बहादुरगढ़ में लगातार बढ़ रहा प्रदूषण का स्तर:4 दिन में ग्रीन से आरेंज कैटेगरी में आया, ग्रेप लगने की संभावना, पाबंदियां लागू होंगी
बहादुरगढ़ में प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ रहा है। पिछले पांच दिनों में ही, वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) ग्रीन कैटेगरी से बढ़कर ऑरेंज कैटेगरी में पहुंच गया है। शनिवार को, AQI 200 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर से ऊपर दर्ज किया गया। ऐसे में, ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) 1 की पाबंदियां लागू होने की संभावना बढ़ गई है। यह सड़कों पर उड़ रही धूल और उद्योगों की ओर से लगातार हवा में छोड़े जा रहा रहे धुएं के कारण बढ़ा है। दीवाली के आसपास, जब आतिशबाजी होगी और धान की कटाई तेज होगी, तो प्रदूषण का स्तर और भी बढ़ सकता है। रविवार को भी, सुबह प्रदूषण का स्तर 200 के आसपास, यानी 195 माइक्रोग्राम दर्ज किया गया। हालांकि, यह अभी येलो श्रेणी में है, लेकिन दिन में यह और भी बढ़ सकता है। प्रदूषण रोकने को बढ़ाई सक्रियता, ग्रेप लागू होने पर रात को भी होगी पेट्रोलिंग उधर प्रदूषण रोकने के लिए हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड(HSPCB) ने भी सक्रियता बढ़ा दी है। बोर्ड के रीजनल आफिसर(RO) शैलेंद्र अरोड़ा ने बताया कि HSPCB की ओर से ग्रेप की पाबंदियां लागू होते ही रात के समय भी पेट्रोलिंग बढ़ाई जाएगी। इसके लिए भी हर विभाग के स्तर पर टीमों का गठन कर दिया है। पिछले साल सितंबर में ही लागू हो गई था GRAP प्रदूषण को रोकने के लिए पहले GRAP को 15 अक्टूबर से लागू किया जाता था। दो साल से यह 1 अक्टूबर से प्रभावी हुआ। मगर पिछले साल यह सितंबर माह में ही लागू हो गया था। पाबंदियां तभी लागू होती हैं जब देश की राजधानी दिल्ली में प्रदूषण का स्तर निर्धारित सीमा से ऊपर चला जाता है। इस बार, जहां दिल्ली में प्रदूषण का स्तर बढ़ने पर कृत्रिम बारिश की योजना बनाई गई है, वहीं बहादुरगढ़ के आसपास के इलाके में अक्टूबर की शुरुआत में हुई बारिश से प्रदूषण का स्तर नहीं बढ़ा था, लेकिन अब यह बढ़ने लगा है। GRAP की पाबंदियां AQI का स्तर 200 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर से ऊपर जाने पर लागू होती हैं ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण को कम करने के लिए एक आपातकालीन योजना है। GRAP को प्रदूषण के स्तर के आधार पर लागू किया जाता है। GRAP की चार श्रेणियां हैं: GRAP 1: जब AQI ऑरेंज श्रेणी में होता है, तो GRAP 1 लागू किया जाता है। GRAP 1 के तहत, ज्यादा प्रदूषण फैलाने वाले उद्योगों को बंद करने और निर्माण गतिविधियों को रोकने जैसे उपाय किए जाते हैं। GRAP 2: जब AQI रेड श्रेणी में होता है, तो GRAP 2 लागू किया जाता है। GRAP 2 के तहत, GRAP 1 के उपायों के अलावा, निजी वाहनों के उपयोग को कम करने और सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा देने जैसे उपाय किए जाते हैं। GRAP 3: जब AQI पर्पल श्रेणी में होता है, तो GRAP 3 लागू किया जाता है। GRAP 3 के तहत, GRAP 2 के उपायों के अलावा, स्कूलों को बंद करने और गैर-जरूरी व्यवसायों को बंद करने जैसे उपाय किए जाते हैं। GRAP 4: जब AQI ब्राउन श्रेणी में होता है, तो GRAP 4 लागू किया जाता है। GRAP 4 के तहत, GRAP 3 के उपायों के अलावा, आपातकालीन सेवाओं को छोड़कर सभी गतिविधियों को बंद करने जैसे उपाय किए जाते हैं।
GRAP 1 की पाबंदियां यदि बहादुरगढ़ में AQI ऑरेंज श्रेणी में बना रहता है, तो GRAP 1 की पाबंदियां लागू हो सकती हैं। GRAP 1 के तहत, निम्नलिखित उपाय किए जा सकते हैं: -ज्यादा प्रदूषण फैलाने वाले उद्योगों को बंद करना -निर्माण गतिविधियों को रोकना -सड़कों पर धूल को कम करने के लिए पानी का छिड़काव करना -सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा देना -लोगों को प्रदूषण से बचने के लिए सलाह देना प्रदूषण कम करने का प्रयास करें लोग बोर्ड के RO शैलेंद्र अरोड़ा का कहना है कि प्रदूषण के बढ़ते स्तर को देखते हुए, यह जरूरी है कि लोग प्रदूषण को कम करने के लिए हर संभव प्रयास करें। लोगों को सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करना चाहिए, निजी वाहनों का उपयोग कम करना चाहिए, और प्रदूषण फैलाने वाली गतिविधियों से बचना चाहिए।
बहादुरगढ़ में प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ रहा है। पिछले पांच दिनों में ही, वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) ग्रीन कैटेगरी से बढ़कर ऑरेंज कैटेगरी में पहुंच गया है। शनिवार को, AQI 200 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर से ऊपर दर्ज किया गया। ऐसे में, ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) 1 की पाबंदियां लागू होने की संभावना बढ़ गई है। यह सड़कों पर उड़ रही धूल और उद्योगों की ओर से लगातार हवा में छोड़े जा रहा रहे धुएं के कारण बढ़ा है। दीवाली के आसपास, जब आतिशबाजी होगी और धान की कटाई तेज होगी, तो प्रदूषण का स्तर और भी बढ़ सकता है। रविवार को भी, सुबह प्रदूषण का स्तर 200 के आसपास, यानी 195 माइक्रोग्राम दर्ज किया गया। हालांकि, यह अभी येलो श्रेणी में है, लेकिन दिन में यह और भी बढ़ सकता है। प्रदूषण रोकने को बढ़ाई सक्रियता, ग्रेप लागू होने पर रात को भी होगी पेट्रोलिंग उधर प्रदूषण रोकने के लिए हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड(HSPCB) ने भी सक्रियता बढ़ा दी है। बोर्ड के रीजनल आफिसर(RO) शैलेंद्र अरोड़ा ने बताया कि HSPCB की ओर से ग्रेप की पाबंदियां लागू होते ही रात के समय भी पेट्रोलिंग बढ़ाई जाएगी। इसके लिए भी हर विभाग के स्तर पर टीमों का गठन कर दिया है। पिछले साल सितंबर में ही लागू हो गई था GRAP प्रदूषण को रोकने के लिए पहले GRAP को 15 अक्टूबर से लागू किया जाता था। दो साल से यह 1 अक्टूबर से प्रभावी हुआ। मगर पिछले साल यह सितंबर माह में ही लागू हो गया था। पाबंदियां तभी लागू होती हैं जब देश की राजधानी दिल्ली में प्रदूषण का स्तर निर्धारित सीमा से ऊपर चला जाता है। इस बार, जहां दिल्ली में प्रदूषण का स्तर बढ़ने पर कृत्रिम बारिश की योजना बनाई गई है, वहीं बहादुरगढ़ के आसपास के इलाके में अक्टूबर की शुरुआत में हुई बारिश से प्रदूषण का स्तर नहीं बढ़ा था, लेकिन अब यह बढ़ने लगा है। GRAP की पाबंदियां AQI का स्तर 200 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर से ऊपर जाने पर लागू होती हैं ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण को कम करने के लिए एक आपातकालीन योजना है। GRAP को प्रदूषण के स्तर के आधार पर लागू किया जाता है। GRAP की चार श्रेणियां हैं: GRAP 1: जब AQI ऑरेंज श्रेणी में होता है, तो GRAP 1 लागू किया जाता है। GRAP 1 के तहत, ज्यादा प्रदूषण फैलाने वाले उद्योगों को बंद करने और निर्माण गतिविधियों को रोकने जैसे उपाय किए जाते हैं। GRAP 2: जब AQI रेड श्रेणी में होता है, तो GRAP 2 लागू किया जाता है। GRAP 2 के तहत, GRAP 1 के उपायों के अलावा, निजी वाहनों के उपयोग को कम करने और सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा देने जैसे उपाय किए जाते हैं। GRAP 3: जब AQI पर्पल श्रेणी में होता है, तो GRAP 3 लागू किया जाता है। GRAP 3 के तहत, GRAP 2 के उपायों के अलावा, स्कूलों को बंद करने और गैर-जरूरी व्यवसायों को बंद करने जैसे उपाय किए जाते हैं। GRAP 4: जब AQI ब्राउन श्रेणी में होता है, तो GRAP 4 लागू किया जाता है। GRAP 4 के तहत, GRAP 3 के उपायों के अलावा, आपातकालीन सेवाओं को छोड़कर सभी गतिविधियों को बंद करने जैसे उपाय किए जाते हैं।
GRAP 1 की पाबंदियां यदि बहादुरगढ़ में AQI ऑरेंज श्रेणी में बना रहता है, तो GRAP 1 की पाबंदियां लागू हो सकती हैं। GRAP 1 के तहत, निम्नलिखित उपाय किए जा सकते हैं: -ज्यादा प्रदूषण फैलाने वाले उद्योगों को बंद करना -निर्माण गतिविधियों को रोकना -सड़कों पर धूल को कम करने के लिए पानी का छिड़काव करना -सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा देना -लोगों को प्रदूषण से बचने के लिए सलाह देना प्रदूषण कम करने का प्रयास करें लोग बोर्ड के RO शैलेंद्र अरोड़ा का कहना है कि प्रदूषण के बढ़ते स्तर को देखते हुए, यह जरूरी है कि लोग प्रदूषण को कम करने के लिए हर संभव प्रयास करें। लोगों को सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करना चाहिए, निजी वाहनों का उपयोग कम करना चाहिए, और प्रदूषण फैलाने वाली गतिविधियों से बचना चाहिए।