प्रतापगढ़ में महिलाओं ने मनाया करवा चौथ पर्व:पति की लंबी उम्र की कामना की, चांद दिखने के बाद खोला व्रत

प्रतापगढ़ में शुक्रवार को करवाचौथ का पर्व मनाया गया। महिलाओं ने सुबह से निर्जला व्रत रखा और रात में चंद्रमा के दर्शन के बाद इसे खोला। इस दौरान उन्होंने अपने पतियों की लंबी उम्र और सुखी जीवन की कामना की। व्रती महिलाओं ने दिनभर भूखे-प्यासे रहकर घरों में विधि-विधान से पूजा-अर्चना की। उन्होंने चौथ माता की कथा सुनी और चंद्रमा के प्रकट होने का बेसब्री से इंतजार किया। रात करीब 8 बजकर 50 मिनट पर चंद्रमा के दर्शन हुए। इसके बाद महिलाओं ने एक लोटे में जल, दूध, अक्षत और सफेद फूल मिलाकर चंद्रमा को अर्घ्य दिया। उन्होंने मन में अपने पति की लंबी आयु और सुखी जीवन की प्रार्थना की। बाद में पतियों ने अपनी पत्नियों को पानी और मिठाई खिलाकर उनका व्रत पूर्ण करवाया। करवाचौथ के अवसर पर शहर के केशोराय मंदिर में सुबह से ही दर्शनार्थियों की भारी भीड़ उमड़ी। मंदिर को भी विशेष रूप से सजाया गया था। आधुनिकता के इस दौर में भी करवाचौथ का महत्व बढ़ा है, जहां अब युवतियां भी योग्य पति की कामना के लिए यह व्रत रखती हैं। करवाचौथ के व्रत में चंद्रमा की पूजा का विशेष महत्व है। ऐसी मान्यता है कि माता पार्वती और भगवान शिव की पूजा से अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है, लेकिन चंद्रमा के दर्शन और उन्हें जल अर्पित किए बिना यह व्रत अधूरा माना जाता है। इसलिए इस दिन चंद्रमा की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण होती है।

Oct 10, 2025 - 22:02
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प्रतापगढ़ में महिलाओं ने मनाया करवा चौथ पर्व:पति की लंबी उम्र की कामना की, चांद दिखने के बाद खोला व्रत
प्रतापगढ़ में शुक्रवार को करवाचौथ का पर्व मनाया गया। महिलाओं ने सुबह से निर्जला व्रत रखा और रात में चंद्रमा के दर्शन के बाद इसे खोला। इस दौरान उन्होंने अपने पतियों की लंबी उम्र और सुखी जीवन की कामना की। व्रती महिलाओं ने दिनभर भूखे-प्यासे रहकर घरों में विधि-विधान से पूजा-अर्चना की। उन्होंने चौथ माता की कथा सुनी और चंद्रमा के प्रकट होने का बेसब्री से इंतजार किया। रात करीब 8 बजकर 50 मिनट पर चंद्रमा के दर्शन हुए। इसके बाद महिलाओं ने एक लोटे में जल, दूध, अक्षत और सफेद फूल मिलाकर चंद्रमा को अर्घ्य दिया। उन्होंने मन में अपने पति की लंबी आयु और सुखी जीवन की प्रार्थना की। बाद में पतियों ने अपनी पत्नियों को पानी और मिठाई खिलाकर उनका व्रत पूर्ण करवाया। करवाचौथ के अवसर पर शहर के केशोराय मंदिर में सुबह से ही दर्शनार्थियों की भारी भीड़ उमड़ी। मंदिर को भी विशेष रूप से सजाया गया था। आधुनिकता के इस दौर में भी करवाचौथ का महत्व बढ़ा है, जहां अब युवतियां भी योग्य पति की कामना के लिए यह व्रत रखती हैं। करवाचौथ के व्रत में चंद्रमा की पूजा का विशेष महत्व है। ऐसी मान्यता है कि माता पार्वती और भगवान शिव की पूजा से अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है, लेकिन चंद्रमा के दर्शन और उन्हें जल अर्पित किए बिना यह व्रत अधूरा माना जाता है। इसलिए इस दिन चंद्रमा की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण होती है।