नेपाल: बैरक छोड़कर निजी आवास गए ओली
नेपाली सेना की सुरक्षा में नौ दिन बिताने के बाद अपदस्थ प्रधानमंत्री के. पी. शर्मा ओली सैन्य बैरक से निकलकर एक निजी आवास चले गए। ‘जेन-जेड’ का विरोध प्रदर्शन हिंसक होते ही ओली बैरक में चले गए थे और उन्होंने नौ सितंबर को पद छोड़ दिया था। यह बैरक संभवतः काठमांडू के उत्तर में शिवपुरी वन क्षेत्र में है। ‘जेन जेड’ उस पीढ़ी को कहा जाता है जो 1997 से 2012 के बीच पैदा हुई है। नेपाल सेना के सूत्रों ने पुष्टि की है कि नेपाली कम्युनिस्ट पार्टी (एकीकृत मार्क्सवादी-लेनिनवादी) (सीपीएन-यूएमएल) के अध्यक्ष नौ दिन सेना की सुरक्षा में रहने के बाद एक निजी स्थान पर चले गए हैं। हालांकि अभी उनके रहने के स्थान की जानकारी सार्वजनिक नहीं की गई है। मीडिया की खबरों के अनुसार, ओली काठमांडू से 15 किलोमीटर पूर्व में भक्तपुर जिले के गुंडू इलाके में एक निजी घर में रहने चले गए हैं। विरोध प्रदर्शन के दूसरे दिन नौ सितंबर को ‘जेन जेड’ प्रदर्शनकारियों ने भक्तपुर के बालकोट में उनके आवास को जलाकर राख कर दिया था। ‘जेन जेड’ प्रदर्शनकारियों द्वारा नौ सितंबर को ही बालकोट में प्रधानमंत्री कार्यालय को आंशिक रूप से जला दिया था और उस समय ओली नेपाल के प्रधानमंत्री के आधिकारिक आवास पर थे। हालांकि नेपाल की सेना की मदद से ओली सुरक्षित बच निकले और सेना ने उन्हें बचाने के लिए एक हेलीकॉप्टर भेजा था।

नेपाली सेना की सुरक्षा में नौ दिन बिताने के बाद अपदस्थ प्रधानमंत्री के. पी. शर्मा ओली सैन्य बैरक से निकलकर एक निजी आवास चले गए। ‘जेन-जेड’ का विरोध प्रदर्शन हिंसक होते ही ओली बैरक में चले गए थे और उन्होंने नौ सितंबर को पद छोड़ दिया था।
यह बैरक संभवतः काठमांडू के उत्तर में शिवपुरी वन क्षेत्र में है। ‘जेन जेड’ उस पीढ़ी को कहा जाता है जो 1997 से 2012 के बीच पैदा हुई है। नेपाल सेना के सूत्रों ने पुष्टि की है कि नेपाली कम्युनिस्ट पार्टी (एकीकृत मार्क्सवादी-लेनिनवादी) (सीपीएन-यूएमएल) के अध्यक्ष नौ दिन सेना की सुरक्षा में रहने के बाद एक निजी स्थान पर चले गए हैं। हालांकि अभी उनके रहने के स्थान की जानकारी सार्वजनिक नहीं की गई है।
मीडिया की खबरों के अनुसार, ओली काठमांडू से 15 किलोमीटर पूर्व में भक्तपुर जिले के गुंडू इलाके में एक निजी घर में रहने चले गए हैं। विरोध प्रदर्शन के दूसरे दिन नौ सितंबर को ‘जेन जेड’ प्रदर्शनकारियों ने भक्तपुर के बालकोट में उनके आवास को जलाकर राख कर दिया था।
‘जेन जेड’ प्रदर्शनकारियों द्वारा नौ सितंबर को ही बालकोट में प्रधानमंत्री कार्यालय को आंशिक रूप से जला दिया था और उस समय ओली नेपाल के प्रधानमंत्री के आधिकारिक आवास पर थे। हालांकि नेपाल की सेना की मदद से ओली सुरक्षित बच निकले और सेना ने उन्हें बचाने के लिए एक हेलीकॉप्टर भेजा था।