विकास और अपनी जैव विविधता के संरक्षण के बीच एक आदर्श संतुलन बनाने के प्रयास में भारत सर्वोत्तम कदम उठा रहा है। इसी कड़ी में केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने हाल ही में जबलपुर में मध्य प्रदेश के सबसे लंबे फ्लाईओवर का उद्घाटन किया। केंद्रीय मंत्री ने राज्य में पर्यटन और लॉजिस्टिक्स को बढ़ावा देने के उद्देश्य से कनेक्टिविटी में सुधार के लिए लगभग 3 लाख करोड़ रुपये खर्च करने की महत्वपूर्ण घोषणा की। देश में बनने वाला टाइगर कॉरिडोर बांधवगढ,कान्हा, पन्ना तथा पेंच टाइगर रिजर्व को आपस में जोड़ेगा, जिससे प्रदेश में पर्यटन को बढावा मिलेगा। इसके अलावा उन्होंने 15 हजार करोड़ रुपये की लागत के जबलपुर-भोपाल ग्रीन फील्ड कॉरिडोर की घोषणा की।
5,550 करोड़ रुपये का टाइगर कॉरिडोर
उल्लेखनीय है कि इस महत्वाकांक्षी योजना के अंतर्गत 5,500 करोड़ रुपये का एक "टाइगर कॉरिडोर" भी शामिल है, जिसका उद्देश्य भारत के शीर्ष बाघ अभयारण्योंपेंच, पन्ना, कान्हा और बांधवगढ़ को जोड़ना है। सामान्य शब्दों में बाघ गलियारा दो या दो से अधिक बड़े बाघ आवासों को जोड़ने वाले प्राकृतिक आवास को संदर्भित करता है, जिससे उनके बीच बाघों की सुरक्षित आवाजाही सुगम होती है। भारत जैसे देश में, जहाँ बाघों की संख्या काफी अधिक है, ये गलियारे बाघों के अस्तित्व के लिए आवश्यक हो जाते हैं।
वन अर्थव्यवस्था के लिए क्रांतिकारी बदलाव
गडकरी ने कहा कि यह कॉरिडोर मध्य प्रदेश की वन अर्थव्यवस्था के लिए क्रांतिकारी बदलाव लाएगा। उन्होंने आगे कहा कि प्रस्तावित सुविधा से इको-टूरिज्म को बढ़ावा मिलेगा और साथ ही रोज़गार के अवसर भी पैदा होंगे।
भोपाल और जबलपुर के बीच ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे
अन्य उल्लेखनीय घोषणाओं में भोपाल और जबलपुर के बीच 255 किलोमीटर लंबा चार लेन वाला ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे शामिल है, जिसकी लागत 15,000 करोड़ रुपये है। इसके अतिरिक्त, मंत्री ने यह भी घोषणा की कि लखनादौन-रायपुर चार लेन वाला राजमार्ग जल्द ही शुरू हो जाएगा, जिसकी विस्तृत परियोजना रिपोर्ट इस साल दिसंबर की शुरुआत में आने की उम्मीद है। प्रस्तावित राजमार्ग के लिए 10,000 करोड़ रुपये का बजट परिव्यय निर्धारित है।