रूस-भारत की दोस्ती तोड़ने की कोशिश! करीब आ रहे हैं चीन-अमेरिका! ट्रंप और शी जिनपिंग के बीच होगी कुछ बड़ी डील!
सोचने की बाद है कि इतने लंबे समय से अमेरिका और चीन के बीच व्यापार युद्ध पर अचानक अमेरिका कैसे नरम पड़ रहा है। हाल ही में भारत-रूस-चीन को साथ देखकर शायद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दिमाग में कुछ पक रहा है। डोनाल्ड ट्रंप ने पिछले काफी समय से भारत के खिलाफ बयानबाजी कर रहे थे।डोनाल्ड ट्रंप के भारत पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाने के बाद हालात काफी खराब हो गये थे। रूस और भारत के अच्छे संबंध हैं। ऐसे में अमेरिका ने भारत पर ये भी आरोप लगाया कि रूस से तेल खरीद कर भारत युक्रेन युद्ध में रूस का सहयोग कर रहा है। तमाम अरोपों के बाद भारत सारे विवाद साइड में रख कर चीन के साथ खड़ा हुआ। रूस, चीन और को साथ देखकर अमेरिका कांप गया और अब कह सकते है कि ट्रंप चीन से नजदीकियां बढ़ाना चाहते हैं। इसी वजह से शायद वह टिकटॉक डील भी कर सकते हैं।टिकटॉक पर लंबे समय से प्रतीक्षित डील जल्द होने वाली है, क्योंकि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उनके चीनी समकक्ष शी जिनपिंग शुक्रवार को इस पर चर्चा करने वाले हैं। दोनों देशों के शीर्ष अधिकारियों ने इस सप्ताह एक 'फ्रेमवर्क' समझौता किया है, जिसके अनुसार टिकटॉक के अमेरिकी ऑपरेशन को अमेरिकी कंपनियों के एक समूह को बेचा जा सकता है। अगर यह डील होती है, तो इसे अमेरिका-चीन व्यापार वार्ता में एक 'दुर्लभ सफलता' माना जाएगा - और यह एक ऐसा मुद्दा सुलझा देगा जो सालों से सुर्खियों में था। इसे भी पढ़ें: 'जहां देखों कंगना रनौत को थप्पड़ मारो', कांग्रेस नेता का विवादित बयान, राजनीतिक बवाल शुरू, एक्ट्रेस ने दिया 'थप्पड़' का ये जवाबअमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप चीन के नेता शी जिनपिंग से सोशल मीडिया ऐप टिकटॉक को अमेरिका में संचालित करने की अनुमति देने के संबंध में तथा दोनों देशों के बीच संबंधों पर शुक्रवार को चर्चा कर सकते हैं। इस बातचीत से यह भी संकेत मिल सकता है कि क्या दोनों नेता व्यापार युद्ध को समाप्त करने के वास्ते अंतिम समझौते पर पहुंचने के लिए व्यक्तिगत रूप से मुलाकात करेंगे या नहीं। ट्रंप ने बृहस्पतिवार को कहा, ‘‘जैसा कि आप जानते हैं मैं टिकटॉक और व्यापार पर शुक्रवार को राष्ट्रपति शी जिनपिंग से बातचीत करने वाला हूं। हम इन सभी मुद्दों पर समझौते के बहुत करीब हैं।’’ ट्रंप ने कहा कि चीन के साथ उनके संबंध ‘बहुत अच्छे’ हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि अगर यूरोपीय देश चीन पर ज़्यादा शुल्क लगाएं तो रूस, यूक्रेन में जारी युद्ध बंद कर सकता है। ट्रंप ने हालांकि इस पर कुछ नहीं कहा कि क्या वह रूस से तेल खरीदने के लिए भारत की ही भांति चीन पर भी शुल्क बढ़ाने की योजना बना रहे हैं या नहीं।इसे भी पढ़ें: Russia Earthquake | 7.8 तीव्रता का भूकंप!! आखिर रूस के Kamchatka क्षेत्र में क्यों आता है इतना शक्तिशाली भूकंप, बड़ा कारण वहीं, वाशिंगटन स्थित चीनी दूतावास ने बृहस्पतिवार को नेताओं के बीच किसी आगामी शिखर सम्मेलन या फोन पर बातचीत की पुष्टि नहीं की लेकिन चीनी अधिकारी लियू पेंग्यू ने कहा कि ‘‘राष्ट्राध्यक्षों की कूटनीति चीन-अमेरिका संबंधों को रणनीतिक मार्गदर्शन प्रदान करने में एक अहम भूमिका निभाती है।’’ वाशिंगटन स्थित थिंक टैंक ‘स्टिमसन सेंटर’ में ‘चीन कार्यक्रम’ के निदेशक सन यून ने सकारात्मक चर्चा की उम्मीद जताई है। सन ने कहा, दोनों पक्षों की इच्छा है कि शिखर सम्मेलन हो क्योंकि इससे व्यापार समझौते और अन्य मुद्दों के हल होने की उम्मीद है।

सोचने की बाद है कि इतने लंबे समय से अमेरिका और चीन के बीच व्यापार युद्ध पर अचानक अमेरिका कैसे नरम पड़ रहा है। हाल ही में भारत-रूस-चीन को साथ देखकर शायद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दिमाग में कुछ पक रहा है। डोनाल्ड ट्रंप ने पिछले काफी समय से भारत के खिलाफ बयानबाजी कर रहे थे।डोनाल्ड ट्रंप के भारत पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाने के बाद हालात काफी खराब हो गये थे। रूस और भारत के अच्छे संबंध हैं। ऐसे में अमेरिका ने भारत पर ये भी आरोप लगाया कि रूस से तेल खरीद कर भारत युक्रेन युद्ध में रूस का सहयोग कर रहा है। तमाम अरोपों के बाद भारत सारे विवाद साइड में रख कर चीन के साथ खड़ा हुआ। रूस, चीन और को साथ देखकर अमेरिका कांप गया और अब कह सकते है कि ट्रंप चीन से नजदीकियां बढ़ाना चाहते हैं। इसी वजह से शायद वह टिकटॉक डील भी कर सकते हैं।
टिकटॉक पर लंबे समय से प्रतीक्षित डील जल्द होने वाली है, क्योंकि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उनके चीनी समकक्ष शी जिनपिंग शुक्रवार को इस पर चर्चा करने वाले हैं। दोनों देशों के शीर्ष अधिकारियों ने इस सप्ताह एक 'फ्रेमवर्क' समझौता किया है, जिसके अनुसार टिकटॉक के अमेरिकी ऑपरेशन को अमेरिकी कंपनियों के एक समूह को बेचा जा सकता है। अगर यह डील होती है, तो इसे अमेरिका-चीन व्यापार वार्ता में एक 'दुर्लभ सफलता' माना जाएगा - और यह एक ऐसा मुद्दा सुलझा देगा जो सालों से सुर्खियों में था।
इसे भी पढ़ें: 'जहां देखों कंगना रनौत को थप्पड़ मारो', कांग्रेस नेता का विवादित बयान, राजनीतिक बवाल शुरू, एक्ट्रेस ने दिया 'थप्पड़' का ये जवाब
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप चीन के नेता शी जिनपिंग से सोशल मीडिया ऐप टिकटॉक को अमेरिका में संचालित करने की अनुमति देने के संबंध में तथा दोनों देशों के बीच संबंधों पर शुक्रवार को चर्चा कर सकते हैं। इस बातचीत से यह भी संकेत मिल सकता है कि क्या दोनों नेता व्यापार युद्ध को समाप्त करने के वास्ते अंतिम समझौते पर पहुंचने के लिए व्यक्तिगत रूप से मुलाकात करेंगे या नहीं।
ट्रंप ने बृहस्पतिवार को कहा, ‘‘जैसा कि आप जानते हैं मैं टिकटॉक और व्यापार पर शुक्रवार को राष्ट्रपति शी जिनपिंग से बातचीत करने वाला हूं। हम इन सभी मुद्दों पर समझौते के बहुत करीब हैं।’’ ट्रंप ने कहा कि चीन के साथ उनके संबंध ‘बहुत अच्छे’ हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि अगर यूरोपीय देश चीन पर ज़्यादा शुल्क लगाएं तो रूस, यूक्रेन में जारी युद्ध बंद कर सकता है। ट्रंप ने हालांकि इस पर कुछ नहीं कहा कि क्या वह रूस से तेल खरीदने के लिए भारत की ही भांति चीन पर भी शुल्क बढ़ाने की योजना बना रहे हैं या नहीं।
इसे भी पढ़ें: Russia Earthquake | 7.8 तीव्रता का भूकंप!! आखिर रूस के Kamchatka क्षेत्र में क्यों आता है इतना शक्तिशाली भूकंप, बड़ा कारण
वहीं, वाशिंगटन स्थित चीनी दूतावास ने बृहस्पतिवार को नेताओं के बीच किसी आगामी शिखर सम्मेलन या फोन पर बातचीत की पुष्टि नहीं की लेकिन चीनी अधिकारी लियू पेंग्यू ने कहा कि ‘‘राष्ट्राध्यक्षों की कूटनीति चीन-अमेरिका संबंधों को रणनीतिक मार्गदर्शन प्रदान करने में एक अहम भूमिका निभाती है।’’ वाशिंगटन स्थित थिंक टैंक ‘स्टिमसन सेंटर’ में ‘चीन कार्यक्रम’ के निदेशक सन यून ने सकारात्मक चर्चा की उम्मीद जताई है। सन ने कहा, दोनों पक्षों की इच्छा है कि शिखर सम्मेलन हो क्योंकि इससे व्यापार समझौते और अन्य मुद्दों के हल होने की उम्मीद है।