स्मार्टफोन की किस्त नहीं चुकाई तो हो सकता है लॉक! RBI के नए प्रस्ताव पर बढ़ा विवाद।

मोबाइल फोन किस्तों पर खरीदने वाले ग्राहकों के बीच यह सवाल चर्चा का विषय बन गया है कि अगर EMI समय पर न चुकाई जाए तो क्या बैंक फोन को दूर से लॉक कर सकते हैं। इस मुद्दे पर रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया ने स्थिति स्पष्ट की है। मौद्रिक नीति समीक्षा के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में RBI के गवर्नर ने कहा कि इस तरह का प्रस्ताव अभी विचाराधीन है और सभी पक्षों की राय ली जा रही है। उन्होंने भरोसा दिलाया कि किसी भी व्यवस्था में ग्राहक के अधिकार और डेटा गोपनीयता सबसे ऊपर रहेंगे। सूत्रों के अनुसार, RBI अपने फेयर प्रैक्टिसेज़ कोड में संशोधन पर विचार कर रहा है। प्रस्तावित नियमों के तहत यदि कोई ग्राहक EMI का भुगतान नहीं करता है तो बैंक और गैर-बैंकिंग वित्तीय संस्थान (NBFC) मोबाइल फोन को लॉक करने का विकल्प प्राप्त कर सकते हैं। यह कदम केवल तभी लागू होगा जब ग्राहक लोन लेने के समय इस शर्त के लिए स्पष्ट सहमति देगा। साथ ही, फोन लॉक होने पर बैंक को डिवाइस का व्यक्तिगत डेटा देखने या उसमें किसी भी प्रकार का हस्तक्षेप करने की अनुमति नहीं होगी। इस विचार के पीछे यह कारण है कि हाल के वर्षों में छोटे उपभोक्ता ऋणों पर डिफॉल्ट के मामले बढ़े हैं, जिनमें सबसे अधिक शिकायत महंगे स्मार्टफोन्स से जुड़ी है। बैंकों का मानना है कि जैसे गाड़ियों और मकानों के लिए EMI न चुकाने पर वसूली की व्यवस्था है, वैसे ही स्मार्टफोन के लिए भी ऐसा विकल्प होना चाहिए, जिससे वसूली प्रक्रिया आसान हो सके। हालांकि, इस प्रस्ताव पर आलोचना भी हो रही है। विशेषज्ञों का कहना है कि मोबाइल फोन आज लोगों की ज़िंदगी का अभिन्न हिस्सा हैं। काम, शिक्षा, बैंकिंग, स्वास्थ्य सेवाएँ और आपात स्थितियों में यह सबसे ज़रूरी साधन बन गया है। ऐसे में किस्त न चुकाने पर फोन लॉक कर देना गंभीर समस्याएँ पैदा कर सकता है। डेटा सुरक्षा और निजता को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं। आलोचकों का मानना है कि भले ही बैंक सिर्फ लॉकिंग का विकल्प अपनाएँ, लेकिन किसी डिवाइस पर दूर से नियंत्रण की अनुमति संवैधानिक अधिकारों और उपभोक्ता स्वतंत्रता के खिलाफ मानी जा सकती है। फिलहाल यह साफ नहीं है कि कितनी किस्तें चूकने पर फोन लॉक किया जा सकेगा और क्या ग्राहकों को चेतावनी या अतिरिक्त समय मिलेगा। RBI ने कहा है कि अंतिम निर्णय लेने से पहले सभी पक्षों की राय पर विचार किया जाएगा।

Oct 3, 2025 - 01:07
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मोबाइल फोन किस्तों पर खरीदने वाले ग्राहकों के बीच यह सवाल चर्चा का विषय बन गया है कि अगर EMI समय पर न चुकाई जाए तो क्या बैंक फोन को दूर से लॉक कर सकते हैं। इस मुद्दे पर रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया ने स्थिति स्पष्ट की है। मौद्रिक नीति समीक्षा के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में RBI के गवर्नर ने कहा कि इस तरह का प्रस्ताव अभी विचाराधीन है और सभी पक्षों की राय ली जा रही है। उन्होंने भरोसा दिलाया कि किसी भी व्यवस्था में ग्राहक के अधिकार और डेटा गोपनीयता सबसे ऊपर रहेंगे।

सूत्रों के अनुसार, RBI अपने फेयर प्रैक्टिसेज़ कोड में संशोधन पर विचार कर रहा है। प्रस्तावित नियमों के तहत यदि कोई ग्राहक EMI का भुगतान नहीं करता है तो बैंक और गैर-बैंकिंग वित्तीय संस्थान (NBFC) मोबाइल फोन को लॉक करने का विकल्प प्राप्त कर सकते हैं। यह कदम केवल तभी लागू होगा जब ग्राहक लोन लेने के समय इस शर्त के लिए स्पष्ट सहमति देगा। साथ ही, फोन लॉक होने पर बैंक को डिवाइस का व्यक्तिगत डेटा देखने या उसमें किसी भी प्रकार का हस्तक्षेप करने की अनुमति नहीं होगी।

इस विचार के पीछे यह कारण है कि हाल के वर्षों में छोटे उपभोक्ता ऋणों पर डिफॉल्ट के मामले बढ़े हैं, जिनमें सबसे अधिक शिकायत महंगे स्मार्टफोन्स से जुड़ी है। बैंकों का मानना है कि जैसे गाड़ियों और मकानों के लिए EMI न चुकाने पर वसूली की व्यवस्था है, वैसे ही स्मार्टफोन के लिए भी ऐसा विकल्प होना चाहिए, जिससे वसूली प्रक्रिया आसान हो सके।

हालांकि, इस प्रस्ताव पर आलोचना भी हो रही है। विशेषज्ञों का कहना है कि मोबाइल फोन आज लोगों की ज़िंदगी का अभिन्न हिस्सा हैं। काम, शिक्षा, बैंकिंग, स्वास्थ्य सेवाएँ और आपात स्थितियों में यह सबसे ज़रूरी साधन बन गया है। ऐसे में किस्त न चुकाने पर फोन लॉक कर देना गंभीर समस्याएँ पैदा कर सकता है। डेटा सुरक्षा और निजता को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं। आलोचकों का मानना है कि भले ही बैंक सिर्फ लॉकिंग का विकल्प अपनाएँ, लेकिन किसी डिवाइस पर दूर से नियंत्रण की अनुमति संवैधानिक अधिकारों और उपभोक्ता स्वतंत्रता के खिलाफ मानी जा सकती है।

फिलहाल यह साफ नहीं है कि कितनी किस्तें चूकने पर फोन लॉक किया जा सकेगा और क्या ग्राहकों को चेतावनी या अतिरिक्त समय मिलेगा। RBI ने कहा है कि अंतिम निर्णय लेने से पहले सभी पक्षों की राय पर विचार किया जाएगा।