सिरसा MLA-CEO कंट्रोवर्सी, चेतवानी दी-काम तो करना पड़ेगा:बोले-अब गांवों में सफाई होना शुरू, पहले पैसा कहां जाता था, ये मस्ते हुए अफसर
सिरसा में कांग्रेस विधायक गोकुल सेतिया और जिला परिषद के सीईओ डॉ. सुभाष चंद्र के बीच मंगलवार को हुई कार चेज के बाद विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा। अब विधायक सेतिया ने सीईओ को चेतावनी देते हुए कहा है कि काम तो करना पड़ेगा। चाहे कुछ भी हो। सिरसावासियों आप साथ देना। ये (सीईओ) मस्ते हुए अफसर है, इनको काम करना सिखाएंगे। सरपंच एसोसिएशन की एंट्री के बाद कुछ लोगों के बयान विधायक के पक्ष में भी आए है। समर्थकों ने लाइव आकर कहा है कि विधायक सही कर रहे हैं। जो काम गांव में सरपंच-पंच का है, वो विधायक खुद गांव-गांव में जाकर सीरियसली करवा रहे हैं। आज विधायक ने गांवों में सफाई की कुछ और तस्वीरें शेयर की है, जिसमें अब सफाई शुरू हो गई है। वहीं, सीईओ से बात की तो इस मामले में कुछ कहने से मना कर रहे हैं। विधायक सेतिया ने पोस्ट में लिखा है कि अब गांवों में सफाई कैसे हो रही है। पहले पैसा कहां जाता था। अब काम होना शुरू हो गया। गांवों में जो गंदगी के ढेर लगे थे, वो जेसीबी मशीन या ट्रालियों से उठना शुरू हो गए हैं। अगर इस तरह पहले गांवों में काम होता तो लोगों को गंदगी के ढेर से परेशानी उठानी नहीं पड़ेगी। सरपंचों ने विधायक के खिलाफ खोला मोर्चा दूसरी ओर सरपंच एसोसिएशन ने भी विधायक के खिलाफ मोर्चा खोल दिया गया है। कई सरपंचों ने एकजुट होकर विधायक के इस तरह लाइव आकर सरपंचों पर टिप्पणी करने की निंदी की थी। सरपंचों में इसका रोष है। सरपंचों ने जातिवाद को नकारते हुए कहा कि पहले जाट धर्मशाला में उनकी मीटिंग होनी थी, बाद में कुम्हार धर्मशाला में गए। एसोसिएशन जिला प्रधान एस जसकरण सिंह ने कहा कि विधायक को कोई मिसगाइड कर रहा है। बता दें कि विधायक सेतिया मंगलवार को नटार गांव में दौरे पर गए थे, वहां सीईओ को भी बुलाया था। मगर सीईओ नहीं गए। इस बात से विधायक सेतिया नाराज हुए और फोन किया तो सही से सीईओ ने जवाब नहीं दिया। ऐसे में वह उनसे मिलने उनके दफ्तर जा पहुंचे। सीईओ उनके आने से पहले निकल लिए तो विधायक ने भी अपनी गाड़ी उनकी सरकारी गाड़ी के पीछे लगा दी। तब से विवाद बढ़ता जा रहा है।
सिरसा में कांग्रेस विधायक गोकुल सेतिया और जिला परिषद के सीईओ डॉ. सुभाष चंद्र के बीच मंगलवार को हुई कार चेज के बाद विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा। अब विधायक सेतिया ने सीईओ को चेतावनी देते हुए कहा है कि काम तो करना पड़ेगा। चाहे कुछ भी हो। सिरसावासियों आप साथ देना। ये (सीईओ) मस्ते हुए अफसर है, इनको काम करना सिखाएंगे। सरपंच एसोसिएशन की एंट्री के बाद कुछ लोगों के बयान विधायक के पक्ष में भी आए है। समर्थकों ने लाइव आकर कहा है कि विधायक सही कर रहे हैं। जो काम गांव में सरपंच-पंच का है, वो विधायक खुद गांव-गांव में जाकर सीरियसली करवा रहे हैं। आज विधायक ने गांवों में सफाई की कुछ और तस्वीरें शेयर की है, जिसमें अब सफाई शुरू हो गई है। वहीं, सीईओ से बात की तो इस मामले में कुछ कहने से मना कर रहे हैं। विधायक सेतिया ने पोस्ट में लिखा है कि अब गांवों में सफाई कैसे हो रही है। पहले पैसा कहां जाता था। अब काम होना शुरू हो गया। गांवों में जो गंदगी के ढेर लगे थे, वो जेसीबी मशीन या ट्रालियों से उठना शुरू हो गए हैं। अगर इस तरह पहले गांवों में काम होता तो लोगों को गंदगी के ढेर से परेशानी उठानी नहीं पड़ेगी। सरपंचों ने विधायक के खिलाफ खोला मोर्चा दूसरी ओर सरपंच एसोसिएशन ने भी विधायक के खिलाफ मोर्चा खोल दिया गया है। कई सरपंचों ने एकजुट होकर विधायक के इस तरह लाइव आकर सरपंचों पर टिप्पणी करने की निंदी की थी। सरपंचों में इसका रोष है। सरपंचों ने जातिवाद को नकारते हुए कहा कि पहले जाट धर्मशाला में उनकी मीटिंग होनी थी, बाद में कुम्हार धर्मशाला में गए। एसोसिएशन जिला प्रधान एस जसकरण सिंह ने कहा कि विधायक को कोई मिसगाइड कर रहा है। बता दें कि विधायक सेतिया मंगलवार को नटार गांव में दौरे पर गए थे, वहां सीईओ को भी बुलाया था। मगर सीईओ नहीं गए। इस बात से विधायक सेतिया नाराज हुए और फोन किया तो सही से सीईओ ने जवाब नहीं दिया। ऐसे में वह उनसे मिलने उनके दफ्तर जा पहुंचे। सीईओ उनके आने से पहले निकल लिए तो विधायक ने भी अपनी गाड़ी उनकी सरकारी गाड़ी के पीछे लगा दी। तब से विवाद बढ़ता जा रहा है।