अमेरिका ने साफ़ शब्दों में कह दिया है कि पाकिस्तान को कोई नई मिसाइल नहीं मिल रही। दरअसल, कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि अमेरिका पाकिस्तान को AIM-120 एडवांस्ड मीडियम रेंज एयर-टू-एयर मिसाइल (AMRAAM) देने जा रहा है, लेकिन वॉशिंगटन से आई आधिकारिक सफाई ने इन अफ़वाहों पर पूरी तरह ब्रेक लगा दिया है।
10 अक्टूबर को जारी बयान में अमेरिकी रक्षा विभाग ने कहा, “ये खबरें बिल्कुल गलत हैं। जिस समझौते का ज़िक्र किया जा रहा है, उसमें पाकिस्तान को नई मिसाइलें देने का कोई प्रावधान नहीं है।” यानी साफ़ है कि कोई नई डील नहीं हुई, बस पुराना रखरखाव समझौता ही चल रहा है।
बीते कुछ दिनों में अमेरिका और पाकिस्तान के रिश्ते को लेकर काफी चर्चा थी, ख़ासकर तब जब पाक सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर की मुलाकात अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से हुई थी। जनरल मुनीर को भारत के प्रति आक्रामक रुख रखने वाला सैन्य अधिकारी माना जाता है, इसलिए इन खबरों ने भारत में भी हलचल मचा दी थी।
लेकिन अब अमेरिकी प्रशासन ने सारी अटकलों को शांत कर दिया है। उनका कहना है कि यह डील किसी नई सैन्य साझेदारी का हिस्सा नहीं, बल्कि पुराने समझौतों के रखरखाव से जुड़ी है। जिसमें पहले से मौजूद उपकरणों की सर्विसिंग और अपडेट शामिल है, न कि नए हथियारों की सप्लाई।
दूसरी ओर, पाकिस्तान की सेना ने अफ़ग़ानिस्तान की राजधानी काबुल पर हवाई हमले किए हैं। यह हमला ऐसे समय में हुआ जब अफ़ग़ान विदेश मंत्री भारत के दौरे पर आए हुए थे। जिससे पूरे क्षेत्र में कूटनीतिक और सैन्य तनाव एक बार फिर बढ़ गया है।
रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि अमेरिका इस वक्त दक्षिण एशिया में किसी नई सैन्य गठजोड़ की दिशा में नहीं बढ़ना चाहता। उसका फोकस भारत के साथ रणनीतिक रिश्तों को मजबूत करने पर है, जबकि पाकिस्तान को वह केवल तकनीकी और सीमित रखरखाव सहयोग तक सीमित रखना चाहता है।
कुल मिलाकर, यह मामला साफ़ दिखाता है कि अमेरिका अब अपनी प्राथमिकता भारत के साथ भविष्य की साझेदारी पर रख रहा है और पाकिस्तान के साथ पुराने रिश्तों को सिर्फ "मैकेनिकल मेंटेनेंस" के दायरे में देख रहा है।