नया जम्मू-कश्मीर! NSE पर निवेशकों ने रचा इतिहास, एक दशक में 10 गुना बढ़ोतरी
जम्मू-कश्मीर ने पिछले 10 वर्ष में नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) पर निवेशक आधार में 10 गुना वृद्धि दर्ज की है, जो बढ़ती वित्तीय जागरूकता एवं औपचारिक वित्तीय प्रणालियों में बढ़ते विश्वास को दर्शाता है। एनएसई के आंकड़ों के अनुसार, जम्मू-कश्मीर में निवेशक आधार 2015 में 65,000 से बढ़कर 2025 में 6.51 लाख हो गया जो 10 गुना वृद्धि दर्शाता है। वहीं समग्र राष्ट्रीय निवेशक आधार 2015 में 1.79 करोड़ से बढ़कर 2025 में 11.28 करोड़ हो गया जो 6.2 गुना वृद्धि दर्शाता है।इसे भी पढ़ें: विकसित भारत की ओर बड़ा कदम! Google विशाखापत्तनम में खोलेगा $15 अरब का AI सेंटर एनएसई के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) आशीष कुमार चौहान ने कहा कि जम्मू-कश्मीर से बढ़ती भागीदारी देश के गहन वित्तीय समावेश और औपचारिक पूंजी बाजारों में बढ़ते विश्वास को दर्शाती है। उन्होंने निवेशकों से आग्रह किया कि वे जानकारी रखें और सट्टेबाजी के बजाय दीर्घकालिक, ज्ञान-आधारित निवेश पर ध्यान केंद्रित करें। चौहान ने कहा, ‘‘ जब आप शेयर बाजार में निवेश करते हैं, तो आप अनिवार्य रूप से एक उद्यमी बन रहे होते हैं और व्यवसायों की वृद्धि में योगदान दे रहे होते हैं।’’इसे भी पढ़ें: भारत बनेगा AI का पावरहाउस! Google विशाखापत्तनम में 87,520 करोड़ का मेगा AI डेटा सेंटर बनाएगा एनएसई के एक अधिकारी ने बताया कि 2010 में जम्मू-कश्मीर में निवेशकों की संख्या 40,000 थी जो 2014 में बढ़कर 60,000, 2015 में 65,000 और 2016 में 70,000 हो गई। अधिकारी ने कहा, ‘‘ कोविड-19 वैश्विक महामारी से ठीक पहले 2019 में यह संख्या एक लाख के आंकड़े को पार कर गई थी। तब से यह 2025 में बढ़कर 6.5 लाख हो गई है और वित्त वर्ष 2025-26 में इसके 7.1 लाख तक पहुंचने का अनुमान है।’’ नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया के मुख्य अर्थशास्त्री तीर्थंकर पटनायक ने कहा, ‘‘ निवेशक आधार में यह वृद्धि बेहतर इंटरनेट संपर्क, बढ़ती वित्तीय जागरूकता और औपचारिक वित्तीय प्रणालियों में बढ़ते विश्वास से प्रेरित है। ऐसा प्रतीत होता है कि यह काफी हद तक युवाओं द्वारा संचालित है।’’ अधिकारी ने बताया कि जम्मू-कश्मीर में नए निवेशकों की संख्या भी मई 2025 में 7,500 से बढ़कर जून में 8,400 और इस साल जुलाई में 10,010 हो गई है। एनएसई के आंकड़ों के अनुसार, इस बदलाव में महिलाएं भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं...‘‘ जम्मू-कश्मीर के निवेशक आधार में महिलाओं की भागीदारी 25 प्रतिशत है, जो राष्ट्रीय औसत 16.3 प्रतिशत से अधिक है।

जम्मू-कश्मीर ने पिछले 10 वर्ष में नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) पर निवेशक आधार में 10 गुना वृद्धि दर्ज की है, जो बढ़ती वित्तीय जागरूकता एवं औपचारिक वित्तीय प्रणालियों में बढ़ते विश्वास को दर्शाता है। एनएसई के आंकड़ों के अनुसार, जम्मू-कश्मीर में निवेशक आधार 2015 में 65,000 से बढ़कर 2025 में 6.51 लाख हो गया जो 10 गुना वृद्धि दर्शाता है। वहीं समग्र राष्ट्रीय निवेशक आधार 2015 में 1.79 करोड़ से बढ़कर 2025 में 11.28 करोड़ हो गया जो 6.2 गुना वृद्धि दर्शाता है।
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एनएसई के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) आशीष कुमार चौहान ने कहा कि जम्मू-कश्मीर से बढ़ती भागीदारी देश के गहन वित्तीय समावेश और औपचारिक पूंजी बाजारों में बढ़ते विश्वास को दर्शाती है। उन्होंने निवेशकों से आग्रह किया कि वे जानकारी रखें और सट्टेबाजी के बजाय दीर्घकालिक, ज्ञान-आधारित निवेश पर ध्यान केंद्रित करें। चौहान ने कहा, ‘‘ जब आप शेयर बाजार में निवेश करते हैं, तो आप अनिवार्य रूप से एक उद्यमी बन रहे होते हैं और व्यवसायों की वृद्धि में योगदान दे रहे होते हैं।’’
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एनएसई के एक अधिकारी ने बताया कि 2010 में जम्मू-कश्मीर में निवेशकों की संख्या 40,000 थी जो 2014 में बढ़कर 60,000, 2015 में 65,000 और 2016 में 70,000 हो गई। अधिकारी ने कहा, ‘‘ कोविड-19 वैश्विक महामारी से ठीक पहले 2019 में यह संख्या एक लाख के आंकड़े को पार कर गई थी। तब से यह 2025 में बढ़कर 6.5 लाख हो गई है और वित्त वर्ष 2025-26 में इसके 7.1 लाख तक पहुंचने का अनुमान है।’’
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया के मुख्य अर्थशास्त्री तीर्थंकर पटनायक ने कहा, ‘‘ निवेशक आधार में यह वृद्धि बेहतर इंटरनेट संपर्क, बढ़ती वित्तीय जागरूकता और औपचारिक वित्तीय प्रणालियों में बढ़ते विश्वास से प्रेरित है। ऐसा प्रतीत होता है कि यह काफी हद तक युवाओं द्वारा संचालित है।’’ अधिकारी ने बताया कि जम्मू-कश्मीर में नए निवेशकों की संख्या भी मई 2025 में 7,500 से बढ़कर जून में 8,400 और इस साल जुलाई में 10,010 हो गई है। एनएसई के आंकड़ों के अनुसार, इस बदलाव में महिलाएं भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं...‘‘ जम्मू-कश्मीर के निवेशक आधार में महिलाओं की भागीदारी 25 प्रतिशत है, जो राष्ट्रीय औसत 16.3 प्रतिशत से अधिक है।