भारत का पड़ोसी ग्लोबल टेरेरिज्म का अड्डा, UNGA में पाकिस्तान को ऐसी बेइज्जती की उम्मीद नहीं थी

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शनिवार को पाकिस्तान पर निशाना साधते हुए कहा कि देश ने खुले तौर पर आतंकवाद को अपनी राजकीय नीति घोषित कर दिया है और वह "वैश्विक आतंकवाद का केंद्र" बना हुआ है। 80वें संयुक्त राष्ट्र महासभा सत्र को संबोधित करते हुए, जयशंकर ने पहलगाम आतंकवादी हमले का भी ज़िक्र किया जिसमें 26 निर्दोष पर्यटकों की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। उन्होंने कहा कि भारत ने आतंकवाद के ख़िलाफ़ अपने लोगों की रक्षा के अपने अधिकार का प्रयोग करते हुए ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया और इसके आयोजकों और अपराधियों को न्याय के कटघरे में खड़ा किया।इसे भी पढ़ें: प्रधानमंत्री मोदी ने आईआईटी जम्मू के दूसरे चरण के अवसंरचना कार्यों का शिलान्यास कियाभारत अपनी आज़ादी के बाद से ही इस चुनौती का सामना कर रहा है, क्योंकि उसका पड़ोसी वैश्विक आतंकवाद का केंद्र है। दशकों से, बड़े अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी हमलों के पीछे इसी देश का हाथ माना जाता रहा है। संयुक्त राष्ट्र की आतंकवादियों की सूची में उसके नागरिकों के नाम भरे पड़े हैं। सीमा पार बर्बरता का सबसे ताज़ा उदाहरण इस साल अप्रैल में पहलगाम में निर्दोष पर्यटकों की हत्या थी। उन्होंने कहा भारत ने आतंकवाद के खिलाफ अपने लोगों की रक्षा करने के अपने अधिकार का प्रयोग किया और इसके आयोजकों और अपराधियों को न्याय के कटघरे में खड़ा किया।इसे भी पढ़ें: जयशंकर ने संरा में पाकिस्तान को सुनाई खरी-खोटी, पाक को ‘वैश्विक आतंकवाद का केंद्र’ बतायाविदेश मंत्री ने कहा कि अपने अधिकारों का दावा करते हुए भारत ने खतरों का भी दृढ़ता से सामना किया और आतंकवाद का मुकाबला करना एक विशेष प्राथमिकता है क्योंकि इसमें कट्टरता, हिंसा, असहिष्णुता और भय का समावेश होता है। जयशंकर ने पाकिस्तान पर तीखा हमला बोलते हुए दुनिया भर में हुए बड़े आतंकवादी हमलों का हवाला दिया और कहा कि इन हमलों के पीछे एक ही देश - पाकिस्तान का हाथ है।इसे भी पढ़ें: शिअद अध्यक्ष ने बाढ़ के मुआवजे में कथित देरी को लेकर पंजाब के मुख्यमंत्री पर निशाना साधाजयशंकर ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र की आतंकवादियों की सूची में उसके नागरिक भरे पड़े हैं। सीमा पार बर्बरता का सबसे ताज़ा उदाहरण इस साल अप्रैल में पहलगाम में निर्दोष पर्यटकों की हत्या थी। भारत ने आतंकवाद के ख़िलाफ़ अपने लोगों की रक्षा करने के अपने अधिकार का प्रयोग किया और इसके आयोजकों और अपराधियों को न्याय के कटघरे में खड़ा किया। चूँकि आतंकवाद एक साझा ख़तरा है, इसलिए यह ज़रूरी है कि इसमें और भी गहरा अंतर्राष्ट्रीय सहयोग हो।

Sep 29, 2025 - 12:18
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भारत का पड़ोसी ग्लोबल टेरेरिज्म का अड्डा, UNGA में पाकिस्तान को ऐसी बेइज्जती की उम्मीद नहीं थी
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शनिवार को पाकिस्तान पर निशाना साधते हुए कहा कि देश ने खुले तौर पर आतंकवाद को अपनी राजकीय नीति घोषित कर दिया है और वह "वैश्विक आतंकवाद का केंद्र" बना हुआ है। 80वें संयुक्त राष्ट्र महासभा सत्र को संबोधित करते हुए, जयशंकर ने पहलगाम आतंकवादी हमले का भी ज़िक्र किया जिसमें 26 निर्दोष पर्यटकों की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। उन्होंने कहा कि भारत ने आतंकवाद के ख़िलाफ़ अपने लोगों की रक्षा के अपने अधिकार का प्रयोग करते हुए ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया और इसके आयोजकों और अपराधियों को न्याय के कटघरे में खड़ा किया।

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भारत अपनी आज़ादी के बाद से ही इस चुनौती का सामना कर रहा है, क्योंकि उसका पड़ोसी वैश्विक आतंकवाद का केंद्र है। दशकों से, बड़े अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी हमलों के पीछे इसी देश का हाथ माना जाता रहा है। संयुक्त राष्ट्र की आतंकवादियों की सूची में उसके नागरिकों के नाम भरे पड़े हैं। सीमा पार बर्बरता का सबसे ताज़ा उदाहरण इस साल अप्रैल में पहलगाम में निर्दोष पर्यटकों की हत्या थी। उन्होंने कहा भारत ने आतंकवाद के खिलाफ अपने लोगों की रक्षा करने के अपने अधिकार का प्रयोग किया और इसके आयोजकों और अपराधियों को न्याय के कटघरे में खड़ा किया।

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विदेश मंत्री ने कहा कि अपने अधिकारों का दावा करते हुए भारत ने खतरों का भी दृढ़ता से सामना किया और आतंकवाद का मुकाबला करना एक विशेष प्राथमिकता है क्योंकि इसमें कट्टरता, हिंसा, असहिष्णुता और भय का समावेश होता है। जयशंकर ने पाकिस्तान पर तीखा हमला बोलते हुए दुनिया भर में हुए बड़े आतंकवादी हमलों का हवाला दिया और कहा कि इन हमलों के पीछे एक ही देश - पाकिस्तान का हाथ है।

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जयशंकर ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र की आतंकवादियों की सूची में उसके नागरिक भरे पड़े हैं। सीमा पार बर्बरता का सबसे ताज़ा उदाहरण इस साल अप्रैल में पहलगाम में निर्दोष पर्यटकों की हत्या थी। भारत ने आतंकवाद के ख़िलाफ़ अपने लोगों की रक्षा करने के अपने अधिकार का प्रयोग किया और इसके आयोजकों और अपराधियों को न्याय के कटघरे में खड़ा किया। चूँकि आतंकवाद एक साझा ख़तरा है, इसलिए यह ज़रूरी है कि इसमें और भी गहरा अंतर्राष्ट्रीय सहयोग हो।