वेनेज़ुएला की विपक्षी नेता मारिया कोरिना मचाडो ने शुक्रवार को नोबेल शांति पुरस्कार जीतने पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए इसे वेनेज़ुएला के पीड़ित लोगों और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को समर्पित किया। मचाडो ने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा सभी वेनेज़ुएलावासियों के संघर्ष को यह मान्यता हमारे कार्य को पूरा करने के लिए एक प्रोत्साहन है। उन्होंने उस समर्थन पर ज़ोर दिया जिसकी उन्हें उम्मीद है कि अंतरराष्ट्रीय सहयोगियों से उन्हें आगे भी समर्थन मिलता रहेगा। उन्होंने आगे कहा कि हम जीत की दहलीज़ पर हैं और आज, पहले से कहीं ज़्यादा, हम राष्ट्रपति ट्रंप, संयुक्त राज्य अमेरिका की जनता, लैटिन अमेरिका की जनता और दुनिया के लोकतांत्रिक देशों पर भरोसा करते हैं, क्योंकि ये स्वतंत्रता और लोकतंत्र हासिल करने के हमारे प्रमुख सहयोगी हैं।
मचाडो ने यह पुरस्कार अपने साथी नागरिकों को समर्पित किया और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प का भी आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि मैं यह पुरस्कार वेनेज़ुएला के पीड़ित लोगों और हमारे मुद्दे के प्रति उनके निर्णायक समर्थन के लिए राष्ट्रपति ट्रम्प को समर्पित करती हूँ! नॉर्वेजियन नोबेल समिति ने घोषणा की कि वह 2025 का नोबेल शांति पुरस्कार डोनाल्ड ट्रम्प के बजाय मारिया कोरिना मचाडो को देगी, तो व्हाइट हाउस ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति शांति समझौते करना, युद्ध समाप्त करना और जीवन बचाना जारी रखेंगे। व्हाइट हाउस के संचार निदेशक ने एक्स पर लिखा राष्ट्रपति ट्रम्प शांति समझौते करते रहेंगे, युद्ध समाप्त करते रहेंगे और लोगों की जान बचाते रहेंगे। उनका दिल मानवतावादी है, और उनके जैसा कोई नहीं होगा जो अपनी दृढ़ इच्छाशक्ति से पहाड़ों को हिला सके। हालाँकि, व्हाइट हाउस ने नोबेल समिति पर कटाक्ष करते हुए कहा कि उन्होंने शांति के स्थान पर राजनीति को चुना।
डोनाल्ड ट्रम्प ने अभी तक मारिया कोरिना मचाडो की नोबेल जीत पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। हालाँकि, अमेरिकी राष्ट्रपति ने अतीत में मचाडो और उनके सहयोगियों के लोकतंत्र आंदोलन का समर्थन किया है। इस वर्ष जनवरी में, जब वेनेजुएला के कराकस में निकोलस मादुरो के खिलाफ सरकार विरोधी प्रदर्शन के दौरान मचाडो को कुछ समय के लिए हिरासत में लिया गया था, तो ट्रम्प ने उनकी सुरक्षा की मांग की थी। वेनेजुएला के विपक्ष के साथ-साथ अमेरिका ने भी कथित तौर पर कहा था कि मादुरो ने 2024 के राष्ट्रपति चुनाव को चुरा लिया है, और तर्क दिया था कि मचाडो द्वारा समर्थित एडुमुंडो गोंजालेज ही असली विजेता थे।