दूसरे की सिम इस्तेमाल नहीं करने की शर्त पर जमानत:हाई कोर्ट ने साइबर क्राइम के आरोपी को दी सशर्त जमानत

साइबर क्राइम के एक आरोपी को हाईकोर्ट ने भविष्य में किसी अन्य के नाम से जारी सिम कार्ड यूज नहीं करने की शर्त पर जमानत दी हैं। जस्टिस अशोक कुमार जैन की अदालत ने डीग जिले के कैथवाड़ा थाना पुलिस द्वारा पकड़े गए आरोपी की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया। अदालत ने कहा कि आरोपी किसी अन्य व्यक्ति के नाम पर कोई सिम कार्ड इस्तेमाल नहीं करेगा। वही, आरोपी इस आश्य एक अंडरटैकिंग देगा कि अगर वह किसी अन्य व्यक्ति के नाम पर जारी सिम कार्ड का इस्तेमाल कर रहा है, तो ज़मानत आदेश वापस लिया जा सकता है। अदालत ने कहा कि रिकोर्ड पर मौजूद तथ्यों के अनुसार आरोपी के पास से मिले सिम कार्डों का इस्तेमाल साइबर अपराध गतिविधियों में किया गया था। इसलिए यह शर्त लगाना उचित हैं। युवक के पास से मिले थे तीन सिम कार्ड सरकारी अधिवक्ता मानवेन्द्र सिंह ने जमानत का विरोध करते हुए कहा कि डीग पुलिस अधीक्षक कार्यालय को मिली सिम कार्ड दुरुपयोग की सूचना के आधार पर पुलिस ने दो युवकों को संदिग्ध अवस्था में पकड़ा था। तलाशी लेने पर पता चला कि वे अन्य व्यक्तियों के नाम से जारी सिम कार्ड का उपयोग कर रहे थे। साइबर अपराध पोर्टल पर जांच से पता चला कि इन सिम कार्ड का इस्तेमाल साइबर अपराध गतिविधियों में किया गया था। इनका आरोप गंभीर प्रकृति के हैं। ना ही कोई शिकायत ना ही कोई पीड़ित याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने बहस करते हुए कहा कि पुलिस ने केवल संदेह के आधार पर 4 अगस्त को युवक को पकड़ा था। उसके खिलाफ ना तो किसी तरह की धोखाधड़ी की कोई शिकायत है और ना ही इस मामले में कोई पीड़ित हैं। उन्होने कहा कि आरोपी लंबे समय से जेल में है। अब उसकी जांच में कोई आवश्यकता नहीं है। युवक का आपराधिक रिकोर्ड भी नहीं है। ऐसे में जमानत दी जाए।

Sep 21, 2025 - 19:13
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दूसरे की सिम इस्तेमाल नहीं करने की शर्त पर जमानत:हाई कोर्ट ने साइबर क्राइम के आरोपी को दी सशर्त जमानत
साइबर क्राइम के एक आरोपी को हाईकोर्ट ने भविष्य में किसी अन्य के नाम से जारी सिम कार्ड यूज नहीं करने की शर्त पर जमानत दी हैं। जस्टिस अशोक कुमार जैन की अदालत ने डीग जिले के कैथवाड़ा थाना पुलिस द्वारा पकड़े गए आरोपी की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया। अदालत ने कहा कि आरोपी किसी अन्य व्यक्ति के नाम पर कोई सिम कार्ड इस्तेमाल नहीं करेगा। वही, आरोपी इस आश्य एक अंडरटैकिंग देगा कि अगर वह किसी अन्य व्यक्ति के नाम पर जारी सिम कार्ड का इस्तेमाल कर रहा है, तो ज़मानत आदेश वापस लिया जा सकता है। अदालत ने कहा कि रिकोर्ड पर मौजूद तथ्यों के अनुसार आरोपी के पास से मिले सिम कार्डों का इस्तेमाल साइबर अपराध गतिविधियों में किया गया था। इसलिए यह शर्त लगाना उचित हैं। युवक के पास से मिले थे तीन सिम कार्ड सरकारी अधिवक्ता मानवेन्द्र सिंह ने जमानत का विरोध करते हुए कहा कि डीग पुलिस अधीक्षक कार्यालय को मिली सिम कार्ड दुरुपयोग की सूचना के आधार पर पुलिस ने दो युवकों को संदिग्ध अवस्था में पकड़ा था। तलाशी लेने पर पता चला कि वे अन्य व्यक्तियों के नाम से जारी सिम कार्ड का उपयोग कर रहे थे। साइबर अपराध पोर्टल पर जांच से पता चला कि इन सिम कार्ड का इस्तेमाल साइबर अपराध गतिविधियों में किया गया था। इनका आरोप गंभीर प्रकृति के हैं। ना ही कोई शिकायत ना ही कोई पीड़ित याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने बहस करते हुए कहा कि पुलिस ने केवल संदेह के आधार पर 4 अगस्त को युवक को पकड़ा था। उसके खिलाफ ना तो किसी तरह की धोखाधड़ी की कोई शिकायत है और ना ही इस मामले में कोई पीड़ित हैं। उन्होने कहा कि आरोपी लंबे समय से जेल में है। अब उसकी जांच में कोई आवश्यकता नहीं है। युवक का आपराधिक रिकोर्ड भी नहीं है। ऐसे में जमानत दी जाए।