भूपेन हजारिका की जयंती पर PM मोदी बोले, उनका संगीत एक भारत-श्रेष्ठ भारत की पहचान

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुवाहाटी में भारत रत्न डॉ. भूपेन हजारिका की 100वीं जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित समारोह में शामिल हुए। मोदी ने डॉ. भूपेन हजारिका की 100वीं जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित समारोह में भाग लेते हुए उनके सम्मान में ‘स्मारक सिक्का और डाक टिकट’ जारी किया। वहीं, अपने संबोधन में मोदी ने कहा कि आज का दिन अद्भुत है और ये पल अनमोल हैं। जो दृश्य यहां मैंने देखा, जो उत्साह और तालमेल मुझे दिखा, भूपेन संगीत की जो ली दिखी, अगर मैं भूपेन दा के शब्दों में ही कहूं, तो मन में बार-बार आ रहा था - ' समय ओ धीरे चलो, समय ओ धीरे चलो।' इसे भी पढ़ें: मोदी का मणिपुर दौरा जमीनी हकीकत से ज्यादा प्रधानमंत्री की ‘छवि’ पर केंद्रित: गौरव गोगोईनरेंद्र मोदी ने कहा कि अभी कुछ दिन पूर्व ही 8 सितंबर को भूपेन हजारिका जी का जन्मदिवस बीता है। उस दिन मैंने भूपेन दा को समर्पित एक लेख में अपनी भावनाएं व्यक्त की थी। मेरा सौभाग्य है कि उनके जन्मशताब्दी वर्ष के इस आयोजन में मुझे हिस्सा लेने का अवसर मिला है। उन्होंने कहा कि भूपेन दा ने ऐसी अमर रचनाएं रचीं। जो अपने स्वरों से भारत को जोड़ती रहीं। जो भारत की पीढ़ियों को झकझोरती रहीं। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार बहुत गर्व से भूपेन दा के जन्मशताब्दी वर्ष को सेलिब्रेट कर रही है। हम भूपेन हजारिका जी के गीतों को, उनके संदेशों को और उनकी जीवनयात्रा को घर-घर ले जा रहे हैं।प्रधानमंत्री ने कहा कि भूपेन हजारिका जी ने जीवन पर्यंत संगीत की सेवा की। संगीत जब साधना बनता है, तो वो हमारी आत्मा को छूता है और संगीत जब संकल्प बनता है, तो वो समाज को नई दिशा दिखाने का माध्यम बन जाता है। भूपेन दा का संगीत इसलिए ही इतना विशेष था। उन्होंने जिन आदर्शों को जिया, जो अनुभव किया, वही अपने गीतों में भी गाया। हम उनके गीतों में मां भारती के लिए इतना प्रेम इसलिए देखते हैं, क्योंकि वो 'एक भारत-श्रेष्ठ भारत' की भावना को जीते थे। भूपेन हजारिका का संगीत ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ की अवधारणा को समाहित करता है; वह भारत की सांस्कृतिक परंपराओं में रचे-बसे थे। इसे भी पढ़ें: PM Modi ने Mizoram में विकास और Manipur में विश्वास की नई पटरियाँ बिछाईंउन्होंने कहा कि भूपेन दा भारत की एकता और अखंडता के महान नायक थे। दशकों पहले, जब नॉर्थ ईस्ट उपेक्षा का शिकार था, नॉर्थ ईस्ट को हिंसा और अलगाववाद की आग में जलने के लिए छोड़ दिया गया था। तब भूपेन दा उस मुश्किल समय में भी भारत की एकता को ही आवाज देते रहे। मोदी ने कहा कि जब हम कनेक्टिविटी की बात करते हैं, तो लोगों को अक्सर रेल, रोड या एयर कनेक्टिविटी की याद आती है। लेकिन, देश की एकता के लिए एक और कनेक्टिविटी की जरूरत है, वो है कल्चरल कनेक्टिविटी। उन्होंने कहा कि बीते 11 वर्षों में देश ने नार्थ ईस्ट के विकास के साथ साथ कल्चरल कनेक्टिविटी को भी बड़ी अहमियत दी है। ये एक अभियान है, जो अनवरत जारी है।

Sep 13, 2025 - 22:23
 0
भूपेन हजारिका की जयंती पर PM मोदी बोले, उनका संगीत एक भारत-श्रेष्ठ भारत की पहचान
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुवाहाटी में भारत रत्न डॉ. भूपेन हजारिका की 100वीं जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित समारोह में शामिल हुए। मोदी ने डॉ. भूपेन हजारिका की 100वीं जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित समारोह में भाग लेते हुए उनके सम्मान में ‘स्मारक सिक्का और डाक टिकट’ जारी किया। वहीं, अपने संबोधन में मोदी ने कहा कि आज का दिन अद्भुत है और ये पल अनमोल हैं। जो दृश्य यहां मैंने देखा, जो उत्साह और तालमेल मुझे दिखा, भूपेन संगीत की जो ली दिखी, अगर मैं भूपेन दा के शब्दों में ही कहूं, तो मन में बार-बार आ रहा था - ' समय ओ धीरे चलो, समय ओ धीरे चलो।'
 

इसे भी पढ़ें: मोदी का मणिपुर दौरा जमीनी हकीकत से ज्यादा प्रधानमंत्री की ‘छवि’ पर केंद्रित: गौरव गोगोई


नरेंद्र मोदी ने कहा कि अभी कुछ दिन पूर्व ही 8 सितंबर को भूपेन हजारिका जी का जन्मदिवस बीता है। उस दिन मैंने भूपेन दा को समर्पित एक लेख में अपनी भावनाएं व्यक्त की थी। मेरा सौभाग्य है कि उनके जन्मशताब्दी वर्ष के इस आयोजन में मुझे हिस्सा लेने का अवसर मिला है। उन्होंने कहा कि भूपेन दा ने ऐसी अमर रचनाएं रचीं। जो अपने स्वरों से भारत को जोड़ती रहीं। जो भारत की पीढ़ियों को झकझोरती रहीं। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार बहुत गर्व से भूपेन दा के जन्मशताब्दी वर्ष को सेलिब्रेट कर रही है। हम भूपेन हजारिका जी के गीतों को, उनके संदेशों को और उनकी जीवनयात्रा को घर-घर ले जा रहे हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भूपेन हजारिका जी ने जीवन पर्यंत संगीत की सेवा की। संगीत जब साधना बनता है, तो वो हमारी आत्मा को छूता है और संगीत जब संकल्प बनता है, तो वो समाज को नई दिशा दिखाने का माध्यम बन जाता है। भूपेन दा का संगीत इसलिए ही इतना विशेष था। उन्होंने जिन आदर्शों को जिया, जो अनुभव किया, वही अपने गीतों में भी गाया। हम उनके गीतों में मां भारती के लिए इतना प्रेम इसलिए देखते हैं, क्योंकि वो 'एक भारत-श्रेष्ठ भारत' की भावना को जीते थे। भूपेन हजारिका का संगीत ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ की अवधारणा को समाहित करता है; वह भारत की सांस्कृतिक परंपराओं में रचे-बसे थे।
 

इसे भी पढ़ें: PM Modi ने Mizoram में विकास और Manipur में विश्वास की नई पटरियाँ बिछाईं


उन्होंने कहा कि भूपेन दा भारत की एकता और अखंडता के महान नायक थे। दशकों पहले, जब नॉर्थ ईस्ट उपेक्षा का शिकार था, नॉर्थ ईस्ट को हिंसा और अलगाववाद की आग में जलने के लिए छोड़ दिया गया था। तब भूपेन दा उस मुश्किल समय में भी भारत की एकता को ही आवाज देते रहे। मोदी ने कहा कि जब हम कनेक्टिविटी की बात करते हैं, तो लोगों को अक्सर रेल, रोड या एयर कनेक्टिविटी की याद आती है। लेकिन, देश की एकता के लिए एक और कनेक्टिविटी की जरूरत है, वो है कल्चरल कनेक्टिविटी। उन्होंने कहा कि बीते 11 वर्षों में देश ने नार्थ ईस्ट के विकास के साथ साथ कल्चरल कनेक्टिविटी को भी बड़ी अहमियत दी है। ये एक अभियान है, जो अनवरत जारी है।