यमुननगर में IMA जिलाध्यक्ष के बेटे संग वीजा की धोखाधड़ी:फ्रांस में पढ़ने का था प्लान, एंबेसी ने संदेह जताकर वीजा किया रिजेक्ट
यमुनानगर के मसीह अस्पताल के निदेशक और भारतीय चिकित्सा संघ (IMA) के जिला अध्यक्ष डॉ. रेजिनाल्ड मसीह ने पुलिस में एक गंभीर शिकायत दर्ज कराई है। आरोप है कि उनके बेटे बचन मसीह का फ्रांस के प्रतिष्ठित INSEAD बिजनेस स्कूल के लिए किया गया छात्र वीजा जाली या छेड़छाड़ वाला पाया गया है, जिसके चलते बेटे का पूरा शैक्षणिक वर्ष बर्बाद हो गया। थाना सिटी यमुनानगर पुलिस ने डॉ. मसीह की शिकायत पर अज्ञात के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू की है। डॉ. मसीह ने पुलिस को बताया कि उसके बेटे बचन मसीह ने INSEAD, फ्रांस में कक्षाओं में भाग लेने के लिए छात्र वीजा के लिए आवेदन किया था, जिसका शैक्षणिक सत्र 31 अगस्त से शुरू होने वाला था। कैंपस में एंट्री लेने और एक वर्ष के लिए हॉस्टल फीस भरने के बाद, उन्होंने ऑनलाइन वीजा फॉर्म भरा और इंटरव्यू व बायोमैट्रिक्स के लिए चंडीगढ़ VFS ग्लोबल का चयन किया। वीएफएस कर्मचारियों ने जताया शक 15 जुलाई को दोपहर 2 बजे बजे, निर्धारित समय पर चंडीगढ़ के एलांटे मॉल में वीएफएस ग्लोबल कार्यालय पहुंचे। कार्यालय के बाहर एक अज्ञात व्यक्ति ने बताया कि आज ऑफिस के रेनोवेशन के कारण सामने वाले ऑफिस में काम किया जा रहा है। उस आफिस में उसके डॉक्यूमेंट वेरिफाई और बायोमैट्रिक की गई, जिसके लिए 8 हजार रुपए नकद जमा कराए। वहीं कूरियर और एसएमएस सेवा के लिए 3 हजार का भुगतान किया। हालांकि, जब उसने अपनी पत्नी. डॉ. सुमन मसीह के साथ बेटे के 18 महीने के फ्रांस प्रवास के दौरान इमरजेंसी उद्देश्यों के लिए चंडीगढ़ वीएफएस ग्लोबल में दो साल की अवधि के लिए पर्यटक वीजा के लिए आवेदन किया, तो VFS कर्मचारियों ने बताया कि बचन मसीह का वीजा कुछ ठीक नहीं लग रहा। शैक्षणिक वर्ष हुआ बर्बाद उन्होंने वीजा पर हस्तलिखित तारीखों की और इशारा किया, जिससे जालसाजी या छेड़छाड़ का संदेह हुआ। बेटे ने तुरंत फ्रांसीसी दूतावास से ईमेल के माध्यम से अपने वीजा की प्रामाणिकता सत्यापित करने के लिए संपर्क किया, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। उनके पर्यटक वीजा आवेदनों की प्रोसेसिंग के दौरान, एक दूतावास अधिकारी ने पुष्टि की कि बेटे बचन का वीजा जाली या छेडछाड़ किया हुआ प्रतीत होता है। ऐसे में उन्हें फिर से आवेदन करने की सलाह दी। जबकि उसे व उसकी पत्नी को 12 महीने का पर्यटक वीजा मिल गया, लेकिन बेटे के वीजा का मुद्दा अनसुलझा रहा। VFS ग्लोबल, चंडीगढ़ में बेटे के छात्र बीजा के लिए फिर से आवेदन करने पर, हमें सूचित किया गया कि कैंपस फ्रांस से नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट (NOC) की आवश्यकता है। ऐसे में उन्होंने कैंपस फ्रांस के माध्यम से प्रक्रिया शुरू की, लेकिन समय की कमी के कारण बेटे का शैक्षणिक वर्ष बर्बाद हो गया, जिससे वित्तीय और भावनात्मक नुकसान हुआ। नया पासपोर्ट बनाने की दी सलाह डॉ. मसीह ने बताया कि इसके बाद यूरोप में पारिवारिक अवकाश के लिए VFS ग्लोबल, चंडीगढ़ के माध्यम से पर्यटक वीजा के लिए आवेदन किया। ऐसे में बेटे के पर्यटक वीजा आवेदन की प्रोसेसिंग के दौरान, कंसोलेट ने टेलीफोन पर सूचित किया कि बचन का पासपोर्ट छेड़छाड़ किया हुआ प्रतीत होता है और उन्हें नया पासपोर्ट बनवाने की सलाह दी। तीन अक्टूबर को पासपोर्ट वापस मिला, और अब इस धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज कराई है। डॉ. मसीह ने कहा कि इसमें एक संभावित घोटाला और जालसाजी शामिल है, जिसने बेटे की शिक्षा प्रभावित हुई है। उन्हें संदेह है कि धोखाधड़ी गतिविधि वीजा आवेदन प्रक्रिया के दौरान हुई हो सकती है।
यमुनानगर के मसीह अस्पताल के निदेशक और भारतीय चिकित्सा संघ (IMA) के जिला अध्यक्ष डॉ. रेजिनाल्ड मसीह ने पुलिस में एक गंभीर शिकायत दर्ज कराई है। आरोप है कि उनके बेटे बचन मसीह का फ्रांस के प्रतिष्ठित INSEAD बिजनेस स्कूल के लिए किया गया छात्र वीजा जाली या छेड़छाड़ वाला पाया गया है, जिसके चलते बेटे का पूरा शैक्षणिक वर्ष बर्बाद हो गया। थाना सिटी यमुनानगर पुलिस ने डॉ. मसीह की शिकायत पर अज्ञात के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू की है। डॉ. मसीह ने पुलिस को बताया कि उसके बेटे बचन मसीह ने INSEAD, फ्रांस में कक्षाओं में भाग लेने के लिए छात्र वीजा के लिए आवेदन किया था, जिसका शैक्षणिक सत्र 31 अगस्त से शुरू होने वाला था। कैंपस में एंट्री लेने और एक वर्ष के लिए हॉस्टल फीस भरने के बाद, उन्होंने ऑनलाइन वीजा फॉर्म भरा और इंटरव्यू व बायोमैट्रिक्स के लिए चंडीगढ़ VFS ग्लोबल का चयन किया। वीएफएस कर्मचारियों ने जताया शक 15 जुलाई को दोपहर 2 बजे बजे, निर्धारित समय पर चंडीगढ़ के एलांटे मॉल में वीएफएस ग्लोबल कार्यालय पहुंचे। कार्यालय के बाहर एक अज्ञात व्यक्ति ने बताया कि आज ऑफिस के रेनोवेशन के कारण सामने वाले ऑफिस में काम किया जा रहा है। उस आफिस में उसके डॉक्यूमेंट वेरिफाई और बायोमैट्रिक की गई, जिसके लिए 8 हजार रुपए नकद जमा कराए। वहीं कूरियर और एसएमएस सेवा के लिए 3 हजार का भुगतान किया। हालांकि, जब उसने अपनी पत्नी. डॉ. सुमन मसीह के साथ बेटे के 18 महीने के फ्रांस प्रवास के दौरान इमरजेंसी उद्देश्यों के लिए चंडीगढ़ वीएफएस ग्लोबल में दो साल की अवधि के लिए पर्यटक वीजा के लिए आवेदन किया, तो VFS कर्मचारियों ने बताया कि बचन मसीह का वीजा कुछ ठीक नहीं लग रहा। शैक्षणिक वर्ष हुआ बर्बाद उन्होंने वीजा पर हस्तलिखित तारीखों की और इशारा किया, जिससे जालसाजी या छेड़छाड़ का संदेह हुआ। बेटे ने तुरंत फ्रांसीसी दूतावास से ईमेल के माध्यम से अपने वीजा की प्रामाणिकता सत्यापित करने के लिए संपर्क किया, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। उनके पर्यटक वीजा आवेदनों की प्रोसेसिंग के दौरान, एक दूतावास अधिकारी ने पुष्टि की कि बेटे बचन का वीजा जाली या छेडछाड़ किया हुआ प्रतीत होता है। ऐसे में उन्हें फिर से आवेदन करने की सलाह दी। जबकि उसे व उसकी पत्नी को 12 महीने का पर्यटक वीजा मिल गया, लेकिन बेटे के वीजा का मुद्दा अनसुलझा रहा। VFS ग्लोबल, चंडीगढ़ में बेटे के छात्र बीजा के लिए फिर से आवेदन करने पर, हमें सूचित किया गया कि कैंपस फ्रांस से नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट (NOC) की आवश्यकता है। ऐसे में उन्होंने कैंपस फ्रांस के माध्यम से प्रक्रिया शुरू की, लेकिन समय की कमी के कारण बेटे का शैक्षणिक वर्ष बर्बाद हो गया, जिससे वित्तीय और भावनात्मक नुकसान हुआ। नया पासपोर्ट बनाने की दी सलाह डॉ. मसीह ने बताया कि इसके बाद यूरोप में पारिवारिक अवकाश के लिए VFS ग्लोबल, चंडीगढ़ के माध्यम से पर्यटक वीजा के लिए आवेदन किया। ऐसे में बेटे के पर्यटक वीजा आवेदन की प्रोसेसिंग के दौरान, कंसोलेट ने टेलीफोन पर सूचित किया कि बचन का पासपोर्ट छेड़छाड़ किया हुआ प्रतीत होता है और उन्हें नया पासपोर्ट बनवाने की सलाह दी। तीन अक्टूबर को पासपोर्ट वापस मिला, और अब इस धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज कराई है। डॉ. मसीह ने कहा कि इसमें एक संभावित घोटाला और जालसाजी शामिल है, जिसने बेटे की शिक्षा प्रभावित हुई है। उन्हें संदेह है कि धोखाधड़ी गतिविधि वीजा आवेदन प्रक्रिया के दौरान हुई हो सकती है।