पलवल में बाढ़ प्रभावित 20 गांव में बीमारियों का खतरा:रोजाना 400 मरीज पहुंच रहे अस्पताल, स्वास्थ्य विभाग ने बनाई 7 टीमें
पलवल जिले में यमुना का जलस्तर कम होने के साथ बाढ़ का पानी खेतों से हट रहा है। खादर क्षेत्र के 20 गांवों में अब बीमारियां फैल रही हैं। डेंगू, मलेरिया, फंगल इन्फेक्शन, आंखों की समस्या और एलर्जी के मरीजों की संख्या बढ़ रही है। पिछले चार दिनों से बुखार, आंखों में खुजली और चकत्ते की शिकायतें आ रही हैं। घर-घर जाकर लोगों की जांच बता दें कि बाढ़ प्रभावित गांवों से हर दिन करीब 400 मरीज इलाज के लिए आ रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग ने सात टीमें गठित की हैं। ये टीमें प्रभावित गांवों में घर-घर जाकर लोगों की जांच कर रही हैं। सीएमओ डॉ. सतिंदर वशिष्ठ के अनुसार, आशा कार्यकर्ताओं के माध्यम से गांवों में दवाएं पहुंचाई गई हैं। इनमें क्लोरीन, पेरासिटामोल, खुजली की दवाएं, ओआरएस घोल, आई ड्रॉप और जिंक की गोलियां शामिल हैं। क्लोरीन की मात्रा की नियमित जांच स्वास्थ्य विभाग पानी में क्लोरीन की मात्रा की नियमित जांच कर रहा है। मच्छर जनित बीमारियों से बचाव के लिए फॉगिंग की जा रही है। मुस्तफाबाद और अच्छेजा गांवों के राहत शिविरों में नियमित स्वास्थ्य कैंप लगाए जा रहे हैं। पशुओं के लिए भी लगाए शिविर पशुपालन एवं डेयरी विभाग की ओर से बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में पशुओं की देखभाल के लिए शिविर लगाए जा रहे है। जिनमें पशुओं की स्वास्थ्य जांच और टीकाकरण किया जा रहा है।
पलवल जिले में यमुना का जलस्तर कम होने के साथ बाढ़ का पानी खेतों से हट रहा है। खादर क्षेत्र के 20 गांवों में अब बीमारियां फैल रही हैं। डेंगू, मलेरिया, फंगल इन्फेक्शन, आंखों की समस्या और एलर्जी के मरीजों की संख्या बढ़ रही है। पिछले चार दिनों से बुखार, आंखों में खुजली और चकत्ते की शिकायतें आ रही हैं। घर-घर जाकर लोगों की जांच बता दें कि बाढ़ प्रभावित गांवों से हर दिन करीब 400 मरीज इलाज के लिए आ रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग ने सात टीमें गठित की हैं। ये टीमें प्रभावित गांवों में घर-घर जाकर लोगों की जांच कर रही हैं। सीएमओ डॉ. सतिंदर वशिष्ठ के अनुसार, आशा कार्यकर्ताओं के माध्यम से गांवों में दवाएं पहुंचाई गई हैं। इनमें क्लोरीन, पेरासिटामोल, खुजली की दवाएं, ओआरएस घोल, आई ड्रॉप और जिंक की गोलियां शामिल हैं। क्लोरीन की मात्रा की नियमित जांच स्वास्थ्य विभाग पानी में क्लोरीन की मात्रा की नियमित जांच कर रहा है। मच्छर जनित बीमारियों से बचाव के लिए फॉगिंग की जा रही है। मुस्तफाबाद और अच्छेजा गांवों के राहत शिविरों में नियमित स्वास्थ्य कैंप लगाए जा रहे हैं। पशुओं के लिए भी लगाए शिविर पशुपालन एवं डेयरी विभाग की ओर से बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में पशुओं की देखभाल के लिए शिविर लगाए जा रहे है। जिनमें पशुओं की स्वास्थ्य जांच और टीकाकरण किया जा रहा है।