आगरा कोर्ट में हाजिर हुए देवकीनंदन ठाकुर:सुनवाई की अगली तिथि मिली 18 अगस्त, जयचंद को लेकर दिया था बयान

आगरा कोर्ट में महाराज जयचंद्र केस में देवकीनंदन ठाकुर बुधवार को हाजिर हुए। सुनवाई की अगली तिथि 18 अगस्त तय की गई है। आज की सुनवाई में देवकीनंदन ठाकुर के अधिवक्ता ने परिवाद की कॉपी मांगी, जो उपलब्ध करा दी गई। वादी पक्ष का कहना है कि कथावाचक ने अपने कथन में कहा था, आज सनातन धर्म को सबसे बड़ा खतरा जयचंदों से है। पाकिस्तान जयचंदों के कारण बना और कश्मीरी ब्राह्मणों का नरसंहार भी जयचंदों के कारण हुआ। वादी ने इसे क्षत्रिय समुदाय की छवि धूमिल करने वाला बताया और कहा कि राजा जयचंद राष्ट्रकूट वंश की राठौड़ शाखा के क्षत्रिय कुल से थे। वे स्वयं (वादी) भी क्षत्रिय कुल से हैं। कथावाचक के कथन से न सिर्फ उन्हें मानसिक पीड़ा हुई, बल्कि समाज में उनकी प्रतिष्ठा को भी ठेस पहुंची। वादी के अनुसार, देवकीनंदन ठाकुर के इस बयान के बाद जनता में यह धारणा बनी कि भारत के विभाजन और कश्मीरी ब्राह्मणों की त्रासदी के लिए क्षत्रिय समाज जिम्मेदार है, जो कि पूरी तरह से तथ्यहीन और समाज को भ्रमित करने वाला है। कथावाचक के ऐसे बयानों से उसे मानसिक आघात लगा व मानसिक पीड़ा हुई और कई लोगों ने सार्वजनिक रूप से इस बयान के बाद कहा कि क्षत्रियों के कारण भारत विभाजन हुआ और क्षत्रियों के कारण ही कश्मीरी ब्राह्मणों का नरसंहार हुआ जिस वादी अधिवक्ता की मानहानि हुई। सुनवाई के दौरान वादी अधिवक्ता अजय प्रताप सिंह, नरेश सिकरवार, एसपी सिंह सिकरवार, राहुल सोलंकी और अनुराग शुक्ला अदालत में उपस्थित रहे। अब 18 अगस्त को देवकीनंदन ठाकुर की ओर से जवाब दाखिल किया जाएगा, जिसके आधार पर न्यायालय अगली कार्यवाही करेगा।

Jul 9, 2025 - 19:31
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आगरा कोर्ट में हाजिर हुए देवकीनंदन ठाकुर:सुनवाई की अगली तिथि मिली 18 अगस्त, जयचंद को लेकर दिया था बयान
आगरा कोर्ट में महाराज जयचंद्र केस में देवकीनंदन ठाकुर बुधवार को हाजिर हुए। सुनवाई की अगली तिथि 18 अगस्त तय की गई है। आज की सुनवाई में देवकीनंदन ठाकुर के अधिवक्ता ने परिवाद की कॉपी मांगी, जो उपलब्ध करा दी गई। वादी पक्ष का कहना है कि कथावाचक ने अपने कथन में कहा था, आज सनातन धर्म को सबसे बड़ा खतरा जयचंदों से है। पाकिस्तान जयचंदों के कारण बना और कश्मीरी ब्राह्मणों का नरसंहार भी जयचंदों के कारण हुआ। वादी ने इसे क्षत्रिय समुदाय की छवि धूमिल करने वाला बताया और कहा कि राजा जयचंद राष्ट्रकूट वंश की राठौड़ शाखा के क्षत्रिय कुल से थे। वे स्वयं (वादी) भी क्षत्रिय कुल से हैं। कथावाचक के कथन से न सिर्फ उन्हें मानसिक पीड़ा हुई, बल्कि समाज में उनकी प्रतिष्ठा को भी ठेस पहुंची। वादी के अनुसार, देवकीनंदन ठाकुर के इस बयान के बाद जनता में यह धारणा बनी कि भारत के विभाजन और कश्मीरी ब्राह्मणों की त्रासदी के लिए क्षत्रिय समाज जिम्मेदार है, जो कि पूरी तरह से तथ्यहीन और समाज को भ्रमित करने वाला है। कथावाचक के ऐसे बयानों से उसे मानसिक आघात लगा व मानसिक पीड़ा हुई और कई लोगों ने सार्वजनिक रूप से इस बयान के बाद कहा कि क्षत्रियों के कारण भारत विभाजन हुआ और क्षत्रियों के कारण ही कश्मीरी ब्राह्मणों का नरसंहार हुआ जिस वादी अधिवक्ता की मानहानि हुई। सुनवाई के दौरान वादी अधिवक्ता अजय प्रताप सिंह, नरेश सिकरवार, एसपी सिंह सिकरवार, राहुल सोलंकी और अनुराग शुक्ला अदालत में उपस्थित रहे। अब 18 अगस्त को देवकीनंदन ठाकुर की ओर से जवाब दाखिल किया जाएगा, जिसके आधार पर न्यायालय अगली कार्यवाही करेगा।