लाछी ने उतारी अपने बंधनों की केंचुली:विजयदान देथा की कहानी पर आधारित नाटक का रवीन्द्र मंच पर मंचन, अभिषेक झांकल ने किया निर्देशन
संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार के सहयोग से रस रंग मंच संस्था की ओर से रवींद्र मंच पर चल रहे तीन दिवसीय पंचम नाट्यधर्मी रंग महोत्सव के दूसरे दिन मुख्य सभागार में सुप्रसिद्ध साहित्यकार स्व. विजयदान देथा की कहानी ‘केंचुली’ का नाट्य मंचन किया गया। यह प्रस्तुति अनुपम रंग थियेटर सोसाइटी की ओर से दी गई। नाट्य रूपांतरण तपन भट्ट ने किया जबकि परिकल्पना व निर्देशन अभिषेक झांकल का रहा। मंच सज्जा व परिकल्पना आसिफ शेर अली ने और प्रकाश परिकल्पना एवं संचालन गगन मिश्रा ने संभाला। नाटक में लाछी गुर्जर के जीवन संघर्ष को दिखाया गया, जो अपने सपनों के साथ ससुराल आती है। लेकिन उसका जीवन तब बिखर जाता है जब गांव का ठाकुर और उसका कनवारिया भोजा उसके साथ छेड़छाड़ करते हैं। पति का साथ न मिलने और अपमानित होने के बाद लाछी यह निर्णय लेती है कि ऐसे संबंधों में जीने का कोई अर्थ नहीं और वह अपने बंधनों की केंचुली उतार फेंकती है। मंचन में विशाल भट्ट, कपिल शर्मा, झिलमिल भट्ट, महमूद अली, मौली शर्मा, रिचा पालीवाल, आसिफ शेर अली खान और समर्थ शांडिल्य ने अपने प्रभावशाली अभिनय से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया महोत्सव के अंतिम दिन राजस्थानी हास्य नाटक “गोरी सिंगार करें ढोलो पानी भरे” का मंचन होगा।



