पाया गया कि फर्म अमृतांजन इलेक्ट्रो रिहाइड्रेट एप्पल ड्रिंक नामक रेडी टू सर्व पेय को ओआरएस के रूप में बेच रही थी। टीम ने मौके से 200-200 मिलीलीटर की 110 मूल बोतलें, कुल 22,000 एमएल ड्रिंक को सीज किया और नमूना जांच के लिए भेजा। जांच के दौरान फर्म का खरीद बिल अमृतांजन हेल्थकेयर लिमिटेड तमिलनाडु का पाया गया। खाद्य सुरक्षा विभाग ने संबंधित ड्रिंक ब्रांडों को रिकॉल करवाने और दोषियों पर सख्त कार्रवाई के निर्देश जारी किए हैं। डॉ. नरेंद्र नागर ने बताया कि असली ओआरएस दवा औषधि एवं प्रसाधन सामग्री नियम 1945 के तहत पंजीकृत और डीसीजीआई द्वारा मान्यता प्राप्त उत्पाद है, जिसका उपयोग डायरिया और डिहाइड्रेशन के इलाज में किया जाता है। जबकि बाजार में मिल रहे ये पेय पदार्थ केवल फ्रूट बेस्ड या नॉन-कार्बोनेटेड ड्रिंक हैं। जिनका औषधीय उपयोग नहीं किया जा सकता। भ्रामक नामों वाले कुछ उत्पादों में ओआरएस अल इलेक्ट्रोलाइट ड्रिंक, पेपरबॉट स्विंग जूसी ओआरएस, स्टेफिट, ओआरएस फिट, अमृतांजन इलेक्ट्रोलाइट, बॉडी आर्मर, फ्रूटॉस, फास्टअप रिलोड जैसे ब्रांड शामिल हैं। कार्रवाई करने वाली टीम में खाद्य सुरक्षा अधिकारी चंद्रवीर सिंह, अरुण सक्सेना, संदीप अग्रवाल और मोजीलाल कुंभकार शामिल रहे।

Oct 30, 2025 - 21:40
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ओआरएस के नाम पर बेचे जा रहे महंगे फ्रूट ड्रिंक:फूड विभाग ने की बड़ी कार्रवाई,22 हजार एमएल जब्त
कोटा में फूड विभाग ने बड़ी कार्रवाई की जिसके चलते आमजन को सेहत के नाम पर गुमराह किया जा रहा बाजार में ओआरएस (ओरल रिहाइड्रेशन सॉल्ट्स) जैसे नामों से फ्रूट ड्रिंक और पेय पदार्थ बेचे जा रहे हैं। ये उत्पाद दिखने और नाम से ओआरएस जैसे लगते हैं, लेकिन वास्तव में ये दवा नहीं बल्कि सिर्फ फ्लेवर्ड ड्रिंक हैं। दस रुपए के असली ओआरएस पैकेट की जगह लोगों को 45 से 50 रुपए का पेय पदार्थ दे दिया जाता है। जो दस्त जैसी बीमारियों में किसी भी तरह का लाभ नहीं देता। खाद्य सुरक्षा एवं औषधि नियंत्रण आयुक्त डॉक्टर टी. शुभमंगला के निर्देश पर, सीएमएचओ कोटा डॉक्टर नरेंद्र नागर के नेतृत्व में खाद्य सुरक्षा दल ने न्यू अर्जुन विहार प्रथम स्थित एक फार्मेसी फर्म पर बड़ी कार्रवाई की। जांच में पाया गया कि फर्म अमृतांजन इलेक्ट्रो रिहाइड्रेट एप्पल ड्रिंक नामक रेडी टू सर्व पेय को ओआरएस के रूप में बेच रही थी। टीम ने मौके से 200-200 मिलीलीटर की 110 मूल बोतलें, कुल 22,000 एमएल ड्रिंक को सीज किया और नमूना जांच के लिए भेजा। जांच के दौरान फर्म का खरीद बिल अमृतांजन हेल्थकेयर लिमिटेड तमिलनाडु का पाया गया। खाद्य सुरक्षा विभाग ने संबंधित ड्रिंक ब्रांडों को रिकॉल करवाने और दोषियों पर सख्त कार्रवाई के निर्देश जारी किए हैं। डॉ. नरेंद्र नागर ने बताया कि असली ओआरएस दवा औषधि एवं प्रसाधन सामग्री नियम 1945 के तहत पंजीकृत और डीसीजीआई द्वारा मान्यता प्राप्त उत्पाद है, जिसका उपयोग डायरिया और डिहाइड्रेशन के इलाज में किया जाता है। जबकि बाजार में मिल रहे ये पेय पदार्थ केवल फ्रूट बेस्ड या नॉन-कार्बोनेटेड ड्रिंक हैं। जिनका औषधीय उपयोग नहीं किया जा सकता। भ्रामक नामों वाले कुछ उत्पादों में ओआरएस अल इलेक्ट्रोलाइट ड्रिंक, पेपरबॉट स्विंग जूसी ओआरएस, स्टेफिट, ओआरएस फिट, अमृतांजन इलेक्ट्रोलाइट, बॉडी आर्मर, फ्रूटॉस, फास्टअप रिलोड जैसे ब्रांड शामिल हैं। कार्रवाई करने वाली टीम में खाद्य सुरक्षा अधिकारी चंद्रवीर सिंह, अरुण सक्सेना, संदीप अग्रवाल और मोजीलाल कुंभकार शामिल रहे।