एक शिक्षक, 2 कमरे और 579 छात्रों का स्कूल:सीतामढ़ी के मधुवन विद्यालय में एक ही टीचर संभालते हैं सारी जिम्मेदारी
सीतामढ़ी के उच्च माध्यमिक स्कूल मधुवन की स्थिति शिक्षा व्यवस्था की वास्तविकता को दर्शाती है। इस स्कूल में 579 छात्रों का भविष्य सिर्फ एक शिक्षक पर निर्भर है। 2020 में स्थापित इस स्कूल की स्थिति 5 साल बाद भी दयनीय बनी हुई है। स्कूल में केवल 2 कमरे हैं जिनमें नौवीं से बारहवीं तक की चार कक्षाएं चलती हैं। प्रधानाध्यापक डॉ. मनीष कुमार ही एकमात्र शिक्षक हैं। वे सभी विषय पढ़ाने के साथ-साथ रिकॉर्ड संभालते हैं। सफाई का काम भी देखते हैं और विभागीय पत्राचार भी करते हैं। मात्र 36 जोड़ी डेस्क-बेंच उपलब्ध स्कूल में बुनियादी सुविधाओं का अभाव है। छात्रों के लिए मात्र 36 जोड़ी डेस्क-बेंच उपलब्ध हैं। बाकी बच्चे दरी पर बैठकर पढ़ाई करते हैं। जब प्रधानाध्यापक को मीटिंग में जाना पड़ता है, तब स्कूल बंद करना पड़ता है। किराए के कमरे से हुई थी शुरुआत स्कूल की शुरुआत डुमरा में एक किराए के कमरे से हुई थी। दिसंबर 2024 में इसे सीतामढ़ी उच्च स्कूल के एक कोने में स्थानांतरित किया गया। आज तक इस विद्यालय के पास न तो अपनी जमीन है और न ही भवन। डॉ. कुमार ने कई बार अतिरिक्त शिक्षकों और संसाधनों की मांग की है, लेकिन कोई सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं मिली। एक ही शिक्षक पढ़ाते हैं सभी सब्जेक्ट छात्र शिवम कुमार का कहना है कि एक ही शिक्षक सभी विषय पढ़ाते हैं, जिससे पाठ्यक्रम अधूरा रह जाता है। छात्रा सुहाना बताती हैं कि जब गुरुजी बाहर जाते हैं तो छुट्टी दे दी जाती है। एक अन्य विद्यालय के प्रधानाध्यापक बैद्यनाथ बैठा ने भी संसाधनों की कमी की बात स्वीकार की है। उनके स्कूल में 2400 बच्चों के लिए केवल 14 शिक्षक हैं, जिससे मदद करना भी मुश्किल हो जाता है।
