जयपुर में एक प्लाट दो बार बेचा, 50 लाख ऐंठे:पेमेंट कर नहीं ली बैंक एनओसी, धोखे देकर दूसरे से किया सौदा

जयपुर में डवलपर्स के एक ही प्लाट को दो बार बेचकर 50 लाख रुपए ऐंठने का मामला सामने आया है। बैंक से एनओसी लेकर प्लाट की रजिस्ट्री करवाने के नाम पर डवलपर्स ने रुपए लिए थे। एडवांस रुपए लेने के बाद भी उसी प्लाट का सौदा कर दूसरे व्यक्ति को बेच डाला। संजय सर्किल थाने में पीड़ित बुजुर्ग ने रिपोर्ट दर्ज करवाई है। ASI करन सिंह ने बताया- विद्याधर नगर के रहने वाले अनिल सिंघल (63) ने धोखाधड़ी का मामला दर्ज करवाया है। चांदपोल में मोजिका रियल एस्टेट एण्ड डवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड का ऑफिस है। डवलपर्स कंपनी की ओर से सांगानेर के ग्राम सालिगरामपुरा में हनुमान वाटिका स्कीम काटी गई। आरोप है कि कंपनी को बिजनेस के चलते रुपयों की जरूरत थी। कंपनी के डायरेक्टर नागरमल अग्रवाल ने अनिल सिंघल से स्कीम में एक प्लाट का सौदा 2 करोड़ रुपए में तय किया। मई-2024 में बैंक से एनओजी जारी करवाकर देने बाद प्लाट की रजिस्ट्री करवाना तय हुआ। डायरेक्टर नागरमल ने एडवांस के तौर पर 50 लाख रुपए ले लिए। बैंक एनओजी की कहने पर टालमटोल कर प्लाट का कब्जा सौंप दिया। प्लाट पर चारदीवारी का निर्माण करवाना शुरू करने पर मनोज पारवानी नाम के व्यक्ति ने प्लाट उसका होना बताया। दूसरे पक्ष से भी डवलपर्स के बिक्री इकरारनामा करना मिला। प्लाट के नाम पर 50 लाख रुपए ऐंठने के बाद दूसरे व्यक्ति से सौद कर बेचने का पता चला। धोखे का पता चलने पर पीड़ित ने डवलपर्स कंपनी के डॉयरेक्टर के खिलाफ मामला दर्ज करवाया।

Aug 31, 2025 - 12:49
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जयपुर में एक प्लाट दो बार बेचा, 50 लाख ऐंठे:पेमेंट कर नहीं ली बैंक एनओसी, धोखे देकर दूसरे से किया सौदा
जयपुर में डवलपर्स के एक ही प्लाट को दो बार बेचकर 50 लाख रुपए ऐंठने का मामला सामने आया है। बैंक से एनओसी लेकर प्लाट की रजिस्ट्री करवाने के नाम पर डवलपर्स ने रुपए लिए थे। एडवांस रुपए लेने के बाद भी उसी प्लाट का सौदा कर दूसरे व्यक्ति को बेच डाला। संजय सर्किल थाने में पीड़ित बुजुर्ग ने रिपोर्ट दर्ज करवाई है। ASI करन सिंह ने बताया- विद्याधर नगर के रहने वाले अनिल सिंघल (63) ने धोखाधड़ी का मामला दर्ज करवाया है। चांदपोल में मोजिका रियल एस्टेट एण्ड डवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड का ऑफिस है। डवलपर्स कंपनी की ओर से सांगानेर के ग्राम सालिगरामपुरा में हनुमान वाटिका स्कीम काटी गई। आरोप है कि कंपनी को बिजनेस के चलते रुपयों की जरूरत थी। कंपनी के डायरेक्टर नागरमल अग्रवाल ने अनिल सिंघल से स्कीम में एक प्लाट का सौदा 2 करोड़ रुपए में तय किया। मई-2024 में बैंक से एनओजी जारी करवाकर देने बाद प्लाट की रजिस्ट्री करवाना तय हुआ। डायरेक्टर नागरमल ने एडवांस के तौर पर 50 लाख रुपए ले लिए। बैंक एनओजी की कहने पर टालमटोल कर प्लाट का कब्जा सौंप दिया। प्लाट पर चारदीवारी का निर्माण करवाना शुरू करने पर मनोज पारवानी नाम के व्यक्ति ने प्लाट उसका होना बताया। दूसरे पक्ष से भी डवलपर्स के बिक्री इकरारनामा करना मिला। प्लाट के नाम पर 50 लाख रुपए ऐंठने के बाद दूसरे व्यक्ति से सौद कर बेचने का पता चला। धोखे का पता चलने पर पीड़ित ने डवलपर्स कंपनी के डॉयरेक्टर के खिलाफ मामला दर्ज करवाया।