जमुई में दुर्गा पूजा पर धारा 144 लागू:29 सितंबर से 4 अक्टूबर तक,एसडीएम बोले-आदेश न मानने वालों पर दर्ज होगा आपराधिक मामला
जमुई में दुर्गा पूजा को देखते हुए शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए प्रशासन ने कड़ा रुख अपनाया है। अनुमंडल दंडाधिकारी (एसडीएम) सौरव कुमार ने घोषणा की है कि, 29 सितंबर से 4 अक्टूबर तक पूरे अनुमंडल क्षेत्र में दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 163 बी.एन.एस.एस (144) लागू रहेगी। प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि, पूजा के दौरान शांति और सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने का कोई भी प्रयास बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। यह आदेश प्रतिमा स्थापना, जुलूस, शोभायात्रा और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के दौरान होने वाले संभावित विवादों को रोकने के लिए जारी किया गया है। प्रशासन ने तत्काल कार्रवाई की दी चेतावनी अक्सर जुलूस के मार्ग, विसर्जन स्थल और डीजे बजाने को लेकर छोटे-छोटे विवाद बड़े तनाव का रूप ले लेते हैं। प्रशासन ने ऐसे हालात पर कड़ी निगरानी रखने और किसी भी गड़बड़ी पर तत्काल कार्रवाई करने की चेतावनी दी है। HC के आदेश पालन अनिवार्य निषेधाज्ञा के अंतर्गत हथियार लेकर चलना, अश्लील गाने बजाना, महिलाओं से अभद्रता करना और बीमारों को अस्पताल ले जाने में बाधा डालना सख्त वर्जित है। पटना उच्च न्यायालय के आदेश (सीडब्ल्यूजेसी नं. 18942/2015) का पालन अनिवार्य किया गया है। ध्वनि का रखें ध्यान, अधिक शोर पर कार्रवाई जिसके तहत रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक डीजे, ढोल, ट्रंपेट, साउंड सिस्टम और पटाखों के इस्तेमाल पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। दिन के समय भी ध्वनि प्रदूषण की निर्धारित सीमा से अधिक शोर की अनुमति नहीं होगी। एसडीएम ने स्पष्ट किया है कि आदेश का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया जाएगा। हाईकोर्ट की अवमानना के तहत कठोर कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने सभी प्रखंड विकास पदाधिकारियों, अंचल अधिकारियों और थानाध्यक्षों को इस आदेश का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है।
जमुई में दुर्गा पूजा को देखते हुए शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए प्रशासन ने कड़ा रुख अपनाया है। अनुमंडल दंडाधिकारी (एसडीएम) सौरव कुमार ने घोषणा की है कि, 29 सितंबर से 4 अक्टूबर तक पूरे अनुमंडल क्षेत्र में दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 163 बी.एन.एस.एस (144) लागू रहेगी। प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि, पूजा के दौरान शांति और सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने का कोई भी प्रयास बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। यह आदेश प्रतिमा स्थापना, जुलूस, शोभायात्रा और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के दौरान होने वाले संभावित विवादों को रोकने के लिए जारी किया गया है। प्रशासन ने तत्काल कार्रवाई की दी चेतावनी अक्सर जुलूस के मार्ग, विसर्जन स्थल और डीजे बजाने को लेकर छोटे-छोटे विवाद बड़े तनाव का रूप ले लेते हैं। प्रशासन ने ऐसे हालात पर कड़ी निगरानी रखने और किसी भी गड़बड़ी पर तत्काल कार्रवाई करने की चेतावनी दी है। HC के आदेश पालन अनिवार्य निषेधाज्ञा के अंतर्गत हथियार लेकर चलना, अश्लील गाने बजाना, महिलाओं से अभद्रता करना और बीमारों को अस्पताल ले जाने में बाधा डालना सख्त वर्जित है। पटना उच्च न्यायालय के आदेश (सीडब्ल्यूजेसी नं. 18942/2015) का पालन अनिवार्य किया गया है। ध्वनि का रखें ध्यान, अधिक शोर पर कार्रवाई जिसके तहत रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक डीजे, ढोल, ट्रंपेट, साउंड सिस्टम और पटाखों के इस्तेमाल पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। दिन के समय भी ध्वनि प्रदूषण की निर्धारित सीमा से अधिक शोर की अनुमति नहीं होगी। एसडीएम ने स्पष्ट किया है कि आदेश का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया जाएगा। हाईकोर्ट की अवमानना के तहत कठोर कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने सभी प्रखंड विकास पदाधिकारियों, अंचल अधिकारियों और थानाध्यक्षों को इस आदेश का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है।