डीडीयू दीक्षांत में शामिल होंगे दो प्रख्यात वैज्ञानिक:कार्य परिषद ने लिया फैसला, 25 अगस्त को होगा 44वां दीक्षांत समारोह

दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के कार्य परिषद की बैठक कुलपति प्रो. पूनम टंडन की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई। इस बैठक में आगामी 44वें दीक्षांत समारोह से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें तय की गईं। दीक्षांत समारोह 25 अगस्त 2025 को आयोजित किया जाएगा। बैठक में दो प्रख्यात वैज्ञानिकों के नामों को दीक्षांत समारोह के मुख्य अतिथि और मानद उपाधि (डिग्री) के लिए प्रस्तावित किया गया। प्रो. विजय कुमार सारस्वत: देश के जाने-माने रक्षा वैज्ञानिक और नीति आयोग के सदस्य हैं। उन्हें पद्मश्री (1998) और पद्मभूषण (2013) जैसे प्रतिष्ठित सम्मान मिल चुके हैं। DRDO के पूर्व महानिदेशक रह चुके हैं। रक्षा मंत्री के प्रमुख वैज्ञानिक सलाहकार भी रहे हैं। उनके नेतृत्व में भारत की कई महत्वपूर्ण मिसाइल परियोजनाएं जैसे अग्नि-5, पृथ्वी, धनुष, प्रहार आदि सफल हुईं। INS अरिहंत जैसी स्वदेशी परमाणु पनडुब्बी को भी उन्होंने मंज़ूरी दिलाई। उन्होंने भारत में साइबर सुरक्षा, माइक्रोप्रोसेसर, सुपरकंप्यूटर और स्मार्ट रेलवे जैसी नई तकनीकों को आगे बढ़ाया। नीति आयोग में रहते हुए उन्होंने मेथनॉल इकोनॉमी और CSR आधारित रक्षा तकनीक के नागरिक उपयोग को बढ़ावा दिया। प्रो. आशुतोष शर्मा: वर्तमान में ये IIT कानपुर में प्रोफेसर हैं और उन्हें इसी साल पद्मश्री (2025) से सम्मानित किया गया है। वे भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के सचिव (2015–2021) रह चुके हैं। इंडियन नेशनल साइंस एकेडमी के अध्यक्ष भी रहे हैं। उन्होंने नैनो तकनीक, कोलॉइड्स, पतली परतें और सॉफ्ट नैनोफैब्रिकेशन जैसे क्षेत्रों में अहम शोध किया है। उनके 350 से अधिक शोधपत्र प्रकाशित हो चुके हैं, जिन्हें 20,000 से अधिक बार उद्धृत किया गया है। कोविड-19 महामारी के समय उन्होंने विज्ञान मंत्रालय के माध्यम से जरूरी स्वास्थ्य उपकरणों के निर्माण में बड़ी भूमिका निभाई। उन्हें शांतिस्वरूप भटनागर पुरस्कार, इन्फोसिस पुरस्कार, और TWAS पुरस्कार जैसे कई अंतरराष्ट्रीय सम्मान मिल चुके हैं। बैठक में इन दोनों वैज्ञानिकों के नामों को मानद उपाधि प्रदान करने के लिए पारित किया गया है। अब यह प्रस्ताव माननीय कुलाधिपति और उत्तर प्रदेश की राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल के अनुमोदन के लिए भेजा जाएगा।

Jul 31, 2025 - 22:07
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डीडीयू दीक्षांत में शामिल होंगे दो प्रख्यात वैज्ञानिक:कार्य परिषद ने लिया फैसला, 25 अगस्त को होगा 44वां दीक्षांत समारोह
दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के कार्य परिषद की बैठक कुलपति प्रो. पूनम टंडन की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई। इस बैठक में आगामी 44वें दीक्षांत समारोह से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें तय की गईं। दीक्षांत समारोह 25 अगस्त 2025 को आयोजित किया जाएगा। बैठक में दो प्रख्यात वैज्ञानिकों के नामों को दीक्षांत समारोह के मुख्य अतिथि और मानद उपाधि (डिग्री) के लिए प्रस्तावित किया गया। प्रो. विजय कुमार सारस्वत: देश के जाने-माने रक्षा वैज्ञानिक और नीति आयोग के सदस्य हैं। उन्हें पद्मश्री (1998) और पद्मभूषण (2013) जैसे प्रतिष्ठित सम्मान मिल चुके हैं। DRDO के पूर्व महानिदेशक रह चुके हैं। रक्षा मंत्री के प्रमुख वैज्ञानिक सलाहकार भी रहे हैं। उनके नेतृत्व में भारत की कई महत्वपूर्ण मिसाइल परियोजनाएं जैसे अग्नि-5, पृथ्वी, धनुष, प्रहार आदि सफल हुईं। INS अरिहंत जैसी स्वदेशी परमाणु पनडुब्बी को भी उन्होंने मंज़ूरी दिलाई। उन्होंने भारत में साइबर सुरक्षा, माइक्रोप्रोसेसर, सुपरकंप्यूटर और स्मार्ट रेलवे जैसी नई तकनीकों को आगे बढ़ाया। नीति आयोग में रहते हुए उन्होंने मेथनॉल इकोनॉमी और CSR आधारित रक्षा तकनीक के नागरिक उपयोग को बढ़ावा दिया। प्रो. आशुतोष शर्मा: वर्तमान में ये IIT कानपुर में प्रोफेसर हैं और उन्हें इसी साल पद्मश्री (2025) से सम्मानित किया गया है। वे भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के सचिव (2015–2021) रह चुके हैं। इंडियन नेशनल साइंस एकेडमी के अध्यक्ष भी रहे हैं। उन्होंने नैनो तकनीक, कोलॉइड्स, पतली परतें और सॉफ्ट नैनोफैब्रिकेशन जैसे क्षेत्रों में अहम शोध किया है। उनके 350 से अधिक शोधपत्र प्रकाशित हो चुके हैं, जिन्हें 20,000 से अधिक बार उद्धृत किया गया है। कोविड-19 महामारी के समय उन्होंने विज्ञान मंत्रालय के माध्यम से जरूरी स्वास्थ्य उपकरणों के निर्माण में बड़ी भूमिका निभाई। उन्हें शांतिस्वरूप भटनागर पुरस्कार, इन्फोसिस पुरस्कार, और TWAS पुरस्कार जैसे कई अंतरराष्ट्रीय सम्मान मिल चुके हैं। बैठक में इन दोनों वैज्ञानिकों के नामों को मानद उपाधि प्रदान करने के लिए पारित किया गया है। अब यह प्रस्ताव माननीय कुलाधिपति और उत्तर प्रदेश की राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल के अनुमोदन के लिए भेजा जाएगा।