मिशन शक्ति 5.0 : शाहजहांपुर में एनीमिया के खिलाफ ऐतिहासिक जनअभियान
Historic public campaign against anemia in Shahjahan: शाहजहांपुर ने मिशन शक्ति 5.0 के तहत एनीमिया के खिलाफ एक अनोखा और ऐतिहासिक अभियान चलाकर नई मिसाल कायम की है। जिलाधिकारी धर्मेंद्र प्रताप सिंह और मुख्य विकास अधिकारी डॉ. अपराजिता सिंह सिंसिनवार के ...

- एनीमिया के खिलाफ शाहजहांपुर की ऐतिहासिक जंग, एक दिन में 3.6 लाख महिलाएं बनीं सहभागी
- डिजिटल पोर्टल और क्यूआर कोड से बढ़ी महिलाओं की भागीदारी, लाखों ने डाउनलोड किए प्रमाणपत्र
- जवाबदेही की नई पहल : खाली पैकेट लौटाने पर हर 11वें दिन मिल रही नई स्ट्रिप
- रंगोली, फोटोग्राफी और सोशल मीडिया प्रतियोगिताओं से अभियान बना जनआंदोलन
Historic public campaign against anemia in Shahjahan: शाहजहांपुर ने मिशन शक्ति 5.0 के तहत एनीमिया के खिलाफ एक अनोखा और ऐतिहासिक अभियान चलाकर नई मिसाल कायम की है। जिलाधिकारी धर्मेंद्र प्रताप सिंह और मुख्य विकास अधिकारी डॉ. अपराजिता सिंह सिंसिनवार के नेतृत्व में हुए इस अभियान में एक ही दिन लाखों महिलाओं ने पूरे ज़िले में आयरन फोलिक एसिड (IFA) की गोली का नींबू पानी के साथ सेवन किया। यह न सिर्फ स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता का प्रतीक बना बल्कि यह दिखा गया कि सामूहिक प्रयास से बड़ी से बड़ी चुनौतियों का समाधान संभव है।
इस अभियान की व्यापकता अभूतपूर्व रही। ज़िले के 1,068 पंचायत भवन, 2,267 विद्यालय, 2,663 आंगनवाड़ी केंद्र, 300 आरोग्य मंदिर और 300 से अधिक निजी विद्यालय व महाविद्यालय इसमें शामिल हुए। अधिकारियों, चिकित्सकों और फ्रंटलाइन वर्कर्स ने स्वयं गोली लेकर अभियान की शुरुआत की और देखते-ही-देखते लगभग 3.6 लाख महिलाओं ने इस मुहिम में भाग लिया।
अभियान की विशेष व्यवस्था यह रही कि हर महिला को आईएफए गोली की एक स्ट्रिप निःशुल्क दी गई। सेवन की निरंतरता सुनिश्चित करने के लिए यह तय किया गया है कि महिलाएँ खाली ब्लिस्टर पैकेट पंचायत भवन में लौटाएँ और हर 11वें दिन नई स्ट्रिप प्राप्त करें। इस व्यवस्था ने अनुशासन और जवाबदेही दोनों को मज़बूती दी है।
स्वास्थ्य संबंधी जानकारी को आसान तरीके से समझाने पर भी विशेष ध्यान दिया गया। महिलाओं को बताया गया कि गोली को चाय, कॉफी या कैल्शियम के साथ न लें, बल्कि आंवला, खट्टे फल या नींबू पानी के साथ लेने पर इसका असर कई गुना बढ़ जाता है। इस तरह विज्ञान और परंपरा को जोड़कर संदेश को सरल और यादगार बनाया गया।
अभियान को आधुनिक रूप देने के लिए डिजिटल सुविधा भी जोड़ी गई। महिलाओं के पंजीकरण के लिए पोर्टल बनाया गया, जहां से वे अपना प्रमाणपत्र डाउनलोड कर सकती थीं। अभियान के दिन दोपहर 2 बजे तक ही 2.65 लाख प्रमाणपत्र डाउनलोड किए जा चुके थे। प्रमाणपत्र पर यूनिक नंबर दर्ज था, जिसके आधार पर प्रतिभागियों को लकी ड्रा में शामिल किया गया। इसमें फ्रिज, वॉशिंग मशीन और टेलीविज़न जैसे आकर्षक उपहार रखे गए। सुविधा आसान बनाने के लिए घर-घर क्यूआर कोड भी पहुँचाए गए।
युवाओं और आम जनता की सहभागिता बढ़ाने के लिए रंगोली, फोटोग्राफी और सोशल मीडिया प्रतियोगिताएं भी आयोजित की गईं। इससे अभियान केवल एक स्वास्थ्य कार्यक्रम नहीं रहा, बल्कि पूरे ज़िले का सामूहिक आंदोलन बन गया। शाहजहांपुर की यह पहल साबित करती है कि प्रशासन, समाज और विज्ञान जब साथ मिलकर काम करते हैं तो बदलाव की नई कहानी लिखी जा सकती है। मिशन शक्ति 5.0 के तहत हुआ यह प्रयास पूरे प्रदेश और देश के लिए एक प्रेरणादायी मॉडल बनकर सामने आया है।