अजमेर में सेवन वंडर टूटेगा, डेट तय नहीं:17 सितम्बर का सुप्रीम कोर्ट में दे रखा है एफिडेविड; अगली सुनवाई की नहीं मिली डेट

जिला प्रशासन की ओर से स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत करोड़ों खर्च कर बनाए गए सेवन वंडर को 17 सितम्बर तक तोड़ना है। इसके लिए प्रशासन की ओर से तैयारी की जा रही है। लेकिन फिलहाल डेट तय नहीं की गई है। सुप्रीम कोर्ट से जब छह माह पहले इसे हटाने के आदेश दिए तो इसमें से महज एक प्रतिमा को हटाकर नीचे रखा गया। इसके बाद अजमेर विकास प्राधिकरण ने इसे हटाने के लिए टेंडर किए, लेकिन सिंगल बिडर के कारण निरस्त करने पडे़। एडीए का नया टेंडर प्रोसेस में है। जिला प्रशासन ने सुप्रीम कोर्ट में एफिडेविड पेश किया था कि छह माह में 17 सितम्बर तक इसे हटा देंगे। याचिकाकर्ता अशोक मलिक ने कहा- 17 सितम्बर तक तोड़ना है और अगर इस समय अवधि में सेवन वंडर को नहीं तोड़ा जाता है तो कोर्ट की शरण ली जाएगी। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में चल रहे केस की सुनवाई गत 26 अगस्त को होनी थी लेकिन केस ही लिस्टेड ही नहीं हुआ। ऐसे में उस दिन सुनवाई नहीं हो सकी। फिलहाल अगली सुनवाई की डेट भी नहीं मिली है। 11.64 करोड़ की लागत से बना था सेवन वंडर्स सुप्रीम कोर्ट ने कहा था- ऐसा नहीं लगता कि आप अजमेर को स्मार्ट बनाना चाहते हो 25 फरवरी को हुई सुनवाई में स्मार्ट सिटी की एसीईओ और नगर निगम कमिश्नर की ओर से सुप्रीम कोर्ट में एफिडेविट पेश किया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए एफिडेविट को एक्सेप्ट नहीं किया था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था- आप की कार्यप्रणाली से ऐसा नहीं लगता कि आप अजमेर को स्मार्ट बनाना चाहते हो। हमें आश्चर्य है कि शहर में जल निकायों, आर्द्र भूमि की सुरक्षा के बिना कोई शहर कैसे स्मार्ट बन सकता है और जल निकायों, आर्द्र भूमि पर अतिक्रमण करके शहर कैसे स्मार्ट बन सकते हैं। सेवन वंडर को लेकर पढे़ं ये खबरें भी... अजमेर वेटलैंड मामले में याचिकाकर्ता का काउंटर एफिडेविट:दावा- पार्क को पोलो ग्राउंड बताया, न नक्शा-मंजूरी, न लैंड कन्वर्जन करवाया; कलेक्टर बोले- जानकारी रिकॉर्ड के मुताबिक आनासागर के आस पास वेटलैंड व ग्रीन बेल्ट में हुए निर्माण कार्यों को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई कल यानी 7 अप्रैल को होगी। कल आजाद पार्क व पटेल स्टेडियम में हुए निर्माण को लेकर कोर्ट अपना फैसला सुना सकता है। (पढ़ें पूरी खबर)

Aug 31, 2025 - 12:49
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अजमेर में सेवन वंडर टूटेगा, डेट तय नहीं:17 सितम्बर का सुप्रीम कोर्ट में दे रखा है एफिडेविड; अगली सुनवाई की नहीं मिली डेट
जिला प्रशासन की ओर से स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत करोड़ों खर्च कर बनाए गए सेवन वंडर को 17 सितम्बर तक तोड़ना है। इसके लिए प्रशासन की ओर से तैयारी की जा रही है। लेकिन फिलहाल डेट तय नहीं की गई है। सुप्रीम कोर्ट से जब छह माह पहले इसे हटाने के आदेश दिए तो इसमें से महज एक प्रतिमा को हटाकर नीचे रखा गया। इसके बाद अजमेर विकास प्राधिकरण ने इसे हटाने के लिए टेंडर किए, लेकिन सिंगल बिडर के कारण निरस्त करने पडे़। एडीए का नया टेंडर प्रोसेस में है। जिला प्रशासन ने सुप्रीम कोर्ट में एफिडेविड पेश किया था कि छह माह में 17 सितम्बर तक इसे हटा देंगे। याचिकाकर्ता अशोक मलिक ने कहा- 17 सितम्बर तक तोड़ना है और अगर इस समय अवधि में सेवन वंडर को नहीं तोड़ा जाता है तो कोर्ट की शरण ली जाएगी। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में चल रहे केस की सुनवाई गत 26 अगस्त को होनी थी लेकिन केस ही लिस्टेड ही नहीं हुआ। ऐसे में उस दिन सुनवाई नहीं हो सकी। फिलहाल अगली सुनवाई की डेट भी नहीं मिली है। 11.64 करोड़ की लागत से बना था सेवन वंडर्स सुप्रीम कोर्ट ने कहा था- ऐसा नहीं लगता कि आप अजमेर को स्मार्ट बनाना चाहते हो 25 फरवरी को हुई सुनवाई में स्मार्ट सिटी की एसीईओ और नगर निगम कमिश्नर की ओर से सुप्रीम कोर्ट में एफिडेविट पेश किया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए एफिडेविट को एक्सेप्ट नहीं किया था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था- आप की कार्यप्रणाली से ऐसा नहीं लगता कि आप अजमेर को स्मार्ट बनाना चाहते हो। हमें आश्चर्य है कि शहर में जल निकायों, आर्द्र भूमि की सुरक्षा के बिना कोई शहर कैसे स्मार्ट बन सकता है और जल निकायों, आर्द्र भूमि पर अतिक्रमण करके शहर कैसे स्मार्ट बन सकते हैं। सेवन वंडर को लेकर पढे़ं ये खबरें भी... अजमेर वेटलैंड मामले में याचिकाकर्ता का काउंटर एफिडेविट:दावा- पार्क को पोलो ग्राउंड बताया, न नक्शा-मंजूरी, न लैंड कन्वर्जन करवाया; कलेक्टर बोले- जानकारी रिकॉर्ड के मुताबिक आनासागर के आस पास वेटलैंड व ग्रीन बेल्ट में हुए निर्माण कार्यों को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई कल यानी 7 अप्रैल को होगी। कल आजाद पार्क व पटेल स्टेडियम में हुए निर्माण को लेकर कोर्ट अपना फैसला सुना सकता है। (पढ़ें पूरी खबर)