रोहतक में महंत सतीश दास का बड़ा फैसला:पंचायत का किया सम्मान, मालिकाना हक के सभी केस लिए वापस
रोहतक जिले के महम के सैमान गांव में श्री सतगुरु मंदिर के गद्दीनशीन महंत सतीश दास ने एक बड़ा फैसला लिया है। उन्होंने पंचायत के सम्मान में जमीन के मालिकाना हक के सभी केस वापस ले लिए हैं। महम बार एसोसिएशन के पूर्व प्रधान वकील रोहतास राठी ने इस बात की पुष्टि की है। ग्रामीणों ने किया फैसले का स्वागत महंत ने पंचायत में दिए अपने वचन को पूरा किया है। सैमान और तपे के अधिकतर ग्रामीणों ने महंत के इस निर्णय का स्वागत किया है। ग्रामीणों का कहना है कि महंत सतीश दास ने पंचायत का मान रखा है। उनके मन में न कभी लोभ था और न ही होगा। 1992 से संभाल रहे मंदिर की गद्दी महंत सतीश दास 1992 से श्री सतगुरु मंदिर की गद्दी संभाल रहे हैं। इस दौरान उन्होंने मंदिर की संपत्ति में वृद्धि की है। सैमान गांव का मंदिर, महम में श्री सतगुरु कुटिया और हरिद्वार में धर्मशाला का निर्माण इसका प्रमाण है। महंत को बदनाम करने की कोशिश महंत का स्पष्ट कहना है कि मंदिर की जमीन हमेशा मंदिर की गद्दी पर बैठने वाले महंत के नाम ही रहेगी। ग्रामीणों का मानना है कि कुछ लोग महंत को बदनाम करने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली।



