Israel का 6 मुस्लिम देशों पर बड़ा हमला, मोदी ने पलटा पूरा गेम
आतंकियों का सफाया करने के लिए इजरायल ने छह मुस्लिम देशों में 72 घंटे के भीतर तबाही मचा दी। इजरायल ने 8 सितंबर से 10 सितंबर के बीच छह मुस्लिम देशों पर ताबड़तोड़ हमले कर दिए। ये हमले फिलिस्तीन के गाजा समेत, सीरिया, लेबनान, कतर,यमन और ट्यूनेशिया में किए गए। लेकिन कतर पर इजरायल ने जो हमला किया उसने पूरी दुनिया में बवाल मचा दिया है। मामला कितना गंभीर है। इसका अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि भारत, रूस, चीन और अमेरिका सब इस विवाद में कूद पड़े हैं। भारत के लिए स्थिति छोड़ी पेंचिदा है क्योंकि इस पूरी कहानी में आग अमेरिका ने लगाई। दूसरी तरफ भारत के दो सबसे पक्के दोस्त कतर और इजरायल आपस में भिड़ गए। इसी बीच कतर के अमीर ने पीएम मोदी को फोन मिला दिया।इसे भी पढ़ें: इजरायल ने बिगाड़े रिश्ते, संभालने खुद ट्रंप उतरे, ऐसा डिनर दिया, कतर PM बोले- शानदार, जबरदस्तकतर को लग रहा था कि डोनाल्ड ट्रंप ने जो धोखा भारत को दिया था। अब वैसा ही धोखा कतर को दे दिया है। लेकिन इतनी उलझन होने के बावजूद पीएम मोदी ने जबरदस्त कूटनीति दिखाते हुए पूरे मामले को पलट दिया है। दरअसल, भारत के लगभग सभी खाड़ी देशों के साथ अच्छे रिश्ते हैं। हालांकि खाड़ी देश बीच बीच में भारत को ज्ञान देते रहते हैं। लेकिन भारत की ऊर्जा जरूरतों के लिए खाड़ी देश महत्वपूर्ण हैं। ऐसे में कतर पर इजरायल के हमले के बाद कई देश भारत पर दबाव बना रहे थे कि उसे इजरायल की अब निंदा करनी चाहिेए। ऐसे में भारत ने ठीक नही किया। लेकिन उसमें एक ट्विस्ट ला दिया। प्रधानमंत्री मोदी ने इस हमले की कड़ी निंदा की और कहा कि भारत हमेशा से कतर की संप्रभुता का सम्मान करता है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत संवाद और कूटनीति के माध्यम से समस्याओं के समाधान का समर्थन करता है और क्षेत्र में शांति और स्थिरता के पक्ष में खड़ा है। लेकिन अपने इस बयान में पीएम मोदी ने इजरायल का नाम नहीं लिखा। भारत ने ये जवाब देकर दुनिया को बता दिया कि वो कतर के साथ है। लेकिन किसी भी कीमत पर इजरायल को धोखा नहीं देगा। इसे भी पढ़ें: यरुशलम के बाहर होटल में दो लोगों पर चाकू से हमला, इजराइली पुलिस ने इसे आतंकवादी हमला बतायएक्सपर्ट्स का मानना है कि अमेरिका से ग्रीन सिग्नल मिलने के बाद ही इजरायल ने कतर पर हमला किया है। अमेरिका की इजाजत के बिना इजरायल मीडिल ईस्ट के इतने ताकतवर देश के खिलाफ इतनी आसानी से हाथ नहीं डालता। तभी तो कतर ने अमेरिका पर बड़ा आरोप लगाते हुए बयान दिया और कहा कि अमेरिका ने हमें धोखा दिया है। अमेरिका को इस हमले के बारे में पता था। इजरायल जैसे ही ये एयर स्ट्राइक करने वाला था। उससे कुछ मिनट पहले ही अमेरिका के अधिकारियों ने हमें इस बारे में जानकारी दी। इस जानकारी का हमें कोई फायदा नहीं मिला क्योंकि बहुत देर हो चुकी थी। इसे भी पढ़ें: इजरायल को UNSC में घेरने चला था पाकिस्तान, 4 सेकेंड में वैश्विक मंच पर हो गई बेइज्जती हमास के कमांडरों को मार गिराने के नाम पर दोहा में हमले ने इस्लामिक देशों को उकसा दिया है। पाकिस्तान, सऊदी अरब, यूएई समेत कई मुस्लिम देशों ने भी इस हमले की निंदा की है। इस बीच हालात संभालने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप खुद ही उतर आए हैं। न्यूयॉर्क में ट्रंप ने कतर के पीएम शेख मोहम्मद बिन अब्दुलरहमान अल थानी से मुलाकात की। अल जज़ीरा की किम्बर्ली हालकेट के अनुसार, अमेरिकी राष्ट्रपति के साथ डिनर बैठक से पहले, शेख मोहम्मद ने व्हाइट हाउस में अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस और विदेश मंत्री मार्को रुबियो से मुलाकात की, जहाँ उन्होंने इज़राइल के हमलों और अमेरिका-क़तर सुरक्षा व्यवस्था पर चर्चा की।

आतंकियों का सफाया करने के लिए इजरायल ने छह मुस्लिम देशों में 72 घंटे के भीतर तबाही मचा दी। इजरायल ने 8 सितंबर से 10 सितंबर के बीच छह मुस्लिम देशों पर ताबड़तोड़ हमले कर दिए। ये हमले फिलिस्तीन के गाजा समेत, सीरिया, लेबनान, कतर,यमन और ट्यूनेशिया में किए गए। लेकिन कतर पर इजरायल ने जो हमला किया उसने पूरी दुनिया में बवाल मचा दिया है। मामला कितना गंभीर है। इसका अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि भारत, रूस, चीन और अमेरिका सब इस विवाद में कूद पड़े हैं। भारत के लिए स्थिति छोड़ी पेंचिदा है क्योंकि इस पूरी कहानी में आग अमेरिका ने लगाई। दूसरी तरफ भारत के दो सबसे पक्के दोस्त कतर और इजरायल आपस में भिड़ गए। इसी बीच कतर के अमीर ने पीएम मोदी को फोन मिला दिया।
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कतर को लग रहा था कि डोनाल्ड ट्रंप ने जो धोखा भारत को दिया था। अब वैसा ही धोखा कतर को दे दिया है। लेकिन इतनी उलझन होने के बावजूद पीएम मोदी ने जबरदस्त कूटनीति दिखाते हुए पूरे मामले को पलट दिया है। दरअसल, भारत के लगभग सभी खाड़ी देशों के साथ अच्छे रिश्ते हैं। हालांकि खाड़ी देश बीच बीच में भारत को ज्ञान देते रहते हैं। लेकिन भारत की ऊर्जा जरूरतों के लिए खाड़ी देश महत्वपूर्ण हैं। ऐसे में कतर पर इजरायल के हमले के बाद कई देश भारत पर दबाव बना रहे थे कि उसे इजरायल की अब निंदा करनी चाहिेए। ऐसे में भारत ने ठीक नही किया। लेकिन उसमें एक ट्विस्ट ला दिया। प्रधानमंत्री मोदी ने इस हमले की कड़ी निंदा की और कहा कि भारत हमेशा से कतर की संप्रभुता का सम्मान करता है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत संवाद और कूटनीति के माध्यम से समस्याओं के समाधान का समर्थन करता है और क्षेत्र में शांति और स्थिरता के पक्ष में खड़ा है। लेकिन अपने इस बयान में पीएम मोदी ने इजरायल का नाम नहीं लिखा। भारत ने ये जवाब देकर दुनिया को बता दिया कि वो कतर के साथ है। लेकिन किसी भी कीमत पर इजरायल को धोखा नहीं देगा।
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एक्सपर्ट्स का मानना है कि अमेरिका से ग्रीन सिग्नल मिलने के बाद ही इजरायल ने कतर पर हमला किया है। अमेरिका की इजाजत के बिना इजरायल मीडिल ईस्ट के इतने ताकतवर देश के खिलाफ इतनी आसानी से हाथ नहीं डालता। तभी तो कतर ने अमेरिका पर बड़ा आरोप लगाते हुए बयान दिया और कहा कि अमेरिका ने हमें धोखा दिया है। अमेरिका को इस हमले के बारे में पता था। इजरायल जैसे ही ये एयर स्ट्राइक करने वाला था। उससे कुछ मिनट पहले ही अमेरिका के अधिकारियों ने हमें इस बारे में जानकारी दी। इस जानकारी का हमें कोई फायदा नहीं मिला क्योंकि बहुत देर हो चुकी थी।
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हमास के कमांडरों को मार गिराने के नाम पर दोहा में हमले ने इस्लामिक देशों को उकसा दिया है। पाकिस्तान, सऊदी अरब, यूएई समेत कई मुस्लिम देशों ने भी इस हमले की निंदा की है। इस बीच हालात संभालने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप खुद ही उतर आए हैं। न्यूयॉर्क में ट्रंप ने कतर के पीएम शेख मोहम्मद बिन अब्दुलरहमान अल थानी से मुलाकात की। अल जज़ीरा की किम्बर्ली हालकेट के अनुसार, अमेरिकी राष्ट्रपति के साथ डिनर बैठक से पहले, शेख मोहम्मद ने व्हाइट हाउस में अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस और विदेश मंत्री मार्को रुबियो से मुलाकात की, जहाँ उन्होंने इज़राइल के हमलों और अमेरिका-क़तर सुरक्षा व्यवस्था पर चर्चा की।