UN में 3 रहस्मयी घटनाओं से हुई ट्रंप की बेइज्जती, भीड़ ने घेरकर जो किया, व्हाइट हाउस में मचा हड़कंप

सुपर पावर की सनक में दुनिया को धमकाने वाले ट्रंप की इन दिनों खूब फजीहत हो रही है। शांति की बात करके शांति फैलाने की बात करने वाले ट्रंप की इस बार ऐसी बेइज्जती हुई कि दुनिया भी हैरान है। दुनिया के सामने ट्रंप को मंच पर बेइज्जत होना पड़ा और जब ट्रंप यूएन में भाषण दे रहे थे। कैसे बिल्डिंग के बाहर उनके खिलाफ भयंकर बवाल हो गया। दरअसल, दुनिया को परेशान करने वाले ट्रंप के साथ अब कुछ ऐसा हो रहा है कि जिससे उनका मजाक बनकर रह गया है। ट्रंप अपने झूठे एजेंडे के तहत दुनिया को शांति का बड़ा मंच कहे जाने वाले यूएन में पहुंचे थे। लेकिन यहां उनकी खूब किरकिरी हुई। सबसे पहले जब ट्रंप भाषण देने यूएन हॉल में जा रहे थे। तभी एक्सीलेटर बंद हो गया। जिसके बाद उन्हें अपनी पत्नी के साथ सीढ़ियों से जाना पड़ा। इसे भी पढ़ें: भारत के परमाणु बम जखीरे की बढ़ी रफ्तार, चीन-पाक हैरान, इस्लामाबाद-बीजिंग सब बस एक बटन की दूरी परइसके बाद ट्रंप की फजीहत तब हुई जब वो भाषण देने आए और उनके टेलीप्रॉप्टर ने काम करना बंद कर दिया।  टेलीप्रॉप्टर बंद होने के बाद ट्रंप इधर उधर देखने लगे। फिर इसका जिक्र करते हुए ट्रंप ने कहा कि इस टेलीप्रॉप्टर को जो चला रहा है, वो मुसीबत में है। ट्रंप की ये बात सुनकर सभा में बैठे सभी लोग जोर जोर से हंसने लगे। यूएन में ट्रंप की इस फजीहत की रूस ने भी खूब मजे लिए। इस दौरान रूसी डिप्लोमैट ने यूएन में ट्रंप के भाषण का वीडियो बनाते हुए दिखाई दिए और मजाक उड़ाते हुए ठहाके भी लगाए।इसे भी पढ़ें: सोनम वांगचुक पर्यावरण कार्यकर्ता हैं या साजिशकर्ता? उनके आंदोलन संयोग हैं या कोई 'विदेशी प्रयोग'?इसके अलावा ट्रंप की इस बात पर भी किरकिरी हुई जब वो भाषण दे रहे थे तो बिल्डिंग के बाहर उनकी नीतियों और बेतुके फैसलों के खिलाफ लोगों ने खूब प्रदर्शन किया। जमकर बवाल काटा। यूएन में ट्रंप ने ऐसी गलती कर दी जिसका अब दुनियाभर में मजाक उड़ रहा है। लोग कह रहे हैं कि ट्रंप का अब मानसिक संतुलन बिगड़ चुका है और उनकी यादाश्त कमजोर हो चुकी है। दरअसल, यूएन में नेताओं को बोलने के लिए 15 मिनट का समय दिया जाता है। लेकिन ट्रंप या तो यादश्त कमजोरी के चलते इस परंपरा को भूल गए या फिर जानबूझकर उन्होंने 56 मिनट तक भाषण दिया। ये किसी भी अमेरिका के राष्ट्रपति का सबसे लंबा भाषण था।  इसे भी पढ़ें: मैं तालिबानी हूं...America में बैठकर भारत पर झूठ बोलते रहे युनूस, लगाए कई गंभीर इल्जामभड़क गए ट्रंप ट्रम्प ने अपने ट्रुथ सोशल प्लेटफ़ॉर्म पर 357 शब्दों का एक बयान पोस्ट किया, जिसमें उन्होंने घटनाओं का अपना विवरण दिया और स्थिति को "वास्तव में शर्मनाक" बताया। ट्रंप ने लिखा कि एक नहीं, दो नहीं, बल्कि तीन बेहद भयावह घटनाएँ! पहली घटना ट्रम्प और प्रथम महिला के संयुक्त राष्ट्र परिसर पहुँचने के कुछ ही देर बाद हुई। जैसे ही वे मुख्य तल के पास पहुँचे, उन्हें ऊपर ले जाने वाला एस्केलेटर अचानक रुक गया। दूसरा मुद्दा कुछ ही देर बाद उठा जब ट्रंप महासभा को संबोधित करने के लिए प्रतिष्ठित हरे संगमरमर के मंच पर चढ़े। उन्होंने कहा कि उनका टेलीप्रॉम्प्टर शुरू में ही खराब हो गया था, जिससे उन्हें अपने भाषण के कुछ हिस्सों को बिना किसी बदलाव के बोलना पड़ा। तीसरी समस्या हॉल के ऑडियो सिस्टम से जुड़ी थी। ट्रंप के अनुसार, कई प्रतिनिधि उनकी बात सुन नहीं पा रहे थे।इसे भी पढ़ें: Bihar Assembly Elections 2025: बिहार विधानसभा चुनाव की घोषणा छह अक्टूबर के बाद, जानिए वोटिंग छठ-दीवाली के बीच होगी या बाद मेंसंयुक्त राष्ट्र ने क्या प्रतिक्रिया दीसंयुक्त राष्ट्र ने बढ़ते विवाद पर तुरंत प्रतिक्रिया दी। महासचिव एंटोनियो गुटेरेस के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने एक विस्तृत बयान जारी कर घटना का विवरण दिया। दुजारिक ने बताया कि राष्ट्रपति के आगमन के दौरान, अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल का एक वीडियोग्राफर ट्रम्प और मेलानिया के प्रवेश की फुटेज रिकॉर्ड करने के लिए एस्केलेटर पर पीछे की ओर चल रहा था। जैसे ही वीडियोग्राफर एस्केलेटर के ऊपर पहुँचा, प्रथम महिला और राष्ट्रपति नीचे से उस पर चढ़ गए। ठीक सुबह 9:50 बजे, एस्केलेटर अचानक रुक गया। समूह के दूसरी मंजिल पर पहुँचने के बाद, पास में तैनात एक संयुक्त राष्ट्र तकनीशियन ने एस्केलेटर को रीसेट कर दिया। घटना के बाद, एस्केलेटर की सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट की डायग्नोस्टिक जाँच की गई। दुजारिक के अनुसार, जाँच से पता चला कि कॉम्ब स्टेप मैकेनिज्म नामक एक अंतर्निहित सुरक्षा सुविधा चालू हो गई थी। यह सुविधा मशीन को रोकने के लिए डिज़ाइन की गई है, यदि कोई वस्तु या व्यक्ति ऊपर या नीचे गियरिंग के बहुत करीब आ जाता है, जिससे संभावित चोट या यांत्रिक क्षति को रोका जा सकता है। हालांकि, संयुक्त राष्ट्र के एक अधिकारी ने स्पष्ट किया कि राष्ट्रपति के संबोधन के दौरान इस्तेमाल किया गया टेलीप्रॉम्प्टर व्हाइट हाउस के कर्मचारियों द्वारा संचालित किया गया था, न कि संयुक्त राष्ट्र कर्मियों द्वारा।

Sep 25, 2025 - 20:37
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UN में 3 रहस्मयी घटनाओं से हुई ट्रंप की बेइज्जती, भीड़ ने घेरकर जो किया, व्हाइट हाउस में मचा हड़कंप

सुपर पावर की सनक में दुनिया को धमकाने वाले ट्रंप की इन दिनों खूब फजीहत हो रही है। शांति की बात करके शांति फैलाने की बात करने वाले ट्रंप की इस बार ऐसी बेइज्जती हुई कि दुनिया भी हैरान है। दुनिया के सामने ट्रंप को मंच पर बेइज्जत होना पड़ा और जब ट्रंप यूएन में भाषण दे रहे थे। कैसे बिल्डिंग के बाहर उनके खिलाफ भयंकर बवाल हो गया। दरअसल, दुनिया को परेशान करने वाले ट्रंप के साथ अब कुछ ऐसा हो रहा है कि जिससे उनका मजाक बनकर रह गया है। ट्रंप अपने झूठे एजेंडे के तहत दुनिया को शांति का बड़ा मंच कहे जाने वाले यूएन में पहुंचे थे। लेकिन यहां उनकी खूब किरकिरी हुई। सबसे पहले जब ट्रंप भाषण देने यूएन हॉल में जा रहे थे। तभी एक्सीलेटर बंद हो गया। जिसके बाद उन्हें अपनी पत्नी के साथ सीढ़ियों से जाना पड़ा। 

इसे भी पढ़ें: भारत के परमाणु बम जखीरे की बढ़ी रफ्तार, चीन-पाक हैरान, इस्लामाबाद-बीजिंग सब बस एक बटन की दूरी पर

इसके बाद ट्रंप की फजीहत तब हुई जब वो भाषण देने आए और उनके टेलीप्रॉप्टर ने काम करना बंद कर दिया।  टेलीप्रॉप्टर बंद होने के बाद ट्रंप इधर उधर देखने लगे। फिर इसका जिक्र करते हुए ट्रंप ने कहा कि इस टेलीप्रॉप्टर को जो चला रहा है, वो मुसीबत में है। ट्रंप की ये बात सुनकर सभा में बैठे सभी लोग जोर जोर से हंसने लगे। यूएन में ट्रंप की इस फजीहत की रूस ने भी खूब मजे लिए। इस दौरान रूसी डिप्लोमैट ने यूएन में ट्रंप के भाषण का वीडियो बनाते हुए दिखाई दिए और मजाक उड़ाते हुए ठहाके भी लगाए।

इसे भी पढ़ें: सोनम वांगचुक पर्यावरण कार्यकर्ता हैं या साजिशकर्ता? उनके आंदोलन संयोग हैं या कोई 'विदेशी प्रयोग'?

इसके अलावा ट्रंप की इस बात पर भी किरकिरी हुई जब वो भाषण दे रहे थे तो बिल्डिंग के बाहर उनकी नीतियों और बेतुके फैसलों के खिलाफ लोगों ने खूब प्रदर्शन किया। जमकर बवाल काटा। यूएन में ट्रंप ने ऐसी गलती कर दी जिसका अब दुनियाभर में मजाक उड़ रहा है। लोग कह रहे हैं कि ट्रंप का अब मानसिक संतुलन बिगड़ चुका है और उनकी यादाश्त कमजोर हो चुकी है। दरअसल, यूएन में नेताओं को बोलने के लिए 15 मिनट का समय दिया जाता है। लेकिन ट्रंप या तो यादश्त कमजोरी के चलते इस परंपरा को भूल गए या फिर जानबूझकर उन्होंने 56 मिनट तक भाषण दिया। ये किसी भी अमेरिका के राष्ट्रपति का सबसे लंबा भाषण था।  

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भड़क गए ट्रंप 

ट्रम्प ने अपने ट्रुथ सोशल प्लेटफ़ॉर्म पर 357 शब्दों का एक बयान पोस्ट किया, जिसमें उन्होंने घटनाओं का अपना विवरण दिया और स्थिति को "वास्तव में शर्मनाक" बताया। ट्रंप ने लिखा कि एक नहीं, दो नहीं, बल्कि तीन बेहद भयावह घटनाएँ! पहली घटना ट्रम्प और प्रथम महिला के संयुक्त राष्ट्र परिसर पहुँचने के कुछ ही देर बाद हुई। जैसे ही वे मुख्य तल के पास पहुँचे, उन्हें ऊपर ले जाने वाला एस्केलेटर अचानक रुक गया। दूसरा मुद्दा कुछ ही देर बाद उठा जब ट्रंप महासभा को संबोधित करने के लिए प्रतिष्ठित हरे संगमरमर के मंच पर चढ़े। उन्होंने कहा कि उनका टेलीप्रॉम्प्टर शुरू में ही खराब हो गया था, जिससे उन्हें अपने भाषण के कुछ हिस्सों को बिना किसी बदलाव के बोलना पड़ा। तीसरी समस्या हॉल के ऑडियो सिस्टम से जुड़ी थी। ट्रंप के अनुसार, कई प्रतिनिधि उनकी बात सुन नहीं पा रहे थे।

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संयुक्त राष्ट्र ने क्या प्रतिक्रिया दी

संयुक्त राष्ट्र ने बढ़ते विवाद पर तुरंत प्रतिक्रिया दी। महासचिव एंटोनियो गुटेरेस के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने एक विस्तृत बयान जारी कर घटना का विवरण दिया। दुजारिक ने बताया कि राष्ट्रपति के आगमन के दौरान, अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल का एक वीडियोग्राफर ट्रम्प और मेलानिया के प्रवेश की फुटेज रिकॉर्ड करने के लिए एस्केलेटर पर पीछे की ओर चल रहा था। जैसे ही वीडियोग्राफर एस्केलेटर के ऊपर पहुँचा, प्रथम महिला और राष्ट्रपति नीचे से उस पर चढ़ गए। ठीक सुबह 9:50 बजे, एस्केलेटर अचानक रुक गया। समूह के दूसरी मंजिल पर पहुँचने के बाद, पास में तैनात एक संयुक्त राष्ट्र तकनीशियन ने एस्केलेटर को रीसेट कर दिया। घटना के बाद, एस्केलेटर की सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट की डायग्नोस्टिक जाँच की गई। दुजारिक के अनुसार, जाँच से पता चला कि कॉम्ब स्टेप मैकेनिज्म नामक एक अंतर्निहित सुरक्षा सुविधा चालू हो गई थी। यह सुविधा मशीन को रोकने के लिए डिज़ाइन की गई है, यदि कोई वस्तु या व्यक्ति ऊपर या नीचे गियरिंग के बहुत करीब आ जाता है, जिससे संभावित चोट या यांत्रिक क्षति को रोका जा सकता है। हालांकि, संयुक्त राष्ट्र के एक अधिकारी ने स्पष्ट किया कि राष्ट्रपति के संबोधन के दौरान इस्तेमाल किया गया टेलीप्रॉम्प्टर व्हाइट हाउस के कर्मचारियों द्वारा संचालित किया गया था, न कि संयुक्त राष्ट्र कर्मियों द्वारा।