सारण में कटाव प्रभावितों का प्रखंड कार्यालय पर प्रोटेस्ट:रिंग बांध नहीं तो वोट नहीं का नारा, 7 पंचायत के 5000 लोगों ने निकाला मार्च
सारण के सोनपुर प्रखंड क्षेत्र में गंगा कटाव का मुद्दा अब बड़ा रूप लेता जा रहा है। इसी को लेकर गुरुवार को सात पंचायतों के लगभग 5 हजार लोगों ने एकजुट होकर अनुमंडल मुख्यालय तक विरोध मार्च निकाला और धरना-प्रदर्शन किया। प्रभावित ग्रामीण हाथों में तख्तियां लेकर रिंग बांध निर्माण की मांग कर रहे थे। प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी दी कि यदि समय रहते सरकार ठोस कदम नहीं उठाती है तो वे आगामी विधानसभा चुनाव सहित सभी चुनावों में वोट का बहिष्कार करेंगे। आक्रोशित ग्रामीणों ने कहा कि हर साल सरकार कटावरोधी अस्थायी कार्यों पर करोड़ों रुपए खर्च करती है, लेकिन हालात जस के तस बने हुए हैं। उनका कहना था कि इस समस्या का स्थायी समाधान केवल रिंग बांध के निर्माण से ही संभव है। ग्रामीणों ने सुझाव दिया कि जिस तरह रेलवे ने JP सेतु की सुरक्षा के लिए रिंग बांध का प्राक्कलन तैयार किया है, उसी का विस्तार कर पहलेजा शाहपुर, नजरमीरा, सबलपुर से काली घाट, सोनपुर तक बांध बनाया जाए। इसके बनने से हजारों एकड़ कृषि एवं व्यवसायिक भूमि बच सकेगी और भविष्य में यहां उद्योग और नए आवासीय क्षेत्र विकसित किए जा सकते हैं। गंगा नदी के उत्तरी तट पर स्थित है पूरा इलाका प्रदर्शन में शामिल लोगों ने यह भी बताया कि सोनपुर प्रखंड के गंगाजल, पहलेजा शाहपुर, नजरमीरा और सबलपुर सहित सात पंचायत लगभग 60 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैले हुए हैं। यह पूरा इलाका गंगा नदी के उत्तरी तट पर स्थित है और यहाँ की आबादी सवा तीन लाख से अधिक है। इनमें लगभग 35 हजार घर हैं जो आधारभूत संरचनाओं से युक्त हैं, लेकिन हर साल गंगा का कटाव इन बस्तियों और खेतों को निगलने की कगार पर ले आता है। बड़े पैमाने पर इलाका उजड़ने की आशंका ग्रामीणों ने सरकार से मांग की कि जल्द से जल्द इस क्षेत्र में रिंग बांध का निर्माण शुरू किया जाए ताकि सोनपुर के हजारों परिवारों और उनकी कृषि-व्यवसायिक जमीन को सुरक्षित किया जा सके। उनका कहना था कि यदि अब भी सरकार ने अनदेखी की तो यह इलाका बड़े पैमाने पर उजड़ जाएगा और लोग बेघर होने को मजबूर हो जाएंगे।
सारण के सोनपुर प्रखंड क्षेत्र में गंगा कटाव का मुद्दा अब बड़ा रूप लेता जा रहा है। इसी को लेकर गुरुवार को सात पंचायतों के लगभग 5 हजार लोगों ने एकजुट होकर अनुमंडल मुख्यालय तक विरोध मार्च निकाला और धरना-प्रदर्शन किया। प्रभावित ग्रामीण हाथों में तख्तियां लेकर रिंग बांध निर्माण की मांग कर रहे थे। प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी दी कि यदि समय रहते सरकार ठोस कदम नहीं उठाती है तो वे आगामी विधानसभा चुनाव सहित सभी चुनावों में वोट का बहिष्कार करेंगे। आक्रोशित ग्रामीणों ने कहा कि हर साल सरकार कटावरोधी अस्थायी कार्यों पर करोड़ों रुपए खर्च करती है, लेकिन हालात जस के तस बने हुए हैं। उनका कहना था कि इस समस्या का स्थायी समाधान केवल रिंग बांध के निर्माण से ही संभव है। ग्रामीणों ने सुझाव दिया कि जिस तरह रेलवे ने JP सेतु की सुरक्षा के लिए रिंग बांध का प्राक्कलन तैयार किया है, उसी का विस्तार कर पहलेजा शाहपुर, नजरमीरा, सबलपुर से काली घाट, सोनपुर तक बांध बनाया जाए। इसके बनने से हजारों एकड़ कृषि एवं व्यवसायिक भूमि बच सकेगी और भविष्य में यहां उद्योग और नए आवासीय क्षेत्र विकसित किए जा सकते हैं। गंगा नदी के उत्तरी तट पर स्थित है पूरा इलाका प्रदर्शन में शामिल लोगों ने यह भी बताया कि सोनपुर प्रखंड के गंगाजल, पहलेजा शाहपुर, नजरमीरा और सबलपुर सहित सात पंचायत लगभग 60 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैले हुए हैं। यह पूरा इलाका गंगा नदी के उत्तरी तट पर स्थित है और यहाँ की आबादी सवा तीन लाख से अधिक है। इनमें लगभग 35 हजार घर हैं जो आधारभूत संरचनाओं से युक्त हैं, लेकिन हर साल गंगा का कटाव इन बस्तियों और खेतों को निगलने की कगार पर ले आता है। बड़े पैमाने पर इलाका उजड़ने की आशंका ग्रामीणों ने सरकार से मांग की कि जल्द से जल्द इस क्षेत्र में रिंग बांध का निर्माण शुरू किया जाए ताकि सोनपुर के हजारों परिवारों और उनकी कृषि-व्यवसायिक जमीन को सुरक्षित किया जा सके। उनका कहना था कि यदि अब भी सरकार ने अनदेखी की तो यह इलाका बड़े पैमाने पर उजड़ जाएगा और लोग बेघर होने को मजबूर हो जाएंगे।