पश्चिम चंपारण में बाघ ने मचाया आतंक:खेत में चर रही तीन बकरियों को मार डाला, वन विभाग ने शुरू की ट्रैकिंग
पश्चिम चंपारण के गौनाहा प्रखंड के मंगुराहा वन क्षेत्र में गुरुवार को एक भटके हुए नर बाघ ने खेत में चारा चर रही तीन बकरियों पर हमला कर उन्हें मौत के घाट उतार दिया। यह घटना भवानीपुर नाका के समीप कंपार्टमेंट संख्या 58 में हुई, जिससे आसपास के ग्रामीणों में अफरा-तफरी मच गई। ग्रामीण बेनी देवी, जो अपने पति रामकिशुन महतो के साथ बकरियां चरा रही थीं, ने बताया कि अचानक झाड़ियों से एक बाघ निकल आया और पलक झपकते ही तीन बकरियों को मार डाला। उन्होंने बताया कि बाघ के हमले के दौरान उन्होंने शोर मचाकर आसपास के लोगों को बुलाया, लेकिन तब तक बाघ वापस झाड़ियों में भाग चुका था। वन विभाग की टीम पहुंची मौके पर घटना की सूचना मिलते ही वन विभाग की टीम सक्रिय हो गई। बनपाल हिमांशु कुमार के नेतृत्व में अमन कुमार, राहुल कुमार, धीरज कुमार, बलराम पासवान, बुधराम कुमार, राजेश चौधरी एवं टीटीपीपी धर्मेंद्र पासवान की टीम ने मौके पर पहुंचकर बाघ के पगचिह्नों की पहचान की और ट्रैकिंग शुरू कर दी। प्रभारी रेंजर सत्यम कुमार ने बताया कि ग्रामीण की शिकायत की जांच में बाघ के हमले की पुष्टि हुई है। उन्होंने कहा कि पीड़ित किसान को वन विभाग की ओर से उचित मुआवजा देने की प्रक्रिया आरंभ कर दी गई है। साथ ही बाघ की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए पगमार्क ट्रैकिंग जारी है। ग्रामीणों में भय का माहौल बाघ के खुले सरेह में हमला करने और गांव के करीब पहुंचने से ग्रामीणों में गहरी दहशत फैल गई है। लोग खेतों और जंगल की ओर नहीं जा रहे हैं। वन विभाग ने लोगों से सतर्क रहने और समूह में ही खेत या जंगल जाने की सलाह दी है। प्रशासन और वन विभाग सतर्क वन विभाग की टीम ने बताया कि बाघ का मूवमेंट वन क्षेत्र से बाहर की ओर हो रहा है, ऐसे में पुनरावृत्ति की आशंका को देखते हुए टीमें लगातार पेट्रोलिंग कर रही हैं। साथ ही, कैमरा ट्रैप लगाने की प्रक्रिया भी आरंभ कर दी गई है ताकि बाघ की लोकेशन सटीक रूप से ट्रेस की जा सके। ग्रामीणों की मांग स्थानीय ग्रामीणों ने मांग की है कि गांव के पास बाघ की गतिविधि को देखते हुए विशेष सुरक्षा व्यवस्था की जाए। मवेशियों की क्षति के लिए तत्काल मुआवजा भुगतान सुनिश्चित हो। गश्ती दल की संख्या बढ़ाई जाए और वन क्षेत्र में बाघ के मूवमेंट की जानकारी समय-समय पर दी जाए।
पश्चिम चंपारण के गौनाहा प्रखंड के मंगुराहा वन क्षेत्र में गुरुवार को एक भटके हुए नर बाघ ने खेत में चारा चर रही तीन बकरियों पर हमला कर उन्हें मौत के घाट उतार दिया। यह घटना भवानीपुर नाका के समीप कंपार्टमेंट संख्या 58 में हुई, जिससे आसपास के ग्रामीणों में अफरा-तफरी मच गई। ग्रामीण बेनी देवी, जो अपने पति रामकिशुन महतो के साथ बकरियां चरा रही थीं, ने बताया कि अचानक झाड़ियों से एक बाघ निकल आया और पलक झपकते ही तीन बकरियों को मार डाला। उन्होंने बताया कि बाघ के हमले के दौरान उन्होंने शोर मचाकर आसपास के लोगों को बुलाया, लेकिन तब तक बाघ वापस झाड़ियों में भाग चुका था। वन विभाग की टीम पहुंची मौके पर घटना की सूचना मिलते ही वन विभाग की टीम सक्रिय हो गई। बनपाल हिमांशु कुमार के नेतृत्व में अमन कुमार, राहुल कुमार, धीरज कुमार, बलराम पासवान, बुधराम कुमार, राजेश चौधरी एवं टीटीपीपी धर्मेंद्र पासवान की टीम ने मौके पर पहुंचकर बाघ के पगचिह्नों की पहचान की और ट्रैकिंग शुरू कर दी। प्रभारी रेंजर सत्यम कुमार ने बताया कि ग्रामीण की शिकायत की जांच में बाघ के हमले की पुष्टि हुई है। उन्होंने कहा कि पीड़ित किसान को वन विभाग की ओर से उचित मुआवजा देने की प्रक्रिया आरंभ कर दी गई है। साथ ही बाघ की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए पगमार्क ट्रैकिंग जारी है। ग्रामीणों में भय का माहौल बाघ के खुले सरेह में हमला करने और गांव के करीब पहुंचने से ग्रामीणों में गहरी दहशत फैल गई है। लोग खेतों और जंगल की ओर नहीं जा रहे हैं। वन विभाग ने लोगों से सतर्क रहने और समूह में ही खेत या जंगल जाने की सलाह दी है। प्रशासन और वन विभाग सतर्क वन विभाग की टीम ने बताया कि बाघ का मूवमेंट वन क्षेत्र से बाहर की ओर हो रहा है, ऐसे में पुनरावृत्ति की आशंका को देखते हुए टीमें लगातार पेट्रोलिंग कर रही हैं। साथ ही, कैमरा ट्रैप लगाने की प्रक्रिया भी आरंभ कर दी गई है ताकि बाघ की लोकेशन सटीक रूप से ट्रेस की जा सके। ग्रामीणों की मांग स्थानीय ग्रामीणों ने मांग की है कि गांव के पास बाघ की गतिविधि को देखते हुए विशेष सुरक्षा व्यवस्था की जाए। मवेशियों की क्षति के लिए तत्काल मुआवजा भुगतान सुनिश्चित हो। गश्ती दल की संख्या बढ़ाई जाए और वन क्षेत्र में बाघ के मूवमेंट की जानकारी समय-समय पर दी जाए।