भाकियू ने जिलाधिकारी को सौंपा ज्ञापन:धान, गन्ना, खाद की समस्याओं पर त्वरित समाधान की मांग, मिला आश्वासन

लखीमपुर खीरी में भारतीय किसान यूनियन (अमन संधू) के नेतृत्व में सोमवार को किसानों ने जिलाधिकारी को एक ज्ञापन सौंपा। इसमें किसानों की विभिन्न समस्याओं के त्वरित समाधान की मांग की गई है। किसान नेता अमनदीप सिंह संधू ने बताया कि धान की फसल पक चुकी है, लेकिन मंडियों में नीलामी शुरू नहीं हुई है। इसका फायदा उठाकर व्यापारी और मिल मालिक किसानों से ₹1,600–₹1,650 प्रति क्विंटल की दर से धान खरीद रहे हैं, जबकि सरकार का समर्थन मूल्य ₹2,369 प्रति क्विंटल है। किसानों से करदा, पलेदारी, ट्रॉली शुल्क और नगद भुगतान पर 'सीड़ी' के नाम पर अवैध कटौतियाँ भी की जा रही हैं। संधू ने नीलामी प्रक्रिया शुरू होने पर धान की नमी जांच सुनिश्चित करने की भी मांग की, ताकि किसानों को सही मूल्य मिल सके। किसानों ने जिले में डीएपी और एनपीके खाद की भारी कमी बताई। मूल्य नियंत्रण के अभाव में किसान महंगी दरों पर खाद खरीदने को मजबूर हैं। गेहूं और अन्य फसलों की बुवाई निकट होने के कारण प्रशासन से खाद की समय पर आपूर्ति और उचित मूल्य सुनिश्चित करने की मांग की गई है। किसान पंजीकरण और भूमि सत्यापन प्रक्रिया में भी काफी विलंब हो रहा है, जिससे कई किसान अपनी उपज सरकारी क्रय केंद्रों पर नहीं बेच पा रहे हैं। यूनियन ने इस प्रक्रिया को तत्काल गति देने का आग्रह किया। बजाज हिंदुस्तान शुगर लिमिटेड की तीनों मिलों पर एफ.आई.आर. दर्ज होने के बावजूद किसानों का गन्ना भुगतान अब तक नहीं किया गया है। यूनियन ने जिलाधिकारी से गन्ना भुगतान शीघ्र कराने का आग्रह किया, ताकि किसान आर्थिक संकट से बाहर निकल सकें। यूनियन ने चेतावनी दी है कि यदि प्रशासन जल्द समाधान नहीं करता, तो संगठन लोकतांत्रिक तरीके से आंदोलन करने को बाध्य होगा।

Oct 6, 2025 - 12:55
 0
भाकियू ने जिलाधिकारी को सौंपा ज्ञापन:धान, गन्ना, खाद की समस्याओं पर त्वरित समाधान की मांग, मिला आश्वासन
लखीमपुर खीरी में भारतीय किसान यूनियन (अमन संधू) के नेतृत्व में सोमवार को किसानों ने जिलाधिकारी को एक ज्ञापन सौंपा। इसमें किसानों की विभिन्न समस्याओं के त्वरित समाधान की मांग की गई है। किसान नेता अमनदीप सिंह संधू ने बताया कि धान की फसल पक चुकी है, लेकिन मंडियों में नीलामी शुरू नहीं हुई है। इसका फायदा उठाकर व्यापारी और मिल मालिक किसानों से ₹1,600–₹1,650 प्रति क्विंटल की दर से धान खरीद रहे हैं, जबकि सरकार का समर्थन मूल्य ₹2,369 प्रति क्विंटल है। किसानों से करदा, पलेदारी, ट्रॉली शुल्क और नगद भुगतान पर 'सीड़ी' के नाम पर अवैध कटौतियाँ भी की जा रही हैं। संधू ने नीलामी प्रक्रिया शुरू होने पर धान की नमी जांच सुनिश्चित करने की भी मांग की, ताकि किसानों को सही मूल्य मिल सके। किसानों ने जिले में डीएपी और एनपीके खाद की भारी कमी बताई। मूल्य नियंत्रण के अभाव में किसान महंगी दरों पर खाद खरीदने को मजबूर हैं। गेहूं और अन्य फसलों की बुवाई निकट होने के कारण प्रशासन से खाद की समय पर आपूर्ति और उचित मूल्य सुनिश्चित करने की मांग की गई है। किसान पंजीकरण और भूमि सत्यापन प्रक्रिया में भी काफी विलंब हो रहा है, जिससे कई किसान अपनी उपज सरकारी क्रय केंद्रों पर नहीं बेच पा रहे हैं। यूनियन ने इस प्रक्रिया को तत्काल गति देने का आग्रह किया। बजाज हिंदुस्तान शुगर लिमिटेड की तीनों मिलों पर एफ.आई.आर. दर्ज होने के बावजूद किसानों का गन्ना भुगतान अब तक नहीं किया गया है। यूनियन ने जिलाधिकारी से गन्ना भुगतान शीघ्र कराने का आग्रह किया, ताकि किसान आर्थिक संकट से बाहर निकल सकें। यूनियन ने चेतावनी दी है कि यदि प्रशासन जल्द समाधान नहीं करता, तो संगठन लोकतांत्रिक तरीके से आंदोलन करने को बाध्य होगा।